भाजपा ने दिया आम जनता को धोखा, चरम पर पहुँच चुकी महंगाई के बीच प्राइवेट स्कूलों को मनमर्जी

10 अप्रैल, नई दिल्ली – अरविंद केजरीवाल मॉडल ऑफ़ गवर्नेंस बनाम भाजपा के गवर्नेंस मॉडल के बीच फर्क साफ़ है| एक ओर जहाँ पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार आने के महज 10 दिनों में भीतर मुख्यमंत्री भगवंत मान जी ने आदेश जारी करते हुए कहा कि प्राइवेट स्कूल मनमर्जी फीस नहीं बढ़ा सकेंगे वहीँ चुनाव जीतने के तुरंत बाद उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार ने प्रदेश में प्राइवेट स्कूलों को फीस बढ़ाकर पेरेंट्स को लूटने का खुली छुट देने का प्रस्ताव पारित किया है| भाजपा के शिक्षा-विरोधी चरित्र का पर्दाफाश करते हुए रविवार को आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता व दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ये बातें कही|

श्री सिसोदिया ने कहा कि एक ओर आम आदमी पार्टी की सरकार प्राइवेट स्कूलों की फीस बढ़ोतरी को रोकने के लिए प्रस्ताव लेकर आती है तो वहीं दूसरी ओर भाजपा अपने शासित राज्य में प्राइवेट स्कूलों को ये खुली छुट देती है कि प्राइवेट स्कूल मनमर्जी फीस बढ़ाकर पेरेंट्स को लूटे| उन्होंने कहा कि भाजपा से उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों ठीक नहीं किए जा रहे, प्रदेश में सरकारी स्कूलों बर्बाद हो चुके है, बंद पड़े है, बेचे जा रहे हैं| और जब पेरेंट्स अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ा रहे है तो भाजपा की सरकार प्राइवेट स्कूलों को फीस बढ़ाने की छुट दे रही है बावजूद इसके जब कोरोना के बाद लोगों की नौकरियां चली गई है और महंगाई अपने चरम पर है| ऐसे में आम आदमी आखिर जाए तो जाए कहां?

मनीष सिसोदिया ने कहा कि 2015 में अरविंद केजरीवाल जी के सरकार में आने के बाद पिछले 7 सालों में दिल्ली में प्राइवेट स्कूलों को फीस बढ़ाने से रोका गया है| वरना इससे पहले तक प्राइवेट स्कूल हर साल 10 से 30 फीसदी तक फीस बढ़ाते थे पर केजरीवाल जी के आने के तुरंत बाद से इसपर पाबंदी लगा दी गई| आज दिल्ली में यदि किसी प्राइवेट स्कूल को फीस बढ़ानी होती है तो वो सरकार से संपर्क करते है| सरकार उनके खातों की जाँच करती है तथा ये देखती है कि क्या वाकई में टीचर्स की सैलरी देने या अन्य खर्चों के वहन के लिए स्कूल को फीस बढ़ाने की जरुरत है या नहीं और आवश्यकता होने पर ही फीस बढ़ाने की अनुमति देती है|

श्री सिसोदिया ने कहा कि सत्ता में आने के तुरंत बाद पंजाब में भी वहां के मुख्यमंत्री भगवंत मान जी अरविंद केजरीवाल मॉडल ऑफ़ गवर्नेंस पर काम करते हुए प्राइवेट स्कूलों को फीस बढ़ाने से रोका है| लेकिन वही दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश की सत्ता में आते ही भाजपा ने आम जनता को धोखा देने का काम किया है| भाजपा से प्रदेश के सरकारी स्कूलों को ठीक कर उन्हें प्राइवेट स्कूलों के स्तर तक तो लाया नहीं गया उलटे भाजपा की सरकार प्राइवेट स्कूलों से सांठगांठ कर उन्हें फीस बढ़ाने की अनुमति दे रही है| ऐसे में ये साफ़ है कि भाजपा देश को अनपढ़ बनाकर रखना चाहती है और नहीं चाहती कि आम जनता के बच्चे पढ़-लिख पाएँ| क्या यही है भाजपा का गवर्नेंस मॉडल जहाँ एक तरफ जनता पर महंगाई की मार पड़ रही है तो दूसरी तरफ भाजपा की सरकारी प्राइवेट स्कूलों को
फीस बढ़ाने की मंजूरी दे रही है| मनीष सिसोदिया ने भाजपा को नसीहत देते हुए कहा कि भाजपा की सरकार पेरेंट्स के हितों का ध्यान रखे न कि उन्हें लुटने के लिए मजबूर करें|

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