श्रावस मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है। इस बार रक्षाबंधन का पर्व 11 अगस्त को मनाया जाएगा। इस त्योहार को मनाने की परंपरा हजारों साल से चली आ रही है। पहले राखी रेशमी धागे की बनी होती है, लेकिन बदलते वक्त के साथ इनपर भी फैशन का रंग चढ़ गया है। मार्केट में रंग-बिरंगी, फैंसी और महंगी राखियां उपलब्ध हैं। बहनें अपने भाइयों के लिए अच्छी सुंदर दिखने वाली राखी खरीदने की कोशिश करती हैं। हालांकि इन्हें खरीदते समय कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है, वरना इसका अशुभ प्रभाव होता है। आइए जाने राखी खरीदते और बांधते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
1. बाजार में कई फैंसी राखियां बिकती हैं। राखी खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि उसपर कोई अशुभ चिह्न न हो। ऐसी राखी भूलकर भी न खरीदें और न ही बांधें।
2. देवी-देवताओं की फोटो या चिह्न वाली राखियां भी मिलती हैं। ध्यान रखें कि इस तरह की राखियां अपने भाइयों को कभी नहीं बांधना चाहिए। दरअसल ये लंबे समय तक कलाई पर बंधी रहती हैं। जिसकी वजह से अपवित्र हो जाती है और कहीं गिर भी सकती है। इन दोनों स्थिति में भगवान का अपमान होता है।
3. कई बार जल्दबाजी में खंडित राखी खरीदने में आ जाती है। यदि ऐसी राखी आ जाए तो इसे भाई की कलाई पर न बांधें। हिंदू धर्म में शुभ कार्यों के दौरान खंडित वस्तुओं की पूजना करने की मनाही है।
4. रक्षाबंधन पर बहनें अपने भाई की सुख-समृद्धि की कामना करती हैं। इस पवित्र दिन काले रंग की राखी भाई को न बांधें। ये रंग नकारात्मक का प्रतीक है। शुभ कार्यों में इसका प्रयोग वर्जित माना गया है।