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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home4/twheeenr/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114The post “उत्तम त्याग कह्यो जग सारा,औषध शास्त्र अभय आहारा appeared first on The News Express.
]]>“उत्तम त्याग कह्यो जग सारा,औषध शास्त्र अभय आहारा।
● भोगों से नही त्याग से पुण्य संचय होता हैं: विनयश्री माताजी
● जैनागम में राग की नही अपितु त्याग की पूजा हैं: श्रमणी विनयश्री
● चक्रवर्ती नही चारित्र पूज्यनीय हैं: आर्यिका विनयश्री माताजी
● आहारदान सर्वश्रेष्ठ दान हैं: विनयश्री माताजी
● जीवों पर दया एवम सहयोग करना करुणादान हैं: श्रमणी विनयश्री जी
झाँसी: त्याग हमारी आत्मा को सुंदर बनाता हैं,वृक्ष अपने फल फूल पत्ते क्यों छोड़ते हैं ताकि दूसरें आ जाएं,गाय अपना दूध इसलिए छोड़ती है कि स्वस्थ रहें,मनुष्य को स्वस्थ रहने के लिए जितना स्वांस लेने एवं छोड़ने की प्रक्रिया को करना पड़ता हैं।ऐसे ही धन को दान करना चाहिए।धन संचय करने से सड़ जाता हैं।भोगों से पुण्य का संचय नही होता त्याग से ही पुण्य का संचय होता हैं
आहारदान,औषध दान,ज्ञानदान,अभयदान ये चार प्रकार के दान कहें गए हैं जिनमें आहार दान सर्वश्रेष्ठ दान हैं ।असहाय गरीबों का सहयोग करना करुणा की भावना हैं।
साधु संघ,जिनबिम्ब स्थापना,तीर्थवन्दना,जिनयात्रा,जिनवाणी एवं जिन आयतन जैन शास्त्रों में इन सात जगह दान देने को कहा गया हैं।
एक हजार नए मंदिर बनवाने में जितना पुण्य नही मिलता जितना एक प्राचीन मंदिर को तुड़वाने में पाप लगता हैं। आनेवाली पीढ़ी को दान के संस्कार देने के लिए प्रशस्ति लिखवाई जाती हैं।गृहस्थ के लिए दान और पूजा मुख्य हैं,साधु के लिए ज्ञान ध्यान मुख्य हैं।जैनागम में राग की नही त्याग की पूजा कही गयी हैं,चक्रवर्ती की नही चारित्र की पूजा होती हैं।जो दान करता है उसके जीवन मे परिवार में सुख शांति समृद्धि आती हैं। यह उदगार गांधी रोड स्थित श्री दिगम्बर जैन पंचायती बड़ा मंदिर में चल रहें ध्यानयोग पर्युषण जिनार्चना में पूज्य श्रमणी आर्यिका विनयश्री माताजी ने धर्मसभा में उत्तम त्याग धर्म की व्याख्या करते हुए दिए।
जीवन मे सुख शांति समृद्धि हेतू श्रीजी के मस्तक पर पूज्य माताजी के मुखारविंद से उच्चारित शान्ति मंत्रो द्वारा शांतिधारा करने का सौभाग्य मनोज जैन अछरौनी,नरेश जैन नीटू,सुकमाल जैन बड़ागांव वाले,सौरभ जैन ‘सर्वज्ञ’,अनूप जैन ‘सनी’,अविनाश मड़वैया,रजनी जैन, को प्राप्त हुआ। श्रीमति नीलम जैन,रजनी जैन,रेखा जैन,साधना जैन,सिद्धि जैन,विशाखा जैन को गुरुदेव गणाचार्य विरागसागर जी महाराज के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन करने का अवसर प्राप्त हुआ।
इस अवसर पर पंचायत अध्यक्ष अजित जैन ने अष्ठानिका पर्व के अवसर पर 1 नबम्बर से होने जा रहें अद्वीतीय 81 मण्डलों के माध्यम से श्री सिद्धचक्र महामण्डल विधान एवं विश्वशांति महायज्ञ में शामिल होने का समाज से आह्वाहन किया।
सौरभ जैन सर्वज्ञ ने बताया इस धार्मिक महाआयोजन के दौरान झाँसी नगर के इतिहास में प्रथम बार ‘चक्रवर्ती की दिग्विजय यात्रा’ निकाली जाएगी इस भव्य यात्रा में मुख्य पात्र हाथी घोड़ो एवं बग्गियों में सवार होकर शोभायात्रा में शामिल होंगे।
इस अवसर पर चातुर्मास समिति के मुख्य संयोजक राजीव जैन ‘सिर्स’,वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुभाष जैन बिजली,कनिष्ठ उपाध्यक्ष वरुण जैन,कोषाध्यक्ष जितेन्द्र चौधरी,मंत्रीगण सुनील जैनको,सिंघई संजय जैन, वरिष्ठ समाजसेवी अशोक लाला, रमेश अछरौनी, जिनेन्द्र सर्राफ,डॉ राजीव जैन,मनोज सिंघई,दिनेश जैन डीके,अलंकार जैन,संजय गुदरी, प्रदीप महरौनी,आलोक जैन ‘विश्वपरिवार,विनय जैन सोनू,अनूप जैन पत्रकार,अमन जैन,दीपांक जैन,अंकित सर्राफ,सुयोग भण्डारी,यश सिंघई,शुभम जैन,दिव्यांश जैन,नेहा जैन,मनीषा सिंघई,कल्पना जैन,पिंकी भण्डारी,रागिनी जैन,रजनी जैनको,इंद्रा जैन आदि सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने भगवान के समवसरण के समक्ष भक्तिनृत्य प्रस्तुत किये।
कार्यक्रम के अंत मे पंचायत मनोनीत सदस्य गौरव जैन नीम ने आभार व्यक्त किया।
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