नगर पालिका परिषद गुरसरांय के अधिशासी अधिकारी ने शासन के नियम और आदेश से ऊपर हटकर अपना एक नया आदेश हुकुम जारी कर दिया है जिसमें गरीबी हटाने की जगह गरीब को ही पूरी तरह हटा दिया जावेगा तो गरीबी और बेरोजगारी की समस्या हमेशा के लिए अंत हो जाएगी विस्तृत जानकारी के मुताबिक 29 जनवरी 1996 को नगर पालिका परिषद गुरसरांय द्वारा बेरोजगारों को खासतौर से गरीब व्यक्तियों को रोजगार के लिए नगर पालिका परिषद द्वारा उस समय बनाई गई दुकानों को दुकान की अधिकतम बोली दस हजार रुपये लगने पर उप जिला अधिकारी तथा तहसीलदार गरौठा के समक्ष नीलामी प्रक्रिया पूरी हुई थी जिसकी जिलाधिकारी महोदय झांसी के द्वारा 20 जून 1996 को स्वीकृति दे दी गई थी और आदेश अनुसार अनुबंध पत्र लिखकर कब्जा 1 मार्च 1996 को पात्र गरीब लाभार्थियों को दिया गया था उक्त शासनादेश का वर्तमान में अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद गुरसरांय द्वारा पत्रांक 370/नगर पालिका परिषद गुरसरांय/आ० सू०/2022-23 यानी वर्तमान 2022 में जो दिनांक 3 अक्टूबर 2022 और 7 अक्टूबर 2022 (पत्रांक 416) द्वारा पुनः निर्धारित /संशोधित दुकान किराया सूचना पत्र जो किरायेदार गरीब दुकानदारों को अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद गुरसरांय द्वारा दिया गया है उसमें वर्ष 1996 का जो अनुबंध पत्र था
उसमें दुकान का किराया केवल हर 5 वर्षों में 10% की दर से बढ़ेगा इसमें आज तक वर्तमान में जो दुकानदार हैं अनुबंध पत्र का नियम और शर्तों का उल्लंघन नहीं किया गया यहां तक कि तब से आज तक दुकानदारों ने दुकानों की मरम्मत से लेकर रंगाई पुताई अपने खर्च पर ही की है अनुबंध पत्र में स्पष्ट उल्लेख है कि कोई भी पक्ष जबरन नियम व शर्तों को थोपता है तो अंतिम निर्णय जिलाधिकारी महोदय का मान्य होगा।इस प्रकार उस समय लगभग 30 दुकाने 30 दुकानदारों गरीब बेरोजगारों को रोजगार मिल सके के लिए नगर पालिका परिषद गुरसरांय द्वारा आवंटित की गई थी लेकिन अब वर्तमान अधिशासी अधिकारी द्वारा जबकि नगर पालिका परिषद के चुनाव का समय कुछ दिन ही शेष बचे हैं दुकानदारों को उक्त दुकानों की पुनः निर्धारित संशोधित दुकान किराया सूचना पत्र पर उनकी गरीबी और मजबूरी का फायदा उठाते हुए जबरिया सहमति पत्र पर हस्ताक्षर कराए हैं और यह खुलासा एक किरायेदार दुकान नंबर 5 सुरेश कुमार पुत्र छिदामी लाल दिए सूचना पत्र का जब विरोध कर आपत्ती दर्ज कराई तो सारी बातें अधिशासी अधिकारी द्वारा नियम विरुद्ध गरीब बेरोजगारों को उत्पीड़न और शासन के नियम प्रतिकूल उजागर हुआ है जिसकी आज 7 नवंबर को नीलामी संबंधी प्रक्रिया अपने मनमाफिक नियम बनाकर भारी रकम नीलामी शुल्क के रूप में जमा की है और इस संबंध में 4 नवंबर 2022 को नीलामी प्रक्रिया होनी थी जो बढ़ाकर 7 नवंबर 22 कर दी गई है इस प्रकार नगर पालिका परिषद गुरसरांय द्वारा गुरसरांय में कुछ ऐसी दुकानें भी हैं जो मौके पर निर्माण ही नहीं हुई और उनको निर्माणाधीन दर्शा कर एडवांस नीलामी की जा रही है इस प्रकार 4 नवंबर को होने वाली नीलामी प्रक्रिया पूरी तरह विवादों के घेरे में और चुनाव के चंद दिनों रहते नियम विरुद्ध जल्दबाजी में कहीं ना कहीं कुछ स्वार्थ के चक्कर में किया जाना अपने में इशारा कर रहा है।
क्या यह कानून है? 3 दिन में दो बार पुनः निर्धारित किराया सूचना पत्र
नगर पालिका परिषद गुरसरांय के अधिशासी अधिकारी के हस्ताक्षर पहले दिनांक 3 अक्टूबर 2022 को 700 सौ रूपये मासिक किराया बढ़ाकर पुनः निर्धारित किया गया फिर 7 अक्टूबर 2022 को नगर पालिका द्वारा पत्रांक 416 के माध्यम से पुनः निर्धारित संशोधित दुकान किराया बढ़ाकर 1098 रुपया पुनः निर्धारित किया गया है दोनों की छाया प्रति संलग्न है इस प्रकार आखिरकार अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद गुरसरांय द्वारा शासन के नियम विरुद्ध इस प्रकार की कार्यवाही करना सरकार की छवि से लेकर प्रशासन पर सवालिया निशान उठते हैं और खामियाजा आम जनता से लेकर सरकार को उठाना पड़ रहा है अब देखना है की आज 7 नवंबर 22 को होने वाली दुकानों संबंधी नीलामी सूचनाएं क्या पुनः रोककर दोषियों के विरुद्ध जनहित शासन हित में कार्यवाही होती है या अपनी ढपली अपना राज चालू रहेगा उधर पीड़ित सुरेश कुमार पुत्र छिदामी लाल निवासी पटकाना गुरसरांय ने इस संबंध में नगर पालिका परिषद गुरसरांय में लिखित आपत्ति दर्ज कराई है तो वही कुछ गरीब बेरोजगार दुकानदार अपनी मजबूरी मैं नगर पालिका की इस कार्यवाही को कोस रहे हैं और उनके सामने जबरिया यह स्थिति बन गई है कि जबर मारें रोन ना देवें और उनको सहारा सिर्फ जिलाधिकारी झांसी और उत्तर प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी से है कि जिसका कोई नहीं उसका बाबा है यारो।
टहरौली से आदेश चौधरी की रिपोर्ट