भारत में कृषि-नवीकरणीय पर एनएसईएफआई-आईजीईएफ गोलमेज सम्मेलन में विशेषज्ञों ने की शिरकत
लॉन्च किया गया AgriPV पोर्टल
नई दिल्ली, 23 अगस्त, 2022 : भारत के राष्ट्रीय सौर ऊर्जा संघ (एनएसईएफआई) और इंडो जर्मन एनर्जी फोरम (आईजीईएफ-एसओ) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित एक डबल इंजन विकास रणनीति सम्मेलन में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के माननीय संयुक्त सचिव श्री ललित बोहरा जी ने मंगलवार को इंडियन हैबिटेट सेंटर, नई दिल्ली में हिस्सा लिया।
एनएसईएफआई के अध्यक्ष श्री प्रणव आर मेहता ने कहा, “भारत सरकार का लक्ष्य 2047 तक ऊर्जा स्वतंत्र बनने का है और जब हम ऊर्जा स्वतंत्र हो जाएंगे तो हमारे किसानों को सबसे पहले इसमें योगदान देना चाहिए। कृषि क्षेत्र की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों से निपटने के लिए और जीवाश्म ईंधन पर हमारी निर्भरता को कम करना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। भारत सरकार द्वारा निर्धारित उपरोक्त लक्ष्यों से निपटने के लिए कृषि-नवीकरणीयता भारत के लिए आगे का रास्ता है।”
श्री दीपक गुप्ता, आईएएस (सेवानिवृत्त), मानद महानिदेशक, एनएसईएफआई ने उल्लेख किया कि भारत में सौर ऊर्जा और सौर जल पंपों (ऑन-ग्रिड और ऑफ-ग्रिड दोनों) की अपार संभावनाएं हैं।
नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के संयुक्त सचिव, श्री ललित बोहरा ने उल्लेख किया कि अक्षय स्रोतों से ऊर्जा का उत्पादन किसानों के लिए न केवल घरेलू खर्च को कम करने का अवसर हो सकता है, बल्कि कृषि आय बढ़ाने के लिए सह- कृषि और नवीकरणीय वस्तुओं का पता लगाना और पारस्परिक लाभ प्राप्त करना। अपने संबोधन में उन्होंने यह कहा , ” कृषि-नवीकरणीय भूमि उपयोग में सीधे सुधार के अलावा, खेती के लिए बिजली की आवश्यकता को बढ़ाने, पानी के नुकसान को बचाने / पानी का प्रभावी ढंग से उपयोग करने के साथ-साथ किसानों को आय का स्रोत जोड़ने में भी मदद कर सकता है।”
NSEFI और IGEF ने संयुक्त रूप से मुख्य अतिथि और अन्य अतिथि द्वारा “भारत में कृषि-फोटोवोल्टिक के कानूनी पहलू” रिपोर्ट का शुभारंभ किया। एमएनआर के संयुक्त सचिव श्री ललित बोहरा ने एनएसईएफआई-आईजीईएफ एग्रीवोल्टिक्स वेबसाइट भी लॉन्च की जो भारत में एग्रीपीवी से संबंधित सभी सूचनाओं के लिए वन स्टॉप रिपोजिटरी है।
सत्र के दौरान भाकृअनुप-केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान, जोधपुर, सनसीड एपीवी, सनमास्टर, फ्रौनहोफर इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और शक्ति पंप जैसे विभिन्न संगठनों ने कृषि-नवीकरणीय और उनके अनुभव के बारे में प्रस्तुत किया।
वक्ताओं ने बताया कि कृषि क्षेत्र के साथ बिजली उत्पादन के लिए अक्षय ऊर्जा का अर्थशास्त्र जीत और जीत का समाधान होगा। यह प्रथा कई मुद्दों को एक साथ हल करेगी यानी किसानों की आय को दोगुना करना, सौर ऊर्जा प्रसार में तेजी लाना, खाद्य-ऊर्जा-जल गठजोड़ और जलवायु परिवर्तन पर ध्यान केंद्रित करना है।