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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home4/twheeenr/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114The post पिटाई से पैर खराब, शरीर पर जले के निशान,सीमा पात्रा की कैद से छूटी सुनीता बोलीं- मैडम सामान छूने पर भी मारती थीं appeared first on The News Express.
]]>दोनों फोटो में एक ही महिला है। नाम सुनीता, उम्र करीब 29 साल। हालांकि सुनीता को अपनी उम्र याद नहीं है। इसकी वजह है, बेरहमी से लगातार पिटाई। सुनीता BJP से सस्पेंड सीमा पात्रा के घर काम करती थीं। यहां उन्हें बुरी तरह मारा जाता था। इससे दांत टूट गए, पैरों ने काम करना बंद कर दिया, चेहरे और हाथ पर जले के कई निशान बन गए।
रांची के रिम्स में 2 हफ्ते से उनका इलाज चल रहा है। वे पहले से बेहतर हैं, लेकिन कमजोरी बहुत है। पूरी तरह ठीक होने में वक्त लगेगा। हमने सुनीता से उनके वार्ड में ही बात की। उन्होंने बताया कि मैडम (सीमा) छोटी गलतियों पर भी इतना गुस्सा होती थीं कि जो हाथ में आता, उसी से मारतीं। हमने सुनीता से पूछा- ये सब कब से शुरू हुआ? उन्होंने बताया- एक साल से। इससे पहले ज्यादा टॉर्चर नहीं होता था।
हमने पूछा- आप सीमा पात्रा के घर कैसे और कब पहुंचीं?
मेरा घर झारखंड के गुमला जिले में पड़ता है। मैं अपने ननिहाल के जरिए सीमा पात्रा के घर पहुंची। उनके घर में रहकर झाड़ू-पोछा, बर्तन और धीरे-धीरे खाना बनाना शुरू किया। तीन साल पहले तक दिल्ली में वसंत कुंज में उनकी बेटी के यहां रही। फिर रांची आ गई। यहीं से मैडम का बर्ताव बदल गया।
काम के बदले तनख्वाह मिलती थी?
वे मुझसे कहती थीं कि तुम्हारी तनख्वाह बैंक अकाउंट में जमा कर दी है। मैंने कभी पासबुक देखी नहीं। नहीं पता कि अकाउंट में पैसा डालती भी थीं या नहीं। मेरा आधार कार्ड और बैंक की पासबुक सीमा के पास ही थी। मैं उनसे कहती थी कि मुझे कुछ दिन रिश्तेदारों के यहां जाना है, तो नहीं जाने देती थीं। कहती थीं कि मार के फेंक देंगे, मुंह बंद रखो। कभी घर से भागने की कोशिश नहीं की?
एक साल से तो घर से बाहर निकलना पॉसिबल ही नहीं रहा। घर में जेल की तरह कैद रहती थी। 2 बार भागने की कोशिश भी की, लेकिन उन्हें पता चल गया। इसके बाद मेरी खूब पिटाई की। कई दिन तक अंधेरे कमरे में बंद रखा। ठीक से खाना तक नहीं खाने देती थीं।
किस वजह से मारती थीं?
मैं चल पाती थी, तब तक झाडू़-पोंछा, बर्तन, खाना कर दिया करती थी। दिल्ली में भी पूरा काम करती थी। रांची आने के बाद उन्होंने इतनी ज्यादा पिटाई शुरू कर दी कि मेरी हालत बिगड़ने लगी। कभी कमर पर लात मार देतीं, कभी बर्तन फेंककर मार देती थीं। पिटाई की वजह से मेरे पैरों ने काम करना बंद कर दिया। मेरा पैर टूट गया।
मुझसे पैदल नहीं चला जाता। रेंगकर चल पाती थी। चलने के लिए अलमारी, दीवार, मेज का सहारा लेना पड़ता था। मैं किसी सामान को हाथ लगाती, तो हाथ पर ही जोर से मारती थीं। कहती थीं कि सामान कीमती है, उसे मत छुओ। कई बार सिर्फ इसी बात पर मेरी पिटाई हुई।
किचन का सामान, बेलन, तवा, कढ़ाई, फ्राइंगपैन फेंककर मारती थीं। गर्म तवे से मारती थीं, तो मैं बचने के लिए हाथ आगे कर देती। (हाथ दिखाते हुए) ये इतने सारे काले निशान दिख रहे हैं, ये सभी तवे से जलाने के ही हैं। वे कितना भी मार दें, उनके हाथ थकते नहीं थे। सबसे ज्यादा कब पीटा, आपको सबसे ज्यादा बुरा कब लगा?
वे मुझे कई-कई दिन कमरे में बंद कर देती थीं। एक बार मैंने पोछे वाली बाल्टी में यूरिन कर दिया, क्योंकि मेरी मजबूरी थी। उन्हें पता चला तो मार के गिरा दिया और लिटाकर मुंह पर यूरिन बहाया। ऐसा वाकया दो बार हुआ।
2 हफ्ते से हॉस्पिटल में हैं, पहले और अब में क्या बदला है?
मेरी ये हालत सीमा पात्रा की वजह से है। मैं उनकी बेटी के यहां रहती थी, तब सब कुछ ठीक था। मुझे ये लोग बाहर घुमाने भी ले जाते थे। आप मेरी पहले की फोटो देखिए। मैं सीधी खड़ी रह पाती थी, दौड़ भी सकती थी। आज मेरी ऐसी हालत है कि मैं चल तक नहीं सकती। कमर झुक गई है, ठीक से बोला नहीं जा रहा। कई-कई हफ्ते ऐसे बीते कि मैंने सूरज की रोशनी नहीं देखी।
उस घर से बाहर आई हूं, तो अच्छा लग रहा है। लग रहा है मानो जेल से रिहाई हो गई हो। सुनीता की कहानी में सीमा पात्रा के अलावा दो लोग और हैं। एक सीमा के बेटे आयुष्मान और दूसरे आयुष्मान के दोस्त विवेक।
1. सबसे पहले सुनीता के बारे में जानिए…
सुनीता गुमला में रहती थीं। बचपन में मां की मौत हो गई। गांव के स्कूल में 8वीं तक पढ़ाई की। कोई देखभाल करने वाला नहीं था, तो 22 साल की उम्र में घर छोड़ दिया और रांची आ गईं। 2012 में सीमा पात्रा के घर में हाउस हेल्प के तौर पर काम शुरू किया। इसके बाद दिल्ली चली गईं और 2019 तक पात्रा की बेटी के घर में काम करती रहीं। फिर सीमा के पास रांची लौट आईं। 22 अगस्त को उन्हें पुलिस ने सीमा के घर छुड़ाया।
2. अब सीमा पात्रा के बारे में जान लीजिए
रिटायर्ड IAS महेश्वर पात्रा की पत्नी, BJP महिला विंग की राष्ट्रीय कार्य समिति की मेंबर। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान की स्टेट काेऑर्डिनेटर। अभी पार्टी से सस्पेंड हैं। 1991 में पलामू से लोकसभा चुनाव लड़ा था। पहले RJD और लगभग 2 साल कांग्रेस में रहीं। प्रदेश कांग्रेस में सचिव का पद संभाला। रांची के पॉश एरिया अशोक नगर में रहती हैं।
पति महेश्वर पात्रा स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट डिपार्टमेंट में सेक्रेटरी रहे और डेवलपमेंट कमिश्नर के पद से रिटायर हुए।3. सीमा के बेटे आयुष्मान पात्रा
आयुष्मान ने ही सुनीता से मारपीट की बात पुलिस को बताई। उन्होंने कहा कि मां ने हाउस हेल्प को 3 साल तक एक कमरे में बंद रखा। आयुष्मान ने पहले अपनी मां से इस बारे में बात की थी। इस पर सीमा ने उन्हें मानसिक रोगी बताकर रांची के सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ साइकेट्री भिजवा दिया। बाद में उन्हें रिलीज करा लिया गया।
4. आयुष्मान के दोस्त विवेक बास्के
सुनीता के मामले में विवेक बास्के ने ही FIR दर्ज कराई है। विवेक सरकारी अधिकारी हैं। वे और आयुष्मान 2002 में साथ पढ़ते थे। 2 अगस्त को आयुष्मान ने विवेक को फोन पर बताया था कि उसकी मां सुनीता को पीट रही है। इसके बाद विवेक ने सारी जानकारियां जुटाकर 22 अगस्त को सीमा पात्रा के खिलाफ हर घोड़ा थाना में केस दर्ज कराया।
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