संवाददाता बृजेश कुमार
दिल्ली सरकार का पक्षपातपूर्ण रवैया और वक़्फ़ बोर्ड की लापरवाही से है मरकज़ बंद
नई दिल्ली – दिल्ली में सभी स्कूल खोल दिए गए , सिनेमाघर खुल गए हैं, सभी धार्मिक स्थल भी खुले हैं, रैलियां और रोड शो भी हो रहे हैं लेकिन तब्लीगी जमात के मरकज़ पर ताला हुआ है। शब् ए बरात के अवसर पर एक दिन के लिए मरकज़ खोला गया , जो मुसलमानों के साथ बेहुदा मज़ाक है ।
इसको लेकर दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार का पक्षपातपूर्ण रवैया और दिल्ली वक्फ बोर्ड की लापरवाही ज़िम्मेदार है। ये विचार कलीमुल हफ़ीज़, अध्यक्ष, दिल्ली ए आई एम आई एम ने कल शाम को तब्लीगी जमात के मरकज़ निज़ामुद्दीन में मगरिब की नमाज़ अदा करने के बाद प्रेस को जारी एक बयान में किया । उन्होंने कहा कि दिल्ली के शराब खाने पूरे जोश के साथ खुले हैं, सभी मंदिरों और गुरुद्वारों में भक्तों की भीड़ लगी रहती है । मस्जिदें भी खुली हैं, तो फिर मरकज़ पर ताला क्यों ? दिल्ली सरकार ने मरकज़ पर कोरोना फैलाने के झूठे और जघन्य आरोप लगाए थे और देशभर में तब्लीगी जमात के कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज हुई थीं I जिन को अदालतों ने न सिर्फ सम्मानपूर्वक बरी कर दिया है बल्कि सरकारों को भी फटकार लगाई है I
इसके बावजूद मरकज़ का ताला खोले जाने पर आना कानि की जा रही है I शब् ए बरात के मौके पर वक्फ बोर्ड ने एक दिन के लिए मरकज़ खुलवाकर मज़ाक किया है I यह मुसलमानों के साथ भेद भाव है I
दिल्ली सरकार मुसलमानों को औकात याद दिलाना चाहती है I लेकिन उसे याद रखना चाहिए कि उसका हिसाब इस दुनिया में भी होगा और हश्र में भी I कलीमुल हफ़ीज़ ने सवाल किया कि क्या मरकज़ में कोई अवैध गतिविधि हुई है ? क्या इबादत करने से देश के अमन व अमान को खतरा है ? क्या अप्रवासियों से भारतीय अर्थव्यवस्था को फायदा नहीं होता ?
दरअसल यह सब वक्फ बोर्ड की लापरवाही है I वक्फ बोर्ड को कोर्ट से पूछना चाहिए कि मरकज़ अभी तक बंद क्यों है , और इस संबंध में दोषी लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए I कलीमुल हफ़ीज़ ने कहा कि मरकज़ में आकर अपने चुने हुए प्रतिनिधियों की लाचारी और मूर्खता पर उन्हें अफ़सोस हुआ I हम मांग करते हैं कि मरकज़ को तुरंत फिर से खोला जाए और सभी प्रतिबंध हटा दिए जाएं।