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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home4/twheeenr/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114The post केजरीवाल सरकार दिल्ली को बनाएगी सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त शहर, appeared first on The News Express.
]]>नई दिल्ली, 25 मई 2022- दिल्ली सचिवालय में आज पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की अध्यक्षता में सिंगल यूज प्लास्टिक के अन्य विकल्पों पर काम करने वाले नए स्टार्ट-अप और सेल्फ हेल्प ग्रुप्स तथा संबंधित विभाग के अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक की गई | इस बैठक के दौरान सिंगल यूज़ प्लास्टिक के अन्य विकल्पों को आम जनता में अधिक से अधिक बढ़ावा देने की कार्य परियोजनाओं पर चर्चा की गई | पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने सिंगल यूज प्लास्टिक के अन्य विकल्पों पर काम करने वाले नए स्टार्ट-अप और सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के द्वारा लगाए गए स्टाल्स का भी जायज़ा लिया | इस अवसर पर पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि सिंगल यूज प्लास्टिक के अन्य विकल्पों को बढ़ावा देने के लिए सरकार नई ग्रीन स्टार्टअप पॉलिसी ला रही है।
बैठक के बाद दिल्ली सचिवालय में आयोजित महत्वपूर्ण प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि माननीय मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व में पर्यावरण विभाग प्रदूषण के विरुद्ध हर उचित कदम उठा रही हैं | प्रदूषण को बढ़ावा देने में सिंगल यूज़ प्लास्टिक भी एक एहम भूमिका निभाता हैं | सिंगल यूज प्लास्टिक वस्तुओं के उपयोग को रोकने के लिए जागरुकता अभियान जरूरी है । इसी दिशा में आगे बढ़ते हुए दिल्ली सरकार ने दिल्ली सचिवालय के सभी कार्यालयों में 1 जून से सिंगल यूज़ प्लास्टिक से उत्पादित सभी वस्तुओं को बैन करने की शुरुआत की हैं | लेकिन सिंगल यूज़ प्लास्टिक को बैन करने से सरकार के सामने दो चुनौतियाँ भी हैं | जिसमें सबसे पहले सिंगल यूज़ प्लास्टिक के उत्पादन, सप्लाई और बिक्री से जुड़े लोगों की आय पर प्रभाव और दूसरा सिंगल यूज़ प्लास्टिक के अन्य विकल्पों को आम जनता तक पहुँचाना मुख्य हैं |
पर्यावरण मंत्री ने बताया कि इन दो बिंदुओं पर विचार- विमर्श करने के लिए आज दिल्ली सचिवालय में सिंगल यूज प्लास्टिक के अन्य विकल्पों पर काम करने वाले नए स्टार्ट-अप और सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के प्रतिनिधियों और पर्यावरण विभाग, एनडीएमसी , उद्योग विभाग, डीपीसीसी , एमसीडी , दिल्ली कैंटोनमेंट बोर्ड आदि के अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठक की गई | इस बैठक में करीबन 17 स्टार्ट अप्स और सेल्फ हेल्प ग्रुप्स ने भाग लिया | बैठक के दौरान सिंगल यूज़ प्लास्टिक के अन्य विकल्पों पर काम करने वाले लोगों को कैसे बढ़ावा दिया जाए , इस पर सभी के साथ चर्चा की गई | इसी दिशा में आगे बढ़ने के लिए सरकार ने जून के महीने में साप्ताहिक मेले का आयोजन करने का निर्णय लिया हैं , जहाँ यह सभी स्टार्ट अप्स और सेल्फ हेल्प ग्रुप्स अपने द्वारा उत्पादित सिंगल यूज़ प्लास्टिक के अन्य विकल्पों की प्रदर्शनी लगाएंगे | साथ ही जो भी लोग सिंगल यूज़ प्लास्टिक के उत्पादन से जुड़े हुए हैं , उनके लिए भी सरकार नई ग्रीन स्टार्टअप पॉलिसी ला रही है ताकि वह सिंगल यूज़ प्लास्टिक के अन्य विकल्पों के व्यवसाय में जुड़ सकें और सरकार इसके लिए उनको सहायता भी प्रदान करेगी |
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]]>The post केजरीवाल सरकार द्वारा ‘ग्रीन पार्क – ग्रीन दिल्ली’ थीम पर होगा दिल्ली के पार्को का विकास appeared first on The News Express.
]]>नई दिल्ली, 23 मई 2022- दिल्ली सचिवालय में आज पर्यावरण मंत्री गोपाल राय की अध्यक्षता में दिल्ली के विधायकों और डीपीजीएस के अधिकारियों एवं प्रतिनिधियों के साथ संयुक्त बैठक की गई | इस बैठक के बाद पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि मुख्यमंत्री पार्क सौन्दर्यीकरण योजना के तहत ‘ग्रीन पार्क ग्रीन दिल्ली’ की थीम पर दिल्ली के पार्को का सौन्दर्यीकरण करने का निर्णय लिया गया | दिल्ली के पार्को के विकास के लिए हर विधानसभा में एक इंचार्ज , हर दो विधानसभा पर एक पर्यवेक्षक (आब्जर्वर) और राज्य स्तर पर दो कोर्डिनेटर की ट्रेनिंग के लिए नियुक्ति की जा रही हैं | साथ ही आरडब्लूए को योजना में शामिल करने की ऑनलाइन प्रक्रिया एवं दस्तावेजों के सम्बन्ध में जानकारी साझा की गई | और विधायक को उनके एरिया में मौजूद पार्को के बारें में विस्तृत जानकारी भी दी गई हैं |
बैठक के बाद दिल्ली सचिवालय में आयोजित महत्वपूर्ण प्रेसवार्ता को सम्बोधित करते हुए पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली को आधुनिक, न्यायसंगत और टिकाऊ शहर बनाने के लिए, दिल्ली के पार्कों को आधुनिक, विश्व स्तरीय बनाने लिए सामुदायिक पार्क पहल की शुरुआत की गई है। इसके तहत दिल्ली के सभी पार्को का ‘ग्रीन पार्क ग्रीन दिल्ली थीम’ पर विकास किया जाएगा | जिसके पहले चरण में डीपीजीएस की 70 टीमों द्वारा दिल्ली में मौजूद 16 हज़ार 828 पार्को में से लगभग 11 हज़ार 500 पार्को का सर्वेक्षण पूरा किया जा चुका हैं | जिनमे लगभग 6 हज़ार 345 पार्क मैंटेन नहीं हैं |
उन्होंने बताया कि पार्को के विकास और सौन्दर्यीकरण के लिए प्रत्येक आरडब्लूए को डीपीजीएस द्वारा प्रति एकड़ 2 लाख 55 हज़ार की वित्तीय सहायता दी जाएगी | साथ ही नए पार्को के विकास के लिए प्रति एकड़ 1 लाख की अतिरिक्त धनराशि भी देने का निर्णय लिया गया हैं | इसके साथ ही पार्को में पानी की समस्या को ध्यान में रखते हुए एसटीपी की इंस्टालेशन के लिए प्रति एकड़ 3 लाख 50 हज़ार की सहायता देने का निर्णय भी लिया गया हैं |
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]]>The post केजरीवाल सरकार द्वारा गढ़ी मांडू में विकसित किया गया दिल्ली का पहला ‘गौरेया ग्राम’ appeared first on The News Express.
]]>नई दिल्ली, 20 मई 2022- दिल्ली के पर्यावरण एवं वन मंत्री ने आज बताया की दिल्ली में स्थित गढ़ी मांडू सिटी फॉरेस्ट में दिल्ली का पहला गौरेया ग्राम विकसित किया गया हैं |दिल्ली के राज्य पक्षी ‘गौरेया’ को संरक्षित करने के उद्देश्य गढ़ी मांडू में ‘गौरेया ग्राम’ बनाया गया है। गौरेया ग्राम में कीट घर और तितलियों के लिए नेचुरल हैबिटैट को भी विकसित किया गया है| दिल्ली के पर्यावरण एवं वन मंत्री गोपाल राय ने आज वन एवं वन्यजीव विभाग के अधिकारियों के साथ इस गौरेया ग्राम का आज दौरा किया | नुक्कड़ नाटक की मदद से उपस्थित लोगों को गौरेया पक्षी के बारें में भी अवगत कराया गया | इस गौरेया ग्राम में तितलियों के भी नेचुरल हैबिटैट का विकास किया गया हैं | साथ ही सामान्य जनता के लिए हर्बल गार्डन की सुविधा भी उपलब्ध कराइ गई हैं |
गौरेया ग्राम के दौरे के बाद दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पत्रकारों को सम्बोधित करते हुए बताया कि दिल्ली के अंदर पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए और प्रदूषण स्तर को नियंत्रित करने के लिए माननीय मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के नेतृत्व में दिल्ली सरकार हर उचित कदम उठा रही हैं | उसी कड़ी में आगे बढ़ते हुए दिल्ली के राज्य पक्षी गौरेया की प्रजाति को बचाए रखने के लिए, सरकार ने गढ़ी मांडू सिटी फॉरेस्ट में दिल्ली का पहला गौरेया ग्राम विकसित किया गया हैं | इस गौरेया ग्राम का मुख्य उद्देश्य गौरेया पक्षी को इकोलॉजिकल सपोर्ट देना हैं |उन्होंने बताया कि कुछ साल पहले गौरैयों की संख्या में तेजी से गिरावट हुई है। कई अध्ययनों ने इसे दिल्ली में बढ़ रहें शहरीकरण और कीटनाशकों के अंधाधुंध उपयोग और विद्युत चुम्बकीय विकिरण को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया। कृषि में बढ़ रहें कीटनाशकों के उपयोग से गौरेया पक्षियों के लिए भोजन की कमी हो गई हैं , जिसके कारण उनकी प्रजाति भी धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही हैं | राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के राज्य पक्षी गौरेया के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए इस गौरेया ग्राम का विकास किया जा रहा हैं |
-क्या हैं गौरेया ग्राम की विशेषताएँ ?पर्यावरण एवं वन मंत्री गोपाल राय ने दिल्ली के पहले गौरेया ग्राम के बारें में जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली में पहले फेज में तैयार किए जाने वाले वर्ल्ड क्लास लेवल 4 सिटी फॉरेस्ट के नामो में शुमार गढ़ी मांडू सिटी फॉरेस्ट में दिल्ली का पहला गौरेया ग्राम तैयार किया गया हैं | इस गौरेया ग्राम में दिल्ली के राज्य पक्षी गौरैया के जीवन चक्र का चित्रण किया गया है। यहाँ गौरेया पक्षियों के खाने के लिए कीट घर बनाए गए हैं ताकि पक्षियों को भोजन के लिए भटकना ना पड़े | साथ ही शहरों में नेस्टिंग होल की कमी को देखते हुए यहाँ नेस्टिंग होल का निर्माण भी किया गया हैं |उन्होंने बताया कि गौरैया के लिए यहां विभाग द्वारा करोंदा और कुंडली जैसे देशी जामुन, घास और झाडि़यां लगाई हैं। इसके साथ ही गौरैया ग्राम में फीडर बाक्स, कृत्रिम घोंसले और मिट्टी के बर्तन भी रखे गए हैं। इसके साथ साथ तितलियों के लिए भी नेचुरल हैबिटैट का विकास किया गया हैं | जिसके कारण उनकी संख्या में पहले से काफी वृद्धि देखि गई हैं |
-सामान्य जनता के लिए बनाया गया हर्बल गार्डन- पर्यावरण एवं वन मंत्री गोपाल राय ने बताया कि गौरेया ग्राम में गौरेया पक्षी के साथ साथ आम जनता के लिए भी सुविधा विकसित की गई हैं | गौरेया ग्राम में सामान्य जनता के लिए हर्बल गार्डन भी खोला गया है। इस हर्बल गार्डन से लोग औषधीय पौधों को मुफ्त में अपने घर उपयोग के लिए ले जा सकते हैं। इनमे पत्थर चट्टा अजवायन, तुलसी , एलोवेरा आदि पौधे शामिल हैं |
-दिल्ली में वर्ल्ड क्लास लेवल पर तैयार किए जाएँगे 4 सिटी फॉरेस्ट- दिल्ली में ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए वन एवं वन्य जीव विभाग ने दिल्ली के चारों कोनो में मौजूद मुख्य 4 सिटी फारेस्ट को पहले प्रारंभिक फेज में विकसित करने का लक्ष्य तय किया गया हैं | इनमे दक्षिण पश्चिम दिल्ली का मित्राओं सिटी फारेस्ट , उत्तरी दिल्ली का अलीपुर सिटी फारेस्ट , पूर्वी दिल्ली का गढ़ी मांडू सिटी फारेस्ट और दक्षिण दिल्ली का जौनापुर सिटी फारेस्ट शामिल है |यह चारों सिटी फारेस्ट दिल्ली के लगभग 286 एकड़ में फैले हुए हैं | इस परियोजना के तहत मित्राऊ सिटी फारेस्ट के पॉकेट ए और बी का 98 एकड़, अलीपुर सिटी फारेस्ट का 48 एकड़, गढ़ी मांडु सिटी फारेस्ट का 42 एकड़ और जौनापुर सिटी फारेस्ट का 98 एकड़ में विकास किया जाएगा |पर्यावरण एवं वन मंत्री गोपाल राय ने वन एवं वन्यजीव विभाग को गौरेया ग्राम के लिए बधाई देते हुए कहा कि इस गौरेया ग्राम के ज़रिए हमारा उद्देश्य इस विलुप्त होती प्रजाति के बारे में जन साधारण को जागरूक करना और इस प्रजाति को विलुप्त होने से बचाना है । साथ ही हमारी सरकार दिल्ली के लोगों को ऐसी जगह देना चाहती हैं जहॉं लोग प्रकृति का आनंद ले सकें और साथ-ही आने वाली पीढ़ी को भी प्रकृति के बारे में जागरूक कर सके। केजरीवाल सरकार दिल्ली के सिटी फारेस्ट को और बेहतर बनाने तथा इकोलॉजिकल सुरक्षा के आधार पर इनका विकास करने के लिए तत्पर हैं |
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]]>नई दिल्ली, 26 अप्रैल 2022- पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आज दिल्ली सचिवालय में प्रेसवार्ता में बताया कि केजरीवाल सरकार दिल्ली के अलग-अलग भागों में विश्व स्तर के 4 सिटी फोरेस्ट विकसित करेगी । ये सिटी फारेस्ट”प्रकृति के पास,परिवार के साथ” की थीम पर विकसित किए जाएंगे।
दिल्ली सचिवालय में आयोजित महत्वपूर्ण प्रेस वार्ता के दौरान पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए बताया कि केजरीवाल सरकार द्वारा उठाए गए तमाम उपायों के परिणामस्वरूप दिल्ली के अंदर हरित क्षेत्र (ग्रीन कवर ) में काफी इज़ाफ़ा देखा गया है | दिल्ली में जहाँ साल 2013 में हरित क्षेत्र 20 फीसदी था वह केजरीवाल सरकार के प्रयासों के कारण, साल 2021 में बढ़कर 23.06 फीसदी हो गया है | साथ ही शहरों के प्रति व्यक्ति फॉरेस्ट कवर के मामले में दिल्ली पूरे देश में नंबर वन हो गया है।
उन्होंने बताया कि समर एक्शन प्लान के सभी 14 बिंदुओं में से एक दिल्ली के सिटी फॉरेस्ट को विकसित करना हैं | दिल्ली के चारों कोनो में मौजूद मुख्य 4 सिटी फारेस्ट को पहले प्रारंभिक फेज में विकसित करने का लक्ष्य तय किया गया हैं | इनमे दक्षिण पश्चिम दिल्ली का मित्राओं सिटी फोरेस्ट , उत्तरी दिल्ली का अलीपुर सिटी फोरेस्ट, पूर्वी दिल्ली का गढ़ी मांडू सिटी फोरेस्ट और दक्षिण दिल्ली का जौनापुर सिटी फोरेस्ट शामिल है|यह चारों सिटी फोरेस्ट दिल्ली के लगभग 286 एकड़ में फैले हुए हैं | इस परियोजना के तहत मित्राऊ सिटी फारेस्ट के पॉकेट ए और बी का 98 एकड़, अलीपुर सिटी फारेस्ट का 48 एकड़, गढ़ी मांडु सिटी फारेस्ट का 42 एकड़ और जौनापुर सिटी फारेस्ट का 98 एकड़ में विकसित किया जाएगा |
– वर्ल्ड क्लास सिटी फारेस्ट की विशेषताएँ
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने वर्ल्ड क्लास स्तर पर बनाए जा रहे इन सिटी फोरेस्ट की विशेषताओं के बारे में उल्लेख करते हुए बताया कि इन सिटी फारेस्ट का पर्यावरण के अनुकूल विकास किया जाएगा | इसके तहत उनकी भौतिक संरचना के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी | इन सिटी फोरेस्ट में आम आदमी के लिए मुरम पाथ, पेय जल, सार्वजनिक सुविधाएँ, मेडिटेशन हट, एम्पीथीयेटर जैसी सुविधाएँ तो मौजूद होंगी ही, साथ ही रिसर्च करने के लिए और उनके रिसर्च के आधार पर सिटी फोरेस्ट को और बेहतर बनाने के लिए इन सिटी फोरेस्ट को ओपन म्यूजियम या लिविंग लैब के रूप में विकसित किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि इन सिटी फोरेस्ट में छोटी -छोटी नर्सरी के द्वारा सभी लोगो को मुफ्त में पौधे भी वितरित किये जाएँगे | आउट डोर एक्टिविटीज जैसे बर्ड वाचिंग, जंगल वॉक एक्टिविटी इत्यादि भी शामिल हैं | साथ ही पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए उन्होंने बताया कि सिटी फोरेस्ट में एक्टिविटी करने वाले तथा कराने वालों को एक कॉमन प्लेटफार्म उपलब्ध कराने के लिए ऑन लाईन पोर्टल का विकास भी किया जाएगा।
– मुख्य थीम “प्रकृति के पास, परिवार के साथ “
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि सरकार सिटी फोरेस्ट को वर्ल्ड क्लास बनाने के लिए सबसे पहले एक डिजाईन/आईडिया कम्पटिशन कराएगी। इसके लिए विभाग द्वारा एक स्टेयरिंग कमेटी का गठन किया जा रहा है। जिसके मार्गदर्शन में यह कार्य होगा। इस परियोजना की मुख्य थीम हैं “प्रकृति के पास,परिवार के साथ “, जिसके अनुसार दिल्ली सरकार सभी लोगो को प्रकृति के साथ जोड़ने की कोशिश कर रही हैं |
पर्यावरण मंत्री ने सिटी फोरेस्ट को विकसित करने के मुख्य उद्देश्य के बारें में कहा कि हमारी सरकार दिल्ली के लोगों को ऐसी जगह देना चाहती हैं जहॉं लोग प्रकृति का आनंद ले सकें और साथ-ही आने वाली पीढ़ी को भी प्रकृति के बारे में जागरूक कर सके। केजरीवाल सरकार दिल्ली के सिटी फोरेस्ट को और बेहतर बनाने तथा इकोलॉजिकल सुरक्षा के आधार पर इनका विकास करने के लिए तत्पर हैं |
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