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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home4/twheeenr/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114The post दिल्ली कमेटी के दिवालियेपन पर न्यायिक जांच होनी चाहिए : सरना appeared first on The News Express.
]]>नई दिल्ली, 26 मई : शिरोमणी अकाली दल दिल्ली (शिअदद) ने दिल्ली के शीर्ष सिख धार्मिक संस्था के पूर्ण दिवालियापन पर न्यायिक जांच की मांग करने के लिए एक याचिका दायर करने की योजना बनाई है। शिअदद के प्रधान परमजीत सिंह सरना ने आरोप लगाते हुए कहा कि कालका-सिरसा की जोड़ी द्वारा चलाई जा रही दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के कर्मचारियों के वेतन और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के बढ़ते बिलों को लेकर माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय के सामने अपनी नई पेशगी में आधिकारिक तौर पर गुरु हरकृष्ण पब्लिक स्कूल (जीएचपीएस) की श्रृंखला को दिल्ली कमेटी से दूर कर लिया है।
सरना ने संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि हरमीत सिंह कालका की अध्यक्षता वाली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी न्यायालय में अपने मौजूदा और सेवानिवृत्त कर्मचारियों की देनदारी को खत्म करने संबंधित कोई भी ठोस तर्क देने में विफल रही है। यही नहीं जब दिल्ली उच्च न्यायालय ने जीएचपीएस के वर्षों पुराने मुद्दे को हल करने के लिए किए जाने वाले उपायों के बारे में इनके वकील से पूछा तो उन्होंने स्कूलों के स्वामित्व को ही छोड़ दिया। जबकि डीएसजीएमसी गुरु हरकृष्ण पब्लिक स्कूलों की करता-धर्ता है।बावजूद इसके दिल्ली कमेटी द्वारा माननीय न्यायलय के सामने जीएचपीएस से अपना मालिकाना हक छोड़ना यह दर्शाता है कि सिरसा-कालका की जोड़ी उस स्थिति से भाग रही है जो उन्होंने खुद गुरुद्वारा कमेटी के सभी वित्तीय संसाधनों को छीनकर बनाई।सरना ने बताया कि हमने कमेटी छोड़ते वक्त 120 करोड़ रुपए खजाने में छोड़े थे। अब जब दिल्ली कमेटी दिवालिएपन के कगार पर है तो इसकी अदालती जांच करने संबंधित कार्यों के लिए हमने तुरंत एक कानूनी जानकारों की टीम को इस काम के लिए लगा दिया है।हमारी मांग है कि कोर्ट द्वारा नियुक्त आयोग इस बात की जांच करे कि गुरुद्वारा कमेटी आज जहां है वहां कैसे पहुंची। सिरसा-कालका जोड़ी के तहत हुई लूट का पूरा सच का पता लगाने के लिए कोर्ट की निगरानी में जांच कराई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि गुरुद्वारा कमेटी अपने ही कर्मचारियों को उनके जायज बकाया को लेकर इतने तनाव में क्यों हैं?शिअद दिल्ली के प्रमुख परमजीत सिंह सरना ने यह भी कहा कि अदालत ने गुरद्वारा कमेटी को चेतावनी भी दी है कि उसका शीर्ष नेतृत्व पर कोर्ट के अवमानना के 41 मामले हैं, जिनमें से प्रत्येक को कम से कम छह-छह माह की सजा हो सकती है।सरना ने कहा कि कालका के नेतृत्व वाली कमेटी को केवल कोर्ट के अवमानना के मामले ही 20 साल और 6 महीने की सजा भुगतनी पड़ सकती है। इसके अलावा उन पर धोखाधड़ी और लूट के अन्य आरोप भी हैं। अगर इसमें भी उन्हें दोषी ठहराया जाता है तो सिरसा-कालका की जोड़ी को जीवन भर जेल में बितानी पड़ सकती है।
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]]>नई दिल्ली, (18 अप्रैल): शिरोमणी अकाली दल दिल्ली (शिअदद) ने लाल किले पर श्री गुरु तेग बहादुर साहिब के 400 वें प्रकाश पर्व पर आयोजित होने वाले राज्य स्तरीय समारोह में करोड़ों रुपए टेंडर घोटाले की तत्काल उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। बता दें कि हाल ही में एक मीडिया रिपोर्ट में मनजिंदर सिंह सिरसा और हरमीत सिंह कालका द्वारा करोड़ों रुपए के टेंडर घोटाले का खुलासा करने की बात सुर्खियों में आई है। उक्त टीवी रिपोर्ट में कहा गया है कि अगामी 20-21 अप्रैल को लाल किले पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भाग लेंगे। इस कार्यक्रम के लिए केंद्र सरकार की तरफ से दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) को 5 करोड़ रुपए की बजट की मंजूरी दी गई है। डीएसजीएमसी ने टेंडर जारी करने से पहले ही कथित रूप से पंजाब टेंट हाउस नाम से एक फर्म को करोड़ों रुपये के पंडाल का काम करते हुए दिखाया।
इस संबंध में शिरोमणी अकाली दल दिल्ली (शिअदद) के प्रमुख परमजीत सिंह सरना ने सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि यह एक और ज्वलंत उदाहरण है कि कैसे सिरसा और कालका ने पंडाल का काम करने से पहले ही सरकारी धन की बंदरबांट करने की साजिश रची। असल में उन्होंने पहले ही इस बंदरबांट की योजना बना ली होगी और बाद में अपनी ही फर्जी कंपनियों को पैसा जारी करवाने की योजना बनाई। ये लोग सरकारी खजाने के पैसे को लूटने के लिए टेंडर प्रक्रिया के नाम पर महज कागजी कार्रवाई की है। असल में इन्होंने फर्जी कंपनी पंजाब टेंट हाउस के पहले ही डील तय कर ली थी, टेंडर तो महज एक दिखावा है।
पंथक नेताओं ने एक बार फिर से सिरसा द्वारा की गई गुरु की गोलख लूट व डीएसजीएमसी में हुए भ्रष्टाचार के खिलाफ एक उच्च स्तरीय सरकारी जांच की मांग की है। सरना ने कहा कि इस घोटाले में सरकारी धन को लूटने की साजिश की गई है। इसलिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) सहित कई सरकारी जांच एजेंसियों को इसपर तुरंत जांच शुरू कर आरोपियों पर मुकदमा चलाना चाहिए। सरना ने कहा कि अभी तक हुए घोटाले बताते हैं कि कैसे सिरसा और कालका राज्य-स्तरीय कार्यक्रमों में करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे थे।
पंथक नेताओं ने कहा कि अगर इस घोटाले की उच्च स्तरीय जांच हुई तो सिरसा-कालका के छुपे हुए काफी राजों पर से पर्दा उठ जाएगा। वे न केवल सरकारी अनुदान बल्कि संगत द्वारा गुरु घर में दिए गए दसवंध में भी गबन कर रहे हैं। इन नेताओं ने कहा कि दोनों को डीएसजीएमसी में हुए सभी वित्तीय अपराधों के लिए सलाखों के पीछे डाल दिया जाना चाहिए।
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