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action or later. Please see Debugging in WordPress for more information. (This message was added in version 6.7.0.) in /home4/twheeenr/public_html/wp-includes/functions.php on line 6114The post SADD ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर क्यो कहा कमजोर होते अकाली दल को देख सिख बुद्धिजीवी चिंतित में appeared first on The News Express.
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नई दिल्ली , 21 मार्च : पंजाब विधानसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल की हुई करारी हार के बाद सिख बुद्धिजीवी चिंतित हैं । सभी परेशान हैं कि 100 साल से भी ज्यादा पुरानी पार्टी का जनाधार कैसे घट रहा है । इसे लेकर लुधियाना में प्रसिद्ध सिख धार्मिक विशेषज्ञ , इतिहासकार , बुद्धिजीवी और पंथक नेताओं की बैठक हुई । इस बैठक में सामूहिक प्रयासों से शिरोमणि अकाली दल को फिर उसी ऊचाईयों पर ले जाने का आह्वान किया गया ।
इस बैठक में प्रो . पृथ्वीपाल सिंह कपूर , डॉ . एस . पी . सिंह , प्रो . गुरतेज सिंह , डॉ . गुरदर्शन सिंह ढिल्लों , एसजीपीसी सदस्य बीबी किरणजोत कौर , एस . बीर दविंदर सिंह , डॉ . स्वर्ण सिंह सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे । बैठक के दौरान सिख बुद्धिजीवियों ने 100 साल से अधिक पुराने शिरोमणि अकाली दल के घटते प्रभाव पर गंभीर चिंता व्यक्त की । इस कॉन्क्लेव के संबंध में सोमवार को एक प्रेसवार्ता के दौरान पंथक नेता परमजीत सिंह सरना ने कहा कि लोगों के बीच अकाली दल का जनाधार तेजी से घट रहा है । बादल परिवार ने शिरोमणि अकाली दल को गंभीर संकट में डाल दिया है । 20 फरवरी को हुए पंजाब विधानसभा चुनाव के परिणाम यही बता रहे हैं । यह गंभीर चिंताजनक बात है ।
उन्होंने कहा कि शिअद के घटते प्रभाव के कारण सिखों ने पंजाब , राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी राजनीतिक आवाज खो दी है । डीएसजीएमसी चुनाव में पंजाबी बाग वार्ड से बादल के सहयोगी एम एस सिरसा को हराने वाले हरविंदर सिंह सरना ने कहा कि राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाओं और हितों के साथ कोई भी राजनीतिक दल सिख और पंथक मुद्दों को ईमानदारी से उठा नहीं सकता , उनका हल नहीं निकलवा सकता । डीएसजीएमसी के पूर्व अध्यक्ष ने कहा पंजाब विधानसभा चुनाव के परिणाम स्पष्ट कहते हैं कि पंजाब या पंजाब के बाहर रह रहे सिखों को मिलकर मूल शिरोमणि अकाली दल को फिर से जीवित करना कहना होगा । हमें मूल शिरोमणि अकाली दल से बादल परिवार को अलग कर फिर से खड़ा करना होगा ।
शिरोमणि अकाली दल पूरी तरह से पंथ के लिए प्रतिबद्ध है न कि सत्ता की राजनीति के लिए । पंथक नेताओं ने कहा कि सिख राजनीतिक आवाज के अभाव में बड़ी ताकतों के शोषण का शिकार हो सकती है । ये बड़ी ताकतें अपने फायदे के लिए कुछ भी कर सकते हैं । एसएडीडी महासचिव ने कहा कि समझौता कर चुके एक परिवार ने पहले ही पंजाब और उसके बाहर पंथक हितों को भारी नुकसान पहुंचाया है । शिअद के घटते प्रभाव के कारण सिख जल्द ही राष्ट्रीय स्तर की राजनीति से दूर हो सकते हैं ।
साम्र विचारकों की ओर से सरना ने गुरु पंथ से अपील की कि वह नए पंथक प्रेरणों के साथ मिलकर पंथक कारणों को आगे बढ़ाने के लिए शिरोमणि अकाली दल को पुनर्जीवित करने की दिशा में तेजी से प्रयास करें । सरना ने सिरसा – कालका की जोड़ी पर हमला करते हुए कहा कि इन्होंने शहर के शीर्ष सिख धार्मिक प्रशासन पर गलत तरीके से कब्जा किया है । हरमीत सिंह कालका , सिरसा और अन्य गैंगस्टर कुख्यात जमीन और संपत्ति हड़पने वाले हैं । इन्हीं हथकंडों को अपनाकर उन्होंने डीएसजीएमसी की सत्ता हासिल की है । इसमें सिरसा के साथ कालका का भी हाथ है । दोनों ने मिलकर यह काम किया है ।
वे गुरु की गुलक को लूटने के लिए गुरु की संगत को धोखा दे रहे हैं ।सरना ने कालका और सिरसा को चुनौती दी कि अगर उनमें थोड़ी सी भी ईमानदारी है तो वह फिर से दिल्ली की संगत के लिए नए सिरे से जनादेश मांगे । ” क्या वे ऐसा कर सकते हैं ? हम उन्हें चुनौती देते हैं कि वे डीएसजीएमसी के लिए नए चुनाव करवाए और अपने चुनाव चिन्हों के साथ चुनाव लड़े , न कि किसी पार्टी के प्रतिनिधि के रूप में । सरना ने संवाददाताओं से कहा कि जो लोग गुलक लूट में शामिल रहे हैं , वे डीएसजीएमसी कार्यालयों में रहकर कुछ भी गलत कर सकते हैं । ” वे जानते हैं कि एक बार उन्हें बाहर निकाल दो उनके सभी राज का पर्दाफाश हो जाएगा और वे अपना शेष जीवन जेल में बिताएंगे । यह उनकी सोच बन गई है कि वे हर बार अपने इरादों में सफल हो जाएंगे । हमें उन्हें जल्द ही सलाखों के पीछे डाल देंगे और हम यह कर के रहेंगे ।
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