दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित 42वें विश्व व्यापार मेले में एक बार फिर परंपरा, क्राफ्ट, कला एवं संस्कृति से सराबोर “वोकल फॉर लोकल, लोकल टू ग्लोबल” थीम के साथ, 14 नवंबर से 27 नवंबर तक प्रसिद्ध सरस आजीविका मेला 2023 का आयोजन किया जा रहा है। प्रगति मैदान के हॉल नंबर–7 (ए, बी, सी) में 14 से 27 नवंबर तक चलने वाले इस मेले में देश भर के हस्तकरघा एवं हस्तशिल्प के उत्कृष्ट सामानों की बिक्री एवं सह प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज संस्थान (एनआईआरडीपीआर) द्वारा आयोजित इस सरस आजीविका मेला 2023 में ग्रामीण भारत की शिल्पकलाओं का मुख्य रूप से प्रदर्शन किया जा रहा है। 14 नवंबर से 27 नवंबर तक चलने वाले इस उत्सव में 300 के करीब महिला शिल्प कलाकार, 160 स्टॉलों पर अपनी अपनी उत्कृष्ट प्रदर्शनी का प्रदर्शन कर रहे हैं।
ज्ञात हो कि ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार और राष्ट्रीय ग्रामीण विकास व पंचायती राज संस्थान पिछले 25 वर्षों से सरस मेलों का आयोजन कर रहे है जिससे लाखों ग्रामीण महिलाओं को रोज़गार के साधन मुहैया हुए है और लाखों महिलाओं ने मार्केटिंग के गुर सीखे हैं। इस वर्ष सरस मेलों की रजत जयंती है। इस वर्ष क़रीब 160 स्टाल लगी है जिसमें 28 राज्यों की स्वयं सहायता समूहों की 300 से ज़्यादा ग्रामीण महिलाओं ने भाग लिया
ग्रामीण विकास मंत्रालय दीन दयाल अन्त्योदय योजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत एन.आई. आर.डी.पी.आर के सहयोग से ग्रामीण महिला स्वयं सहायता समूहों को अपने उत्पाद बेचने के लिए सरस मेलों के माध्यम से मार्केटिंग का प्लेटफ़ॉर्म उपलब्ध करवा रहा है। सरस मेलों के माध्यम से ग्रामीण महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों को शहरी ग्राहकों से सीधे संवाद करने व बाज़ार की रूचि जानने व उसी के अनुसार अपने उत्पादों की पैकेजिग सुधार करके उत्पादों का मूल्य निर्धारण करने का अवसर मिलता है।