इलाहाबाद. संगम नगरी प्रयागराज में नर्सिंग की छात्रा के साथ लव जिहाद का सनसनीखेज मामला सामने आया है. यह मामला दिल्ली के श्रद्धा मर्डर के जैसा ही है लेकिन फर्क सिर्फ इतना है कि दिल्ली की श्रद्धा के कथित मुस्लिम पति ने उसका कत्ल कर शरीर के 36 टुकड़े कर दिए थे, जबकि प्रयागराज में लव जिहाद का शिकार हुई नर्सिंग की छात्रा से धर्म छिपाकर कोर्ट मैरिज करने वाले ने करीबी रिश्तेदारों से गोली चलवाकर मौत का घाट उतारने की कोशिश की.
शरीर पर दो गोली लगने के बाद गंभीर रूप से जख्मी हुई नर्सिंग की छात्रा महीनों के इलाज के बाद अब अपने पैरों पर खड़ी होने लायक हो गई है.
हालांकि पीड़ित छात्रा पर अब हत्या के प्रयास और लव जिहाद के मामले में दर्ज कराए गए मुकदमे को वापस लिए जाने का दबाव बनाया जा रहा है. उसे तेजाब डालकर जिंदा जलाए जाने या फिर एके-47 से ताबड़तोड़ फायरिंग कर मौत के घाट उतारे जाने की धमकी दी जा रही है. लगातार मिल रही धमकियों से पीड़ित छात्रा बेहद डरी हुई है और उसे अपनी जान की फिक्र सता रही है. पीड़ित छात्रा ने अब अपनी जिंदगी बचाने और इंसाफ पाने के लिए सीएम योगी आदित्यनाथ से मदद की गुहार लगाई है.
बलिया की रहने वाली पीड़ित छात्रा का आरोप है कि क्लब हाउस ऐप के जरिए उसे एक साजिश के तहत जाल में फंसाया गया. उसका शारीरिक शोषण किया गया फिर अश्लील वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया गया. नशे का इंजेक्शन देकर करीबियों से गैंग रेप कराया गया फिर गोली मारकर जान लेने की कोशिश की गई और अब उसे व परिवार को जान से मारने की धमकी दी जा रही है. सीएम ऑफिस को किए गए ट्वीट के बाद प्रयागराज पुलिस ने पीड़ित छात्रा को सुरक्षा मुहैया करा दी है.
बारह- बारह घंटे की दो शिफ्ट में एक महिला और एक पुरुष कांस्टेबल उसकी सुरक्षा में तैनात कर दिए गए हैं, हालांकि प्रयागराज पुलिस का दावा है कि यह लव जिहाद का नहीं, बल्कि पारिवारिक विवाद का मामला है. इस मामले में दो एफआईआर दर्ज जरूर हुए हैं, लेकिन मामला फैमिली कोर्ट में भी चल रहा है. दरअसल यूपी के बलिया जिले की रहने वाले पल्लवी सिंह साल 2019 में 12वीं का इम्तिहान पास करने के बाद नर्सिंग का कोर्स करने के लिए संगम नगरी प्रयागराज आ गई थी. क्लब हाउस ऐप के जरिए यहां उसकी दोस्ती अनुज प्रताप सिंह से हुई.
कुछ ही मुलाकातों में दोनों एक- दूसरे को दिल दे बैठे और इसके बाद शादी का फैसला किया. दोनों ने 24 फरवरी 2022 को कोर्ट मैरिज कर ली. पल्लवी के मुताबिक शादी होने के बाद उसे पता चला कि अनुज प्रताप सिंह मुसलमान है और उसका असली नाम मोहम्मद आलम है. पीड़िता का दावा है कि शादी से पहले मोहम्मद आलम उर्फ अनुज प्रताप सिंह उसके साथ मंदिरों में जाता था. पूजा करता था, टीका लगाता था. उसके हाव-भाव से कभी यह एहसास नहीं हुआ कि वह इस्लाम धर्म से ताल्लुक रखता है. शादी के बाद ही उसे जानकारी मिली कि मोहम्मद आलम पहले से ही शादीशुदा है और उसके तीन बच्चे भी हैं.
आलम के इस्लाम धर्म से ताल्लुक रखने की जानकारी होने पर जब वह अलग होना चाह रही थी तो उसे बंधक बना लिया गया और घर में कैद कर रखा गया. आरोप है कि आलम ने इस दौरान अपने कुछ करीबियों से जबरन उसके शारीरिक संबंध भी बनवाए. इतना ही नहीं अश्लील वीडियो बनाकर उन्हें सोशल मीडिया पर सार्वजनिक किए जाने की धमकी देते हुए ब्लैकमेल भी किया. इस दौरान उस पर इस्लाम धर्म के हिसाब से पूजा पद्धति अपनाने का भी दबाव बनाया जाता था.
13 अगस्त 2022 को मौका मिलने पर वह घर से भाग गई और कर्नलगंज पुलिस स्टेशन में जाकर केस दर्ज कराया. आरोप है कि पुलिस स्टेशन से बाहर निकलते ही आलम व उसके रिश्तेदारों ने उसे अगवा कर लिया और केस वापस नहीं लेने पर मां व भाई को मौत के घाट उतारने की धमकी दी. पीड़िता का दावा है कि अपनी मां व भाई की जिंदगी बचाने के लिए उसने पहले पुलिस में झूठा बयान दिया और उसके बाद मजिस्ट्रेट के सामने. मजिस्ट्रेट के सामने बयान देने के बाद पुलिस ने इस केस में फाइनल रिपोर्ट लगा दी थी.
आरोप है कि इस बीच उसे नशे का इंजेक्शन दिया जाता था, ताकि वह घर से भागना पाए. गर्भवती होने पर जबरन उसका अबॉर्शन भी कराया गया था. पीड़ित छात्रा के मुताबिक 11 अक्टूबर को आलम उर्फ अनुज प्रताप सिंह उसे कौशांबी जिले में ले गया और यहां एक होटल में रखा. अगले दिन उसे अपने रिश्तेदारों व दोस्तों के साथ एक गाड़ी में भेजा. रास्ते में सुनसान इलाके में गाड़ी से उतार कर उस पर छह फायर किए गए।, इनमें से उसे दो गोली पीठ में लगी. उसका इलाज पहले कौशांबी के अस्पताल में किया गया बाद में प्रयागराज के मेडिकल कॉलेज में रेफर कर दिया गया.
महीनों के इलाज के बाद अब जाकर वह ठीक हुई है और अपना केस लड़ना चाहती है. आरोप है कि गोलीकांड में नामजद किए गए चार आरोपियों में से कौशाम्बी पुलिस ने अभी तक सिर्फ एक को ही गिरफ्तार किया है. पीड़िता पल्लवी के मुताबिक अब उस पर केस को वापस लेने का दबाव डाला जा रहा है और वापस नहीं लेने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी जा रही हैं. कहीं से भी सुनवाई नहीं होने पर उसने सीएम योगी आदित्यनाथ समेत तमाम जिम्मेदार लोगों को ट्वीट किया तो प्रयागराज पुलिस हरकत में आई.
हालांकि पुलिस के अधिकारी इसे ज्यादा गंभीर मामला मानने को कतई तैयार नहीं है. प्रयागराज पुलिस ने पहले एक प्रेस नोट जारी कर पूरे मामले को ही संदिग्ध करार दिया और अब जांच कर सुरक्षा मुहैया कराए जाने के दावे किए जा रहे हैं.