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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home4/twheeenr/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114The post आईआईटी गुवाहाटी के पूर्व निदेशक प्रो. टी.जी. सीताराम ने एआईसीटीई के अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया appeared first on The News Express.
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नई दिल्ली 23 दिसंबर, 2022- आईआईटी गुवाहाटी के पूर्व निदेशक प्रो. टी.जी. सीताराम ने 21 दिसंबर, 2022 को यूजीसी के अध्यक्ष प्रोफेसर जगदीश कुमार से एआईसीटीई के अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया। नवनियुक्त प्रो. सीताराम ने अपनी नई भूमिका में उच्च शिक्षा को नवाचार के युग में ले जाने और 2035 तक 50% तक उच्च शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) प्राप्त करने के लिए भारत को एक वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाने का आह्वान किया।
एआईसीटीई के अध्यक्ष प्रो. टी.जी. सीताराम ने कहा, “मैं शिक्षा के क्षेत्र में प्रत्येक उस व्यक्ति या संस्था के साथ काम करूंगा ताकि उच्च शिक्षा को उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षण और सीखने, नवाचार, उद्यमिता, अनुसंधान और सामुदायिक जुड़ाव प्रदान करने वाले बड़े संसाधन वाले व बहु-विषयक केंद्रों में बदल सकें।” प्रो. सीताराम भारतीय छात्रों में कुशल नेतृत्व क्षमता और नवप्रवर्तक बनाने और एक स्थायी समाज के लिए नया ज्ञान उत्पन्न करने के लिए परिवर्तनकारी शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) 1987 से देश में एक समन्वित और एकीकृत तरीके से तकनीकी शिक्षा की उचित योजना और समन्वित विकास की दृष्टि से एक राष्ट्रीय स्तर की शीर्ष सांविधिक निकाय के रूप ने काम कर रहा है। यह मानदंडों और मानकों की योजना, निर्माण और रखरखाव के लिए वैधानिक प्राधिकरण है; मान्यता के माध्यम से गुणवत्ता आश्वासन; प्राथमिकता वाले क्षेत्रों, निगरानी और मूल्यांकन में अनुदान; प्रमाणीकरण और पुरस्कारों की समानता बनाए रखना और देश में तकनीकी शिक्षा का प्रबंधन इसके मुख्य कार्यशैली के अंतर्गत आते हैं।
प्रो. सीताराम प्रतिस्पर्धी, आधुनिक और औद्योगिक भारत के लिए 5 प्रकार के रास्ते बनाने की तरफ़ अग्रसर हैं।
• प्रौद्योगिकी संचालित परिणाम आधारित शिक्षा
• जॉब-क्रिएटर (JCR) मोड
• उद्योग समाधान प्रदाता (आईएसपी)
• नवाचार, अनुसंधान और स्टार्टअप मोड
• भारतीय भाषाओं में शिक्षा
इसके अलावा, नए एआईसीटीई अध्यक्ष ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में रेखांकित भारत सरकार के दीर्घकालिक लक्ष्यों के अनुरूप अपनी कार्य योजना साझा की। इसमें तकनीकी संस्थानों की क्षमता निर्माण – डिजिटल बुनियादी ढांचा, प्रत्यायन और रैंकिंग शामिल हैं।एनईपी 2020 की सिफारिशों के अनुसार अनुमोदन प्रक्रिया को आसान बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। छात्रों को उद्योग व उद्यमिता के लिए तैयार करना, प्लेसमेंट बढ़ाना, इंटर्नशिप बढ़ाना, उच्च शिक्षा संस्थानों के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत अभियान को लागू करना, शैक्षणिक कार्यक्रमों में पीएम गति शक्ति को शामिल करना, कौशल, रोजगार और नवाचार में सार्वजनिक और निजी भागीदारी में सुधार भाषा बाधाओं पर काबू पाना, और विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ सहयोग के लिए ट्विनिंग कार्यक्रम कोर इंजीनियरिंग क्षेत्रों पर विशेष कार्य करने का आह्वान किया गया है।
अपनी पिछली भूमिकाओं में प्रो. सीताराम ने IISc, IIT, CIT, NERIST जैसे संस्थानों में कई प्रशासनिक पदों के साथ विविध सामाजिक चुनौतियों का समाधान करने वाली बहु-विषयक समस्याओं पर काम किया है। अभातशिप ने इन्होंने छह साल से अधिक समय जुड़े हैं, व साथ-साथ कई बोर्डों में सक्रिय सदस्य भी रहे हैं, जिसमें दक्षिण-पश्चिमी क्षेत्रीय समिति (एसडब्ल्यूआरसी) के अध्यक्ष के रूप में उनका कार्यकाल भी शामिल है।
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