दिल्ली के नए उपराज्यपाल ने दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों के साथ फिर दौरा किया है। इसपर आम आदमी पार्टी ने सख्त नाराजगी जाहिर की है। आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने कहा कि दिल्ली की संवैधानिक व्यवस्था का नए एलजी बार-बार उल्लंघन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री को सूचित किए बिना दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों के साथ दौरा किया और निर्देश हैं। केंद्र की भाजपा सरकार के उपराज्यपाल अगर दिल्ली की चुनी हुई केजरीवाल सरकार के अधिकार क्षेत्र में बार-बार दख़ल देंगे तो ये स्पष्ट हो जाएगा कि वो दिल्ली सरकार और लोकतंत्र के खिलाफ षड्यंत्र कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने लंबी सुनवाई के बाद फैसला दिया कि दिल्ली में एलजी के पास सिर्फ जमीन, लॉ एंड आर्डर और पुलिस है। बाकी सभी विभाग दिल्ली की चुनी हुई सरकार के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। एलजी पद की शपथ लेने के बाद कानून व्यवस्था के हालात बेहद खराब हैं, मेट्रो पर सेक्सुअल हैरेसमेंट, चितरंजन पार्क में बलात्कार समेत दर्जनों आपराधिक वारदात हो चुकी हैं। नए उपराज्यपाल से निवेदन है कि दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में दखल देने के बजाए दिल्ली की साफ सफाई, लोगों को घर देना, लॉ एंड ऑर्डर और महिलाओं की सुरक्षा पर ध्यान दीजिए। उपराज्यपाल खुद एक संवैधानिक पद पर हैं। संवैधानिक पद पर बैठकर संविधान की धज्जियां उड़ाना शोभा नहीं देता है।
आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और विधायक आतिशी ने पार्टी मुख्यालय में आज इस संबंध में प्रेस वार्ता को संबोधित किया। विधायक आतिशी ने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल ने 30 मई को दिल्ली जल बोर्ड की बैठक की थी। उसके 2 दिन बाद आम आदमी पार्टी ने उस जल बोर्ड की बैठक पर कई सवाल सामने रखे थे। मीडिया के माध्यम से एलजी के सामने भी सवाल रखे थे। हमें लगा कि शायद उपराज्यपाल नए हैं। नए होने के कारण एलजी को दिल्ली की संवैधानिक व्यवस्था का ज्ञान नहीं है। इसलिए ना चाहते हुए उन्होंने दिल्ली की संवैधानिक व्यवस्था का उल्लंघन कर दिया। लेकिन आज फिर से दिल्ली के नए उपराज्यपाल ने दिल्ली की संवैधानिक व्यवस्था का उल्लंघन किया है। उन्होंने आज सुबह दिल्ली की चुनी हुई सरकार और दिल्ली के मुख्यमंत्री को सूचित किए बिना फिर से दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों को बुलाया। दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों के साथ दिल्ली जल बोर्ड की दो सुविधाएं पप्पन कलां प्लांट और ढांनसा रेगुलेटर का दौरा किया।
विधायक आतिशी ने कहा कि पहले भी उपराज्यपाल को बताया था कि दिल्ली में एक बहुत स्पष्ट संवैधानिक व्यवस्था है। इस व्यवस्था पर कई सालों तक कानूनी बहस हुई। यह मामला हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट गया। सुप्रीम कोर्ट ने संवैधानिक बेंच बनाई, जिसने कई महीनों तक सुनवाई की। आखिरकार निर्णय दिया कि दिल्ली में केंद्र सरकार और उनके नुमाइंदे एलजी के पास सिर्फ तीन क्षेत्रों में पावर है। तीन क्षेत्र जमीन, लॉ एंड आर्डर और पुलिस है। बाकी दिल्ली के सभी विभाग दिल्ली की चुनी हुई सरकार के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। इसमें बिजली, पानी, स्कूल, अस्पताल, राजस्व विभाग, वित्त विभाग सहित अन्य शामिल हैं। यही बिजली, पानी, स्कूल, अस्पताल ठीक करने के लिए और इन पर काम करने के लिए दिल्ली के लोगों ने आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की सरकार को तीन-तीन बार चुनकर भेजा है।
देश के इतिहास में आम आदमी पार्टी पहली ऐसी हमारी पार्टी है जिसने दो लगातार विधानसभा चुनावों में 90 फ़ीसदी से ज्यादा विधानसभा की सीटें जीती हैं। यह भारत के लोकतंत्र में ऐसी पहली पार्टी है। दिल्ली के लोगों ने आम आदमी पार्टी को क्यों चुना कर भेजा, क्योंकि वह चाहते हैं कि अरविंद केजरीवाल की सरकार बिजली, पानी, स्कूल अस्पताल पर काम करे। क्योंकि वह अरविंद केजरीवाल की सरकार के काम से खुश थे। वह चाहते थे कि बच्चों को अच्छे स्कूल, अस्पताल मिलें और फ्री बिजली पानी मिले। 24 घंटे बिजली और पानी मिले। इसकी वजह से दिल्ली के लोगों ने अरविंद केजरीवाल की सरकार को जिताकर भेजा था। उन्हें पता था कि बिजली, पानी, स्कूल, अस्पताल अरविंद केजरीवाल के अधीन आते हैं। दिल्ली के लोग दिल्ली की संवैधानिक व्यवस्था को समझते हैं। लेकिन आज इस संवैधानिक व्यवस्था का उल्लंघन दिल्ली के उपराज्यपाल खुद कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मैं उपराज्यपाल को याद दिलाना चाहती हूं कि आपके अधिकार में सिर्फ और सिर्फ तीन क्षेत्र आते हैं। पहला जमीन, दूसरा लॉ एंड ऑर्डर और तीसरा दिल्ली पुलिस है। उपराज्यपाल को याद दिला देना चाहती हूं कि एमसीडी सीधे केंद्र सरकार चला रही है। आप केंद्र सरकार के नुमाइंदे हैं तो इन तीन अधिकार क्षेत्रों के साथ चौथा अधिकार क्षेत्र एमसीडी भी जोड़ सकते हैं। लेकिन पानी, बिजली, स्कूलों और अस्पतालों को ठीक करना दिल्ली की चुनी हुई सरकार का काम है। अगर एलजी अब दिल्ली की चुनी हुई सरकार के अधिकार क्षेत्र में दखल डालेंगे तो एक बार इंसान यह मान सकता है कि गलती हो गई है। लेकिन अगर बार-बार वह दखल डालेंगे तो स्पष्ट हो जाएगा कि वह दिल्ली की चुनी हुई सरकार के खिलाफ षड्यंत्र कर रहे हैं। दिल्ली सरकार, जिनको दिल्ली की जनता ने चुन कर भेजा है, उसके अधिकार क्षेत्र का हनन कर रहे हैं। वह लोकतंत्र के खिलाफ षड्यंत्र कर रहे हैं, क्योंकि लोगों ने चुनाव के माध्यम से दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी की सरकार को चुन कर भेजा है।विधायक आतिशी ने कहा कि मैं उपराज्यपाल से कहना चाहती हूं कि पहले आप अपना घर ठीक कर लीजिए। आपके अधीन डीडीए, दिल्ली पुलिस, लॉ एंड ऑर्डर और एमसीडी आती है। डीडीए का काम है कि दिल्ली में आने वाले हर निवासी को सस्ते घर देना। डीडीए क्या कर रही है। दिल्ली में गरीब तो छोड़ दीजिए, किसी भी मध्यमवर्गीय व्यक्ति के लिए घर खरीदने का सोचना असंभव है। ऐसा इसलिए है क्योंकि डीडीए अपना काम नहीं कर रही है। मेरा उपराज्यपाल से निवेदन है कि पहले आप दिल्ली वालों के लिए घर का इंतजाम कीजिए, फिर दूसरों के कामों में दखल दीजिए।उपराज्यपाल ने पहले दिन खुद कहा था कि मैं आपको अपने एसी ऑफिस में नहीं दिखूंगा। मैं दिल्ली की सड़कों पर दिखूंगा। मैं निवेदन करती हूं कि दिल्ली की सड़कों पर कितनी गंदगी है, यह अपने ऑफिस से बाहर निकल कर देखिए। एमसीडी आप के अधीन आती है, उसने साफ सफाई के नाम पर दिल्ली को बदनाम करके रखा है। कोई भी व्यक्ति दिल्ली के बाहर से जब पहली बार दिल्ली में आता है, कोई विदेश से दिल्ली में एयरपोर्ट पर लैंड करता है और देश की राजधानी क्षेत्र में जाता है तो वह सबसे पहले गंदगी देखता है। इसके अलावा कोई ट्रेन या बस से दिल्ली में घुसता है तो सबसे पहले कूड़े के पहाड़ देखता है। पिछले 3 दिनों से भलस्वा के कूड़े के पहाड़ में आग लग रही है। वह जहरीला धुआं लोगों के घरों में जा रहा है। एलजी के पास समय नहीं है भलस्वा के पहाड़ की समस्या का समाधान करने का। पहले दिल्ली साफ करिए और दिल्ली के इन तीन कूड़े के पहाड़ों का सफाया करिए, फिर दिल्ली सरकार के आने वाले कामों में झांकने के बारे में सोचिए।विधायक आतिशी ने कहा कि उपराज्यपाल ने 26 मई को शपथ ली। दिल्ली में एलजी लॉ एंड ऑर्डर के हालात के लिए जिम्मेदार हैं। शपथ लेने के बाद 27 मई को संगम विहार में एक ऑटो रिक्शा चलाने वाले को किसी ने चाकू से मार दिया। क्या एलजी संगम विहार गए और संगम विहार थाने में क्या कुछ पता किया कि इस मर्डर के लिए कौन जिम्मेदार था। 27 मई को ही 19 साल का लड़का नार्थ ईस्ट दिल्ली की राम कॉलोनी में गोली चला कर मार दिया गया, लेकिन उपराज्यपाल श्री राम कॉलोनी में नहीं जाते हैं। 29 मई को एक व्यक्ति अपने बेटे की शादी के कार्ड बांटने के लिए संभल से दिल्ली आते हैं। उनका वजीराबाद में मर्डर हो जाता है। लेकिन उपराज्यपाल वजीराबाद नहीं गए। 29 मई को ही अंबेडकर नगर इलाके में झगड़ा होता है। दो लोग उस झगड़े को सुलझाने के लिए जाते हैं तो उन पर गोली चला दी जाती है। 30 मई को चितरंजन पार्क में एक लड़की का इंटरव्यू के बहाने बुलाकर बलात्कार होता है। 31 मई को एक व्यक्ति को चाकू से मधु विहार में मार दिया जाता है। 2 जून को दिल्ली के आदर्श नगर इलाके में एक आदमी को पीट-पीटकर मार दिया जाता है। 4 जून को एक 9 साल की लड़की का बलात्कार होता है। 4 जून को दिल्ली के जोर बाग मेट्रो स्टेशन पर एक लड़की का सेक्सुअल हैरेसमेंट होता है। यह एलजी के पद संभालने के बाद की दिल्ली की लॉ एंड सिचुएशन की छोटी सी तस्वीर है। इस दिल्ली में सब महिलाएं सोचती हैं कि मेट्रो सेफ है और हम मेट्रो में जा सकते हैं। लेकिन जब मेट्रो स्टेशन पर एक लड़की के साथ सेक्सुअल हैरेसमेंट होता है। एलजी के पास मेट्रो की सुरक्षा व्यवस्था देखने का समय नहीं है। एक 9 साल की बच्ची का बलात्कार हो जाता है, वहां जाना तो दूर की बात, आप एक पुलिस वाले को भी नहीं बुलाते हैं।उन्होंने कहा कि मेरा उपराज्यपाल से निवेदन है कि दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में दखल डालने के बजाय दिल्ली की साफ सफाई, लोगों को घर देना, लॉ एंड ऑर्डर और महिलाओं को सुरक्षा पर ध्यान देना आपकी जिम्मेदारी है। पहले आप अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करिए। उसके बाद अगर आप दिल्ली की चुनी हुई सरकार के कुछ भी कार्यों के बारे में जानना चाहते हैं तो दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आपको जरूर बताएंगे और जरूर दिखाएंगे। उपराज्यपाल से आग्रह है वह खुद एक संवैधानिक पद पर हैं और संवैधानिक पद पर बैठकर संविधान की धज्जियां उड़ाना, दिल्ली की संवैधानिक व्यवस्था को डामाडोल करना, आपको शोभा नहीं देता है।