आजादी का अमृत महोत्सव खुशियां लेकर आया है। ताजा रिपोर्ट के मुताबिक देश का मैन्यूफेक्चरिंग PMI (परचेज मैनेजर्स इंडेक्स) पिछले आठ माह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। यानी फैक्ट्रियां चल रही हैं। उत्पादन बढ़ रहा है। ये लगातार तेरहवां महीना है जब PMI इंडेक्स बढ़ रहा है।
हालांकि बारिश के कारण आवागमन घटा है, इसलिए पेट्रोल, डीजल की खपत घट गई है, लेकिन उत्पादन और निर्माण गतिविधियां बढ़ने के कारण बिजली की मांग काफी बढ़ गई है। यह सालाना आधार पर 3.8 प्रतिशत की वृद्धि पर पहुंच गई है।
रिपोर्ट यह भी कहती है कि देश में आईटी बीपीएससी कंपनियां बड़ी संख्या में भर्ती करने वाली हैं। इस वजह से लगभग तीन लाख नई नौकरियां आने वाली हैं। इस तिमाही के अंत तक ही डिजिटल सेक्टर में भर्तियों में 8.4 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने का अनुमान है। डिजिटल कौशल की वैसे भी इस वक्त सबसे अधिक डिमांड है। यही नहीं, 5जी स्पैक्ट्रम की नीलामी सोमवार को 39 वें राउंड तक पहुंच गई है और शुक्र है किसी घोटाले की धमक अब तक नहीं है। छठे दिन कुल स्पैक्ट्रम की बिक्री 1.50 लाख करोड़ रु. के मील के पत्थर को पार कर चुकी है।
उधर वाहनों की बिक्री भी उछाल पर है। कारों की बिक्री में बेइंतहा बढ़ोतरी देखी जा रही है। ये बात और है कि सरकार ने अब आटा, जीरा और बाकी छोटी, छोटी चीजों को भी GST के चक्रव्यूह में फंसा दिया है और गरीब का आटा गीला कर दिया है, लेकिन सरकार का भंडार भरता ही जा रहा है।
जुलाई महीने में GST की वसूली 28% बढ़कर 1.49 लाख करोड़ पर पहुंच गई है। GST लागू होने के बाद सबसे अधिक वसूली वाला यह दूसरा महीना है। इसी साल अप्रैल में 1.68 लाख करोड़ रु. की वसूली हुई थी। कम से कम अब तो सरकार को अपने ऐसे कुछ निर्णयों पर पुनर्विचार करना चाहिए जो गरीबों का आटा गीला कर रहे हैं। जैसे आटे पर GST। ढाई लाख रु. से ज्यादा के PF कॉन्ट्रीब्यूशन पर टैक्स। एक मात्र PF ही तो सहारा रहता है रिटायर हो रहे व्यक्ति का। उसे भी सरकार ने नहीं छोड़ा!
अब तो बारिश भी मेहरबान है। उत्पादन भी बढ़ रहा है। बेरोजगारी भी कम हो रही है। आजादी के अमृत महोत्सव को सार्थक करने का यही सबसे अच्छा और सुनहरा मौका है सरकार के पास।