wp-plugin-mojo
domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init
action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home4/twheeenr/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114The post गुर्जर आंदोलन के मुखिया रहे कर्नल किरोड़ी बैंसला का निधन appeared first on The News Express.
]]>जयपुर (Jaipur): गुर्जर आंदोलन के मुखिया रहे कर्नल किरोड़ी बैंसला का निधन हो गया है. किरोड़ी बैसला लंबे समय से बीमार चल रहे थे. तबीयत बिगड़ने पर आज किरोड़ी को लेकर जयपुर स्थित आवास से मणिपाल हॉस्पिटल ले जाया गया. जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. बैंसला के निधन से गुर्जर समाज में शोक की लहर छा गई है.
कौन थे किरोड़ी सिंह बैंसला
कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला का जन्म राजस्थान के करौली जिले के मुंडिया गांव में हुआ. गुर्जर समुदाय से आने वाले किरोरी सिंह ने अपने करियर की शुरुआत शिक्षक के तौर पर ही थी, लेकिन पिता के फौज में होने के कारण उनका रुझान फौज की तरफ थी. उन्होंने भी सेना में जाने का मन बना लिया. वह सेना में सिपाही के रूप में भर्ती हो गए. बैंसला सेना की राजपूताना राइफल्स में भर्ती हुए थे और सेना में रहते हुए 1962 के भारत-चीन और 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध में बहादुरी से वतन के लिए जौहर दिखाया.
सिपाही से कर्नल तक का सफर
किरोरी सिंह बैंसला एक पाकिस्तान में युद्धबंदी भी रहे. उन्हें दो उपनामों से भी उनके साथी जानते थे. सीनियर्स उन्हें ‘जिब्राल्टर का चट्टान’ और साथी कमांडो ‘इंडियन रेम्बो’ कह कर बुलाते थे. वो किरोरी सिंह की जाबांजी ही थी कि सेना में मामली सिपाही के तौर पर भी तरक्की पाते हुए वह कर्नल की रैंक तक पहुंचे. बैंसला के चार संतान हैं. एक बेटी रेवेन्यु सर्विस और दो बेटे सेना में है. और एक बेटा निजी कंपनी में कार्यरत है. बैंसला की पत्नी का निधन हो चुका है और वे अपने बेटे के साथ हिंडौन में रहते हैं.रिटायर होने के बाद शुरू किया गुर्जर आंदोलन
सेना से रिटाटर होने के बाद किरोरी सिंह राजस्थान लौट आए और गुर्जर समुदाय के लिए अपनी लड़ाई शुरू की. आंदोलन के दौरा कई बार उन्होंने रेल रोकी, पटरियों पर धरना दिया.
आंदोलन को लेकर उन पर कई आरोप भी लगे.
उनके आंदोलन में अब तक 70 से अधिक लोगों की मौत भी हो चुकी है. किरोड़ी सिंह कई बार कह चुके है. कि उनके जीवन को मुगल शासक बाबर और अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन, दो लोगों ने प्रभावित किया है. उनका कहना है कि राजस्थान के ही मीणा समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया है और इससे उन्हें सरकारी नौकरी में खासा प्रतिनिधित्व मिला. लेकिन गुर्जरों के साथ ऐसा नहीं हुआ. गुर्जरों को भी उनका हक मिलना चाहिए.
The post गुर्जर आंदोलन के मुखिया रहे कर्नल किरोड़ी बैंसला का निधन appeared first on The News Express.
]]>