भानू सहाय ने पुलिस अभिरक्षा में अस्पताल जाकर अपना चिकित्सीय परीक्षण उपरांत बैठे पुन:आमरण अनशन पर

 

बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा द्वारा निर्वस्त्र अर्द्ध विक्षिप्त महिला को दो दिन पूर्व कराया था भर्ती। महिला हुई गायब।
प्रशासन द्वारा मांगे समय गुजर जाने के बाद भी उक्त महिला नहीं हुई बरामद।

झांसी बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा के भानु सहाय अध्यक्ष द्वारा 29 सितंबर 2022 को जिला अस्पताल में अन्नशन शुरू होना था ।लेकिन पुलिस प्रशासन की तानाशाही के चलते भानू सहाय को हाउस अरेस्ट कर दिया। जिससे खिन्न होकर प्रात: 10:30 बजे भानू सहाय ने घोषणा कर अपने अनशन को आमरण अनशन में परिवर्तित कर दिया।
भानू सहाय ने अपने वक्तव्य में कहा कि हम बुंदेलखंडियो की भावना को कोई आहत नही कर सकता। स्थानीय प्रशासन, राजनैतिक दलों एव गैर राजनैतिक(समाजसेवी) संगठनों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि उन्हे शर्म से चुल्लू भर पानी में डूब कर मर जाना चाहिए क्योंकि जब किसी अन्य प्रांत में कोई बहन बेटियों की घटनाओं पर हमारे समाजसेवी संगठनों संस्थाओं एव जनप्रतिनिधि चाहें वह वर्तमान हो पूर्व कैंडल मार्च निकाल कर समाज को क्या संदेश देते है को अमुक परिवार के साथ संतावना देने में फोटो अखबार समाचार में अपनी बात कह कर इति श्री कर लेते है।
जब झांसी के समाचार पत्रों से मिली जानकारी में बताया कि श्रीजी चौराहा के निकट एक निर्वस्त्र अर्द्ध विक्षिप्त महिला पड़ी हैं उक्त महिला बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा द्वारा चार दिन पहले दिन पूर्व जिला एव पुलिस प्रशासन को सूचित कर नग्न अर्द्ध विक्षिप्त महिला को जिला अस्पताल के महिला वार्ड के 10 न पलंग पर भर्ती कराया गया था लेकिन अस्पताल प्रशासन की घोर लापरवाही के चलते उक्त महिला दूसरे दिन अस्पताल से गायब हो गई।जिसकी जानकारी जिला/पुलिस प्रशासन को दी गई ,कोई संज्ञान नहीं लिया गया तब मजबूरन भानू सहाय केंद्रीय अध्यक्ष बुंदेलखंड निर्माण मोर्चा को अनशन पर बैठना पड़ा।
कहां गए वह महिला समाजसेवी संगठन जो कैंडल मार्च निकालने अखबार में फोटो छपवाने टी वी चैनलो पर अपनी बात रखने की होड़ मचाते है, कोई राजनैतिक दल,अबतक सामने आकर अपनी बात नही कही। सदर विधायक पंडित रवि शर्मा ही ऐसे व्यक्त्तिव के धनी है जिन्होंने दूरभाष पर भानू सहाय से उस अर्द्ध विक्षिप्त नग्न महिला के बारे में पूंछा। स्वास्थ्य खराब होते ही भानू सहाय को अपना चिकित्सीय परीक्षण कराने पुलिस अभिरक्षा में अस्पताल जाकर अपना चिकित्सीय परीक्षण उपरांत बैठे पुन:आमरण अनशन पर ।

जिला एव पुलिस प्रशासन के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के आश्वासन पर क्षेत्राधिकारी नगर, निरीक्षक शहर कोतवाल, प्रभारी मिनर्वा चौकी द्वारा 24 घंटे का समय मांग कर धरना स्थगित कराया।
लेकिन अब 48 घंटे से अधिक समय गुजर जाने के बाद भी पुलिस प्रशासन उक्त महिला को बरामद नही कर पाई।यह पुलिस प्रशासन की एक बड़ी नाकामी हैं।
आमरण अनशन में मुख्य रूप से रघुराज शर्मा, गिरजा शंकर राय , हनीफ ख़ान , बंटी दुबे, गोलू ठाकुर,प्रदीप गुर्जर, कुंवर बहादुर आदिम, हमीदा अंजुम, प्रदीप नाथ झा , गोलू ठाकुर , बंटी दुबे, विकास पुरी, नौशाद खान प्रदीप कुमार गुर्जर, प्रेम सपेरा , नरेश वर्मा, बृजेश राय, अनिल कश्यप, विजय रायकवार, अरुण रायकवार, शंकर रायकवार, सतेंद्र श्रीवास्तव, गोविंद सोनकर, दुली चंद्र कुशवाहा, ऋषी भारती,राघवेंद्र यादव,हर भजन गुप्ता, अंकुश वर्मा आदि उपस्थित रहे।

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