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क्रिसमस की पूर्व संध्या पर बिशप पीटर पैरापुल्लिल ने संघर्ष सेवा समिति के लिए की प्रार्थना « The News Express

क्रिसमस की पूर्व संध्या पर बिशप पीटर पैरापुल्लिल ने संघर्ष सेवा समिति के लिए की प्रार्थना

 

झाँसी। क्रिसमस की पूर्व संध्या पर कैथोलिक डायोसिस चर्च के बिशप पीटर पैरापुल्लिल अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ संघर्ष सेवा समिति कार्यालय पहुँचे जहाँ उन्होंने केरल के संगीत का मंचन किया जिसमें ईसा मसीह के जन्म से संबंधित महिमा को दर्शाया गया जानकारी देते हुए बिशप पीटर पैरापुल्लिल ने कहा ईसा मसीह आजीवन लोगों को शांति का संदेश दिया और उन्हें दूसरों की सहायता करते हुए जीवन जीने की कला सिखाई। ईसाई धर्म में प्रभु यीशु के जन्म का विशेष महत्व है हमने संघर्ष सेवा समिति कार्यालय में प्रभु यीशु का प्रतीकात्मक जन्मोत्सव मनाया और सभी को बधाइयां दी एवं प्रभु ईसा मसीह से प्रार्थना की कि संपूर्ण विश्व का कल्याण हो और संघर्ष सेवा समिति इसी तरह लोगों की सेवा करती रहे। इस दौरान समाजसेवी डॉ० संदीप सरावगी ने कहा ईसा मसीह को शांति और सेवा का प्रतीक माना जाता है इसी तरह हमारे सनातन धर्म में पूजा अर्चना के बाद संपूर्ण विश्व के कल्याण की प्रार्थना की जाती है। सनातन धर्म सद्भावना का संदेश देता है हमें सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए ईश्वर किसी भी धर्म के हों उन्होंने हमेशा दूसरों की सहायता का संदेश दिया है। हम हर धर्म का सम्मान करते हैं समाज सेवा करते हुए हम कभी धर्म जाति पाति को आड़े नहीं आने देते। साथ ही उन्होंने कहा 25 दिसंबर को सनातन धर्म में तुलसी पूजन का भी प्रावधान है हमारे देश में सभी धर्मों के त्यौहार मिलजुलकर मनाए जाते हैं। क्रिसमस के साथ हमें तुलसी पूजन भी अपने घरों में करना चाहिए जिससे पूरे विश्व को हमारे देश की सामाजिक एकता और सद्भावना का संदेश मिल सके।क्रिसमस की पूर्व संध्या पर बिशप पीटर पैरापुल्लिल ने संघर्ष सेवा समिति के लिए की प्रार्थना

क्रिसमस के साथ हमें तुलसी दिवस भी धूमधाम से मनाना चाहिए- डाॅ० संदीप सरावगी

झाँसी। क्रिसमस की पूर्व संध्या पर कैथोलिक डायोसिस चर्च के बिशप पीटर पैरापुल्लिल अपने प्रतिनिधिमंडल के साथ संघर्ष सेवा समिति कार्यालय पहुँचे जहाँ उन्होंने केरल के संगीत का मंचन किया जिसमें ईसा मसीह के जन्म से संबंधित महिमा को दर्शाया गया जानकारी देते हुए बिशप पीटर पैरापुल्लिल ने कहा ईसा मसीह आजीवन लोगों को शांति का संदेश दिया और उन्हें दूसरों की सहायता करते हुए जीवन जीने की कला सिखाई। ईसाई धर्म में प्रभु यीशु के जन्म का विशेष महत्व है हमने संघर्ष सेवा समिति कार्यालय में प्रभु यीशु का प्रतीकात्मक जन्मोत्सव मनाया और सभी को बधाइयां दी एवं प्रभु ईसा मसीह से प्रार्थना की कि संपूर्ण विश्व का कल्याण हो और संघर्ष सेवा समिति इसी तरह लोगों की सेवा करती रहे। इस दौरान समाजसेवी डॉ० संदीप सरावगी ने कहा ईसा मसीह को शांति और सेवा का प्रतीक माना जाता है इसी तरह हमारे सनातन धर्म में पूजा अर्चना के बाद संपूर्ण विश्व के कल्याण की प्रार्थना की जाती है। सनातन धर्म सद्भावना का संदेश देता है हमें सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए ईश्वर किसी भी धर्म के हों उन्होंने हमेशा दूसरों की सहायता का संदेश दिया है। हम हर धर्म का सम्मान करते हैं समाज सेवा करते हुए हम कभी धर्म जाति पाति को आड़े नहीं आने देते। साथ ही उन्होंने कहा 25 दिसंबर को सनातन धर्म में तुलसी पूजन का भी प्रावधान है हमारे देश में सभी धर्मों के त्यौहार मिलजुलकर मनाए जाते हैं। क्रिसमस के साथ हमें तुलसी पूजन भी अपने घरों में करना चाहिए जिससे पूरे विश्व को हमारे देश की सामाजिक एकता और सद्भावना का संदेश मिल सके।

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