जत्थेदार कुलदीप सिंह भोगल अकाली में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए पढ़िए क्यो आगे आए

नई दिल्ली:शिरोमणी अकाली दल के लम्बे अरसे तक सक्रिय नेता रहे जत्थेदार कुलदीप सिंह भोगल ने पुनः अपनी सेवाएं शिरोमणी अकाली दल को देने हेतु आज पार्टी के दिल्ली कार्यालय पहुंचकर ऐलान किया। जत्थेदार कुलदीप सिंह भोगल के पार्टी मंे आने पर दिल्ली इकाई के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने सिरोपा पहनाकर स्वागत किया। सः सरना ने साफ किया कि जत्थेदार कुलदीप सिंह भोगल के इस फैसले से पार्टी को बल मिलेगा। इस मौके पर दिल्ली कमेटी सदस्य अनूप सिंह घुम्मन, जतिन्दर सिंह साहनी, जतिन्दर सिंह सोनू आदि मौजूद रहे।

सः परमजीत सिंह सरना ने कहा कि जत्थेदार कुलदीप सिंह भोगल के साथ वह लम्बे समय तक कार्य कर चुके हैं और उनकी कौम के प्रति दी जा रही सेवाओं से भलिभान्ति परिचित हैं। उनकी कार्य करने की क्षमता को भी वह जानते हैं। उन्होंने कहा पर किन्हीं कारणों के चलते वह शिरोमणी अकाली दल से दूर चले गये थे पर आज उनके पुनः पार्टी में आकर अपनी सेवाएं देने के ऐलान से पार्टी मजबूत होगी। सः सरना ने दिल्ली कमेटी के सदस्यों एवं शिरोमणी अकाली दल के अन्य नेताओं से भी अपील की है कि जत्थेदार कुलदीप सिंह भोगल की तरह वह भी घर वापिसी करे, पार्टी में सभी का खुले दिल से स्वागत है।
जत्थेदार कुलदीप सिंह भोगल ने कहा कि उन्हें अपने घर वापिसी करते हुए बहुत प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने कहा शिरोमणी अकाली दल हर सिख की मां पार्टी है और कोई जितना मर्जी दूर चला जाए पर असली सुख उसे मां की गोद में ही आकर मिलता है। जत्थेदार भोगल ने कहा कि 1984 सिख कत्लेआम के ंपीड़ितों को इन्साफ दिलाने हेतु वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए थे क्योंकि जिस तरह दिल्ली में सज्जन कुमार को भाजपा के आने के बाद जेल में भेजा गया उन्हें लगा था कि कानपुर में सिखों के कातिलों को भी सजा मिल सकती है पर उन्हें उ0 प्र0 की योगी सरकार से निराषा ही हाथ लगी। कई बार देश के गृह मंत्री से उन्होंने मिलकर उन्हें 1984 कत्लेआम पीड़ितों का दुख और कातिलों सम्बन्धी जानकारी देने की इच्छा जाहिर की मगर भाजपा में ही कई सिख चेहरे ऐसे हैं जिन्होंने माननीय गृहमंत्री से मुलाकात नहीं होने दी। उन्होंने कहा दिल्ली भाजपा में ऐसी ही स्थिति है जिसके चलते उनका दम घुटने लगा था और लग रहा था जिसके चलते उन्होंने आज एक बार फिर से अपनी मां पार्टी में आकर राहत की सांस ली है। उन्होंने कहा 1984 कत्लेआम के पीड़ितों के इन्साफ की लड़ाई वह पहले की तरह लड़ते रहेंगे।

सः परमजीत सिंह सरना ने उ0 प्र0 के कई शहरों में शिरोमणी अकाली दल की टीम गठित करने के लिए जत्थेदार कुलदीप सिंह भोगल की जिम्मेवारी लगाई है क्योंकि वह कानपुर सहित अन्य कई शहरों मे वहां की स्थानीय संगत के संपर्क में हैं।

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