नई दिल्ली नगरपालिका परिषद ने अधिकारियों के लिए सीवीसी-श्री सुरेश एन पटेल का देखिए कैसे किया व्याख्यान आयोजित

नई दिल्ली नगरपालिका परिषद ने अधिकारियों के लिए सीवीसी-श्री सुरेश एन पटेल का देखिए कैसे किया व्याख्यान आयोजित

संवाददाता बृजेश कुमार

नई दिल्ली नगरपालिका परिषद 31 अक्टूबर से 6 नवंबर, 2022 तक सतर्कता जागरूकता सप्ताह मना रही है। इस श्रृंखला में एक लोक सेवक के रूप में सरकारी कामकाज और सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी के महत्व पर जोर देने के लिए पालिका परिषद के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए एक व्याख्यान आयोजित किया।
 

एक सप्ताह तक चलने वाले उत्सव के तहत, नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) ने आज एनडीसीसी कन्वेंशन सेंटर, जय सिंह रोड, नई दिल्ली में मुख्य सतर्कता आयुक्त, श्री सुरेश एन पटेल द्वारा एक व्याख्यान का आयोजन किया।
इस अवसर पर पालिका परिषद अध्यक्ष श्री अमित यादव, सीवीओ श्रीमती गरिमा सिंह, पालिका परिषद के सचिव श्री विक्रम सिंह मलिक, निदेशक (सतर्कता) श्री आरएन सिंह सहित सभी विभागाध्यक्षों, वरिष्ठ अधिकारियों और कर्मचारियों ने कार्यक्रम में भाग लिया।
 

अपने संबोधन में श्री सुरेश एन. पटेल ने कहा कि हमारा राष्ट्र एक विकसित राष्ट्र बनने की ओर बढ़ रहा है, इसलिए इस वर्ष के सतर्कता जागरूकता सप्ताह का विषय “भ्रष्टाचार मुक्त भारत – विकसित भारत” अत्यंत तार्किक है।
 

उन्होंने कहा कि सतर्कता के ज्यादातर मामले ज्ञान के अभाव  और कर्मचारियों की सुस्ती के कारण होते हैं।  उन्होंने विजिलेंस से जुड़े मामलों के जल्द से जल्द निस्तारण पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि दोषियों को बिना समय बर्बाद किए दंडित किया जाना चाहिए ताकि अन्य कर्मचारियों के लिए एक उदाहरण स्थापित कर सकें।

कर्मचारियों के साथ बातचीत करते हुए, उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए नियमित प्रशिक्षण/कार्यशाला पर जोर दिया ताकि वे समय-समय पर अपने ज्ञान को बढ़ा सकें।

इस अवसर पर, पालिका परिषद के अध्यक्ष – श्री अमित यादव ने शिकायतों के समय पर निवारण करने पर ज़ोर दिया । उन्होंने पारदर्शिता बढ़ाने और भौतिक संपर्क को कम करके कुशल नगरपालिका शासन प्रदान करने के लिए एनडीएमसी द्वारा की गई डिजिटल पहल पर एक प्रस्तुति भी दी। उन्होंने यह भी कहा कि पालिका परिषद कर्मचारियों और अधिकारियों के कामकाज में सतर्कता जागरूकता सप्ताह की भावना को आत्मसात किया जाना चाहिए
अपने स्वागत भाषण में श्रीमती गरिमा सिंह ने निवारक सतर्कता पर जोर दिया ताकि दंडात्मक सतर्कता की जरूरत को कम किया जा सकें।

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