Bullet Train in Jharkhand: बिहार के गया जंक्शन को विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन (World Class Railway junction Gaya) के रूप में डेवलप किया जा रहा है. काशी विश्वनाथ की नगरी वाराणसी एक पर्यटन स्थल है. इसी तरह गया भी भगवान बुद्ध व विष्णु की नगरी है, इसलिए इस प्रोजेक्ट को गया रेलवे स्टेशन होते हुए बुलेट ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया है. गया रेलवे स्टेशन को वर्ल्ड क्लास स्टेशन में शामिल करने की योजना के साथ बिहार-झारखंड के सासाराम, गया, कोडरमा, हजारीबाग, गिरिडीह और धनबाद के रास्ते बुलेट ट्रेन को गुजारा जाएगा.
रांची. पूर्वी क्षेत्र के विकास के लिए केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसी क्रम में पूर्वी राज्यों में कई एक्सप्रेसवे और हाई स्पीड ट्रेन परियोजनाओं पर कार्य जारी है. इसी क्रम में झारखंड होकर बुलेट ट्रेन (Bullet Train in Jharkhand) चलाने के लिए हाईस्पीड रेलवे ट्रैक (High Speed Railway Track) बिछाने और उस पर बुलेट ट्रेन चलाने की तैयारी में गति आ चुकी है. मिली जानकारी के अनुसार वाराणसी-हावड़ा हाई स्पीड रेल कॉरिडोर (Varanasi-Howrah High Speed Rail Corridor) के लिए शुरुआती सर्वे का काम पूरा हो चुका है. माना जा रहा है कि वाराणसी-हावड़ा के लिए जो हाई स्पीड ट्रेन चलाई जाएगी उसकी स्पीड 260 किमी प्रति घंटे की होगी और यह वाराणसी से हावड़ा करीब 5 घंटे में पहुंचेगी. झारखंड में इसके लिए कोडरमा, हजारीबाग, गिरीडीह, धनबाद के रास्ते हावड़ा का रूट होगा. इससे पहले यह बिहार के सासाराम और गया से भी गुजरेगी.
बता दें कि बीते फरवरी में पूर्व मध्य रेल मुख्यालय में भी रेल मंत्रालय से इस संदर्भ का पत्र आ गया था. इसको लेकर हाल ही में राज्यसभा में एक सवाल के जवाब देते हुए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने देश के सात रूट पर बुलेट ट्रेन चलाने की जानकारी दी थी. इसमें वाराणसी से हावड़ा रूट भी शामिल है. इस रूट की बुलेट ट्रेन के लिए उच्चस्तरीय बैठक में चर्चा हुई थी. चर्चा है कि बुलेट ट्रेन के रूट को झारखंड के पारसनाथ से गुजारा जाएगा. पारसनाथ में विश्व प्रसिद्ध जैन तीर्थस्थल है. नई बुलेट ट्रेन रूट के लिए पटरी पारसनाथ के आसपास से गुजरेगी. इसे ध्यान में रखकर भी सर्वे किया जा रहा है.
यह भी जानकारी मिली है कि इसी कारण बिहार के गया जंक्शन को विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन () के रूप में डेवलप किया जा रहा है. काशी विश्वनाथ की नगरी वाराणसी एक पर्यटन स्थल है. इसी तरह गया भी भगवान बुद्ध व विष्णु की नगरी है, इसलिए इस प्रोजेक्ट को गया रेलवे स्टेशन होते हुए बुलेट ट्रेन चलाने का निर्णय लिया गया है. गया रेलवे स्टेशन को वर्ल्ड क्लास स्टेशन में शामिल करने की योजना के साथ बिहार-झारखंड के सासाराम, गया, कोडरमा, हजारीबाग, गिरिडीह और धनबाद के रास्ते बुलेट ट्रेन को गुजारा जाएगा.
यहां यह भी बता दें कि इस प्रोजेक्ट पर कार्य कोरोना संक्रमण की वजह से यह रूक गया था, लेकिन बहुत जल्द ही डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा ताकि पहले से ही निर्धारित साल 2030 तक बुलेट ट्रेन का संचालन शुरू किया जा सके. राष्ट्रीय हाई स्पीड रेल कार्पोरेशन लिमिटेड बुलेट ट्रेन का सुरक्षित तरीके से संचालन करने के लिए इसके ट्रैक को पूरी तरह से एलीवेटेड बनाने वाला है इसलिए किसी भी प्रकार के विरोध से बचने के लिए इसकी जानकारी किसानों को भी दी रही है.