मातृशक्ति ने पारंपरिक वेशभूषा में की कलश यात्रा और शुरू हुई नौ दिन की “श्रीमद देवी भागवत कथा”

दिल्ली, मयूर विहार कोई भी मातृ शक्ति से प्रेरणा ले सकता है की संकल्प को कैसे सिद्धि तक ले जाया जा सकता है। मातृ शक्ति की छोटी सी टोली “श्री बद्रीविशाल कीर्तन मण्डली”  ने सभी को एकजुट करके  “श्रीमद देवी भागवत कथा” का संकल्प लिया जो आज भव्य कलश यात्रा के साथ शुरू हुई। इसमें क्षेत्र के सभी विशिष्ट नागरिकों, संघठनों, मंदिर के संचालकों ने सभी मातृ शक्ति का उत्साह वर्धन कर जोरदार स्वागत किया। यह कथा गंगोत्री धाम के सुप्रसिद्ध कथावाचक श्रद्धेय श्री शिवराम भट्ट जी के सानिध्य में होगी।  उन्होंने बताया की देवी भागवत पुराण को देवी भागवतम, श्रीमद भागवतम अदि नामों से भी जाना जाता है और यह हिन्दू धर्म के अठारह पुराणों में से एक है। यह पुराण परमशक्ति  माँ भगवती के पवित्र आख्यानों से युक्त है।  कथा के श्रवण से  सुखों  की प्राप्ति, आत्मिक शक्ति में बृद्धि तथा  मोक्ष की प्राप्ति होती है और  इसके सामने बड़े-बड़े तीर्थ और व्रत भी नगण्य हैं।

कार्यक्रम के सयोंजक देवेन एस खत्री ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए बताया की हमारे ग्रंथों, पुराणों और लिपियों में अथाह ज्ञान छुपा हुआ है, हमारे पूर्वज मनीषियों और ऋषियों ने कई पीढ़ियों के गहन अध्यन के बाद हमें इस गूढ़ ज्ञान को उपलब्ध कराया जिससे हमें निरंतर पीढ़ी दर पीढ़ी आगे ले जाना है।  हमारे इस गूढ़ ज्ञान में विश्व सभी समस्याओं का समाधान छुपा हुआ है। हमारे पास अपार संभावनाओं के होते हुए भी हमारी युवा पीढ़ी दूसरों का अनुसरण कर रही है जो की बिलकुल उचित नहीं है।  ऐसे धार्मिक कार्यक्रमों से समाज में चेतना का संचार होता है और आपसी सामंजस्य बढ़ता है।

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