wp-plugin-mojo
domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init
action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home4/twheeenr/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121google-analytics-for-wordpress
domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init
action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home4/twheeenr/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121newscard
domain was triggered too early. This is usually an indicator for some code in the plugin or theme running too early. Translations should be loaded at the init
action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home4/twheeenr/public_html/wp-includes/functions.php on line 6121The post पुलिस सुरक्षा बलों को उन्नयन और आधुनिकीकरण करने की जरूरत है: माननीय गृह राज्य मंत्री श्री अजय कुमार मिश्रा appeared first on The News Express.
]]>
माननीय गृह राज्य मंत्री श्री अजय कुमार मिश्रा ने चौथे राष्ट्रीय युवा पुलिस अधीक्षक सम्मेलन और तीसरे पुलिस एक्सपो में समापन भाषण दिया।
ड्रोन, काउंटर-ड्रोन और साइबर अपराध प्रबंधन ध्यान के वे क्षेत्र हैं जिनके इर्द-गिर्द कई समाधानों और क्षमताओं का प्रदर्शन किया गया।
नई दिल्ली, 30 सितंबर, 2022: गृह मंत्रालय के अधीन पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) और फिक्की द्वारा दिल्ली के बीपीआरएंडडी मुख्यालय में आयोजित चौथा युवा पुलिस अधीक्षक सम्मेलन और तीसरा पुलिस एक्सपो 2022 दो दिवसीय सफल आयोजन के बाद शुक्रवार को समाप्त हो गया। इस सम्मेलन में भारत सरकार के गृह राज्य मंत्री श्री अजय कुमार मिश्रा ने भी भागीदारी की। इस सम्मेलन का विषय ‘साइबर अपराध प्रबंधन, ड्रोन और काउंटर ड्रोन में नवाचार और अनुसंधान’ था।
समापन भाषण देते हुए, माननीय गृह राज्य मंत्री अजय कुमार मिश्रा ने कहा, “इस सम्मेलन के विषय आज पुलिस द्वारा सामना की जा रही आधुनिकीकरण की चुनौतियों के लिए प्रासंगिक हैं, चाहे ड्रोन हों या साइबर अपराध। पुलिस को कानून और व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह वह चीज है, जो हमें विकसित राष्ट्र की ओर ले जा सकती है। जैसे-जैसे तकनीक आधुनिक होती जा रही है, अपराधी भी हाई-टेक तरीके अपना रहे हैं। कोविड-19 के चलते व्यवधान ने साइबरस्पेस में इसकी असीम और सस्ती प्रकृति के कारण तेजी ला दी है। जब तक हम एक खामी दुरूस्त करते हैं, तब तक दूसरी खामी सामने आ जाती है। इसलिए, सभी सुरक्षा बलों का उन्नयन और आधुनिकीकरण करना आवश्यक है।”
आगे उन्होंने कहा, “जैसे इंटरनेट की कोई सीमा नहीं है, उसी तरह आज जिन चुनौतियो का समाना करना पड़ रहा है वे बहुत बड़ी हैं। इन चुनौतियों से पारंपरिक पुलिसिंग से नहीं पार पाया जा सकता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और 5जी जैसी तकनीकें साइबर धोखाधड़ी की रोकथाम करने में हमारी मदद कर सकती हैं। हमारे माननीय प्रधान मंत्री और गृह मंत्री ने हमेशा समय से पहले सोचने के लिए हमारी जनशक्ति को प्रशिक्षित करने पर ध्यान केंद्रित किया है।”
इस दो दिवसीय सम्मेलन में पुलिस अधीक्षक (एसपी) और उससे ऊपर की रैंक के लगभग 200 युवा आईपीएस अधिकारियों ने भाग लिया।
इस अवसर पर बोलते हुए, बीपीआरएंडडी के डीजी श्री बालाजी श्रीवास्तव, आईपीएस, ने कहा, “मेरी राय में, साइबर स्पेस में साइबर अपराधों से निपटने के दौरान, हमें इन बातों को ध्यान में रखना चाहिए: अपराध की रोकथाम और जाँच, नागरिकों के जीवन और संपत्ति की सुरक्षा और संरक्षा, राष्ट्रीय महत्व की अधोसंरचना की सुरक्षा, इंटेलीजेंस, सर्विलांस, कानून और व्यवस्था का अनुरक्षण और आतंकवाद रोधी गतिविधियाँ। साइबर अपराध प्रबंधन पर अपने दृष्टिकोण की समीक्षा करने का समय आ गया है, क्योंकि साइबर अपराधी लगातार अपने तौर-तरीकों और अपराध के तरीकों में बदलाव ला रहे हैं।”
सम्मेलन के दौरान पाँच वक्ता सत्रों में से प्रत्येक के मुख्य अंशों की पुनरावृत्ति करते हुए बीपीआरएंडडी के निदेशक (आधुनिकीकरण) डॉ करुणा सागर, आईपीएस, ने कहा, “इस सम्मेलन ने पुलिस बलों के क्षमता निर्माण और आंतरिक सुरक्षा के विभिन्न पहलुओं को मजबूत करने पर परिचर्चा और विचार-विमर्श का मंच प्रदान किया है।”
फिक्की के महानिदेशक अरुण चावला ने कहा, “पुलिस को आपातकालीन स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया प्रदान करनी चाहिए। साथ ही पुलिस को नागरिकों के प्रति संवेदनशील होना चाहिए और बिना किसी भय या पक्षपात के कानून लागू करना चाहिए। पुलिस को पेशेवर हस्तक्षेप और अपराध का पता लगाने में अच्छी तरह से प्रशिक्षित होना चाहिए। स्मार्ट पुलिसिंग के प्रति प्रधान मंत्री मोदी की दृष्टि में, पुलिस स्मार्ट और समझदार, आधुनिक और सचल, सतर्क और जवाबदेह, विश्वसनीय और उत्तरदायी और तकनीक-प्रेमी और प्रशिक्षित होनी चाहिए। हमें साइबर अपराध प्रबंधन और ड्रोन प्रौद्योगिकी अपनाने के लिए विभिन्न राज्य पुलिस बलों के क्षमता निर्माण में साझेदारी करते हुए खुशी होगी।”
धन्यवाद प्रस्ताव देते हुए फिक्की की होमलैंड सिक्योरिटी कमेटी के सह-अध्यक्ष नीलेश तुंगर ने कहा, “मूल कर्तव्यों और नागरिकों के बीच पुलिस विभाग की धारणा स्थापित करने के संदर्भ में पुलिस अधिकारियों की जिम्मेदारियाँ वास्तव में बहुत बढ़ गई हैं। तकनीक दोधारी तलवार है, लेकिन आज हम इसको उन समस्याओं का समाधान करने वाले सक्षमकर्ता के रूप में देख सकते हैं जिनसे हम जूझ रहे हैं। प्रौद्योगिकी का असली फायदा पहलकदमी करने वाला होना है।”
इस कार्यक्रम का उद्घाटन माननीय गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय द्वारा किया गया।
पुलिस एक्सपो में कई उत्पादों और उपकरणों का पुलिस अधिकारियों के समक्ष प्रदर्शन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम का उद्देश्य नागरिकों को प्रभावी पुलिस सेवा प्रदान करने के लिए राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के युवा पुलिस अधीक्षकों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कमांडेंटों के बीच साइबर अपराध प्रबंधन, ड्रोन, काउंटर ड्रोन जैसे क्षेत्रों में और प्रिडिक्टिव पुलिसिंग, अपराध और संबंधित डेटा विश्लेषण, भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी, निगरानी और सीसीटीवी उपकरण आदि जैसे अन्य संबंधित क्षेत्रों में नवीनतम तकनीकों के संबंध में जागरूकता पैदा करना है।
दूसरे दिन के सत्र में कुछ उभरती हुई तकनीकों जिनका एलईए द्वारा साइबर अपराध का मुकाबला करने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है और पुलिस बलों की तकनीकी आवश्यकताओं पर प्रकाश डाला गया और उपलब्ध समाधानों जिनका आंतरिक सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है; और स्टार्टअप किस तरह कानून प्रवर्तन के भविष्य को आकार दे रहे हैं, का भी प्रदर्शन किया गया।
बीपीआरएंडडी पर पुलिस आधुनिकीकरण से संबंधित नवीनतम तकनीकों, उत्पादों और सर्वोत्तम परिपाटियों की प्रदर्शनी और निदर्शन के माध्यम से उद्योग जगत, अकादमिक जगत और राष्ट्रीय महत्व के तकनीकी संस्थानों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच लगातार मिलन बिंदु का निर्माण करने की जिम्मेदारी है।