बिल्किस के न्याय के लिए चल रहे अभियान के चौथे दिन बिजनौर पहुँचे
बिजनौर अखिलेश यादव के बयान कि गुजरात और हिमांचल प्रदेश के विधान सभा चुनावों में भाजपा आम आदमी पार्टी से डरी हुई है और इसीलिए उसके नेताओं पर ईडी के छापे डलवा रही है को अल्पसंख्यक कांग्रेस अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने भाजपा को मदद करने वाला बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि अखिलेश अब पूरी तरह अपने पिता मुलायम सिंह यादव की तरह भाजपा को मदद करने की कला में पारंगत होते जा रहे हैं। लेकिन अब मुसलमान यह सब समझने लगे हैं।
ये बातें उन्होंने बिजनौर के स्योहारा और शेरकोट में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में कहीं। बिल्किस बानो के दोषियों की रिहाई के खिलाफ़ चल रहे अल्पसंख्यक कांग्रेस के न्याय अभियान के चौथे दिन वे बिजनौर आए थे।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि मुसलमान क्रोनॉलॉजी समझ रहे हैं कि कैसे पहले भाजपा सरकार ने मनीष सिसोदिया के घर ईडी से छापा मरवाया। फिर आप नेता संजय सिंह ने बयान दिया कि 2024 का चुनाव मोदी और केजरीवाल के बीच होगा और अब अखिलेश यादव भी भाजपा को फ़ायदा पहुँचाने के लिए संघ की बी टीम आप पर इस तरह के बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा यह सब मुसलमानों को गुमराह कर के उन्हें कांग्रेस से दूर करने की साज़िश का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि हो सकता है केजरीवाल से काम नहीं चलने पर तृणमूल और सपा नेताओं के यहाँ भी छापा पड़े और भाजपा उन्हें कृत्रिम विपक्ष के बतौर खड़ा करने की कोशिश करे। मुसलमानों को सपा और भाजपा के इस खेल से चौकन्ना रहना चाहिए।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि मुसलमान भूले नहीं हैं कि कैसे 2015 के बिहार विधानसभा चुनावों में पहले तो सपा राजद और जदयू के साथ महागठबंधन में शामिल हुई। फिर अमित शाह ने रामगोपाल यादव को तलब कर दिया। जिसके बाद ना सिर्फ़ सपा गठबंधन से बाहर हो गयी बल्कि सपा ने भाजपा को फायदा पहुँचाने के लिए बिहार में चुनाव भी लड़ा और मुलायम सिंह यादव जी अपनी सभाओं में भाजपा की तारीफ़ करने लगे कि उसकी सरकार बन रही है।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा विपक्षी नेताओं के खिलाफ़ एजेंसियों के दुरूपयोग पर जब सोनिया गांधी जी के नेतृत्व में 13 विपक्षी दलों ने संयुक्त बयान जारी किया तब भी अखिलेश यादव और मायावती ने उसपर हस्ताक्षर नहीं किया था। लेकिन वही अखिलेश यादव अब भाजपा के इशारे पर आप को विक्टिम बता कर उसमें हवा भरने में लग गए हैं।
बिल्किस बानो के दोषियों को दुबारा जेल भेजने की मांग के लिए बिजनौर के स्योहारा, धामपुर, शेरकोट और बिजनौर शहर में हस्ताक्षर अभियान चला।