“नेकी का डब्बा फाऊंडेशन” का मुहीम “नेकी का दोना-पत्तल” के तहत लगभग 300 जरूरतमंद को भोजन कराया गया के इस कार्यक्रम के आयोजक
वीरेंद्र सिंह अविनेश एवम् रूपम थे। “नेकी का डब्बा फाऊंडेशन” के संस्थापक गिरीश शुक्ला ने बताया की नेकी का डब्बा पीछले कई सालों से गरीब जरूरतमंद के लिए काम करती आ रही है जिसका आधार उतरन से है।
रजत अग्रवाल जी ने जानकारी दी कि कुछ वर्ष पूर्व संस्था की संयोजक कमेटी ने संकल्प लिया की झुग्गियों में रहने को मजबूर गरीब जरूरतमंद को भोजन कराने का संकल्प लिया।
इस कार्यक्रम को एक मुहीम के तहत सुरू किया गया जिसका नाम “नेकी का दोना-पत्तल” रखा गया, और नामकरण भी जानी-मानी उपन्यास लेखिका सपना जैन जी द्वारा किया गया।
रमाकांत बरनवाल जी और अशोक जी ने बताया कि यह मुहिम भूखे को खाना खिलाने का एक अनोखा प्रयास है जिसकी शुरुआत अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस 5th 2022 जून को की गई थी।
साथ ही पूजा थेनुआ, उर्वशी और संगीता ने बताया की चुंकि इस मुहिम की शुरुआत अंतरराष्ट्रीय पर्यावरण दिवस पर हुआ है अतः टीम इस कार्यक्रम में कभी भी प्लास्टिक/ थर्माकोल के प्लेट का इस्तेमाल नहीं करती।
कमल किशोर, हर्षवर्धन मिश्रा और डी एन सेठ ने जानकारी दी की अब लोग बंद कमरों में केक काटने के बजाय गरीब जरूरतमंद के बीच जाकर खुशियां बाटने में ज्यादा यकीन करने लगे हैं।
इस तरह मां अन्नपूर्णा का आशीर्वाद गरीब जरूरतमंद तक पहुंचाने का माध्यम नेकी का डब्बा फाउण्डेशन बन रहा है।
नेकी का पौधा अब फलदार वृक्ष बन रहा है
नेकी का डब्बा फाऊंडेशन ने ज़रूरतमन्द गरीब जन को निःशुल्क भोजन कराने के लिए एक मुहीम की शुरुआत की जिसका नाम प्रसिद्ध उपन्यास लेखिका सपना जैन ने नेकी का दोना-पत्तल रखा है।