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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home4/twheeenr/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121The post अनोखे पर्यावरण मॉडल को लेकर देश में प्रसिद्ध हुए डिप्टी कलेक्टर मांगेराम चौहान आप भी पढ़ेंगे तो आप भी हैरान हो जाएंगे appeared first on The News Express.
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श्री चौहान के मॉडल को कई अधिकारी अपनाकर कर रहे कार्य • 10 हजार से अधिक पौधे लगा चुके हैं मांगेराम चौहान
संवाददाता बृजेश कुमार
अमरोहा। पीसीएस अधिकारी मांगेराम चौहान आज किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं। श्री चौहान ने आज में अलग प्रसिद्धि पायी है। बता दें कि में उप जिलाधिकारी के पद पर कार्यरत जून माह 2019 में पर्यावरण को बचाने के लिए पर्यावरण संरक्षण का अनोखा मॉडल अपनाया। उस समय श्री चौहान हित के लिए ऐसा निर्णय लिया जो मात्र दो ही साल में कारगार साबित हुआ। पीसीएस अधिकारी मांगेराम चौहान ने
पर्यावरण संरक्षण को लेकर देश व प्रदेश नौगावां सादात एसडीएम रहते हुए निर्णय निर्णय लेकर कार्य करने का काम किया। महीने उन पौधों की फोटो न्यायालय में को उपलब्ध कराने की हिदायत दी। साथ लिया कि तहसील में आने वाले 151 सीआरपीसी के अंतर्गत अभियुक्तों को पेड़ लगाने की शर्त पर जमानत दी जायेगी। इसके बाद धनौरा तहसील में तबादला होने के बाद वहां भी इस तरह कार्य किया गया। दोनो तहसीलों में यह काम आज भी जारी है। इस अनोखे नौगावां सादात तहसील में एसडीएम के मॉडल के चलते अब तक 10 हजार से ग्वालियर हाईकोर्ट ने बलात्कार के देते हुए लगभग दो दर्जन लोगों की इसके लिए बकायदा अपने कोर्ट व चेंबर पद पर कार्यरत थे। वहां उन्होंने पर्यावरण अधिक पेड़ लगाये जा चुके हैं जिसकी देखरेख आज भी 151 सीआरपीसी के मुजरिम कर रहे हैं। पीसीएस अधिकारी मांगेराम चौहान का यह पर्यावरण मॉडल अमरोहा जनपद की तहसील मंडी धनौरा पीसीएस अधिकारी मांगेराम चौहान ने
अन्य अधिकारियो को भी खूब भा गया उन्होने भी अपने-अपने क्षेत्र में सही जिसमें बांदा के नरैनी उप जिलाधिकारी रहीं वंदिता श्रीवास्तव ने जुलाई माह 2019 भी मांगेराम चौहान मॉडल को 151 सीआरपीसी अभियुक्तों को पेड़ लगाने शर्त पर जमानत देने का नियम बनाया। इसके अलावा मध्य प्रदेश में समय अनोखी सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट को मुरैना के पितृ वन में 10 पौधे लगाने
लोगों ने एसडीएम मांगेराम को दी पर्यावरण संत की उपाधि
पीसीएस अधिकारी एवं धनौरा उप जिलाधिकारी मांगेराम चौहान द्वारा छोटे स्तर पर पर्यावरण बचाने के लिए किया गया प्रयास आज बड़े मुकाम पर पहुंच चुका है। श्री चौहान के बारे में कोई भी अधिकारी या साधारण व्यक्ति जानता है तो वह उनका मुरीद हो जाता है। आज मांगेराम चौहान के पर्यावरण मॉडल को कई बड़े न्यायिक अधिकारियों के अलावा कई पीसीएस अधिकारी भी फोलों कर चुके हैं। आज उनका यह मॉडल कई जनपदो में अधिकारियों द्वारा फोलो किया जा रहा है। आज एसडीएम मांगेराम चौहान के पर्यावरण हित के लिए उठाये गये कदम से लोगो ने उन्हे पर्यावरण संत की उपाधि भी दे दी है।
होंगे और उन पौधों की सुरक्षा रखकर उन्हें जीवित रखना है। इसके साथ ही हर प्रस्तुत करनी होगी। अगर पौधे निर्जीव होते हैं तो आरोपी की जमानत स्वतः ही निरस्त हो जाएगी। 18 जुलाई 2019 को जनपद मऊ के अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम आदिल आफताब अहमद ने पर्यावरण संरक्षण को बकायदा कानूनी प्रक्रिया से जोड़ दिया है। उन्होंने फैसले मामले में रेप के आरोपी को जमानत देते जमानत स्वीकृत करते हुए पौधरोपण की के गेट पर नोटिस भी चस्पा करा दी। यह अनिवार्य शर्त लगा दी। चोरी के मामले में एक आरोपी की जमानत अर्जी स्वीकार करते हुए उन्होंने उसे पारंपरिक न्यायालय है। ने जमानत देते हुए कहा था कि आरोपी अपनाकर अपनी तहसील में आने वाले
कानूनी शर्तों के साथ 30 दिन के अंदर 10 पौधे लगाने और उसका प्रमाण कोर्ट ही कहा कि ऐसा न करने पर जमानत निरस्त कर दी जाएगी। इसी के साथ उन्होंने 25 अन्य मामलों में भी पौधरोपण की अनिवार्य शर्त रखी। इसके साथ ही एडीजे आदिल आफताब ने कोर्ट से हाजिरी माफी के लिए भी अनिवार्य रूप से एक पौधे लगाने की शर्त रखी है। अब वर्तमान में आदिल आफताब अहमद मऊ में प्रधान न्यायधीश परिवार