झांसी के चर्चित पुष्पेन्द्र यादव फर्जी मुठभेड़ मामले में मंगलवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। इस फर्जी मुठभेड़ के मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर आरोपित पुलिसकर्मियों के खिलाफ अब केस दर्ज किया जाएगा।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने झांसी के चर्चित पुष्पेंद्र यादव फर्जी मुठभेड़ मामले में आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ केस दर्ज करने का आदेश दिया है। जस्टिस सुनीत कुमार और जस्टिस सैयद वैज मियां की खंडपीठ ने उक्त पुष्पेन्द्र के परिवारीजन की याचिका पर यह आदेश दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई 29 सितम्बर को होगी। कई पुलिसकर्मियों पर दर्ज होगी एफआईआर
झांसी के मोंठ थाना पुलिस की मुठभेड़ के समय तैनात कई पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज होगी। पुष्पेन्द्र की पत्नी शिवांगी यादव ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की। जिस पर कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है। झांसी के मोंठ थाना क्षेत्र में अक्टूबर 2019 में पुलिस ने पुष्पेन्द्र यादव का एनकाउंटर किया था।
एनकाउंटर को लेकर काफी हंगामा
पुष्पेन्द्र यादव के फर्जी एनकाउंटर को लेकर काफी हंगामा भी हुआ था। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने भी इस मुठभेड़ को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार को घेरा था।
कौन था पुष्पेन्द्र यादव
पुष्पेन्द्र यादव झांसी के करगुआं गांव का निवासी था। पुष्पेन्द्र यादव के पिता सीआईएसएफ में थे। पिता की आंखों की रोशनी जाने के बाद पुष्पेन्द्र को नौकरी मिली थी। पुष्पेन्द्र के पास दो ट्रक थे। जिससे वो सीमेंट, बालू की ढुलाई का बिजनेस करता था। दिल्ली मेट्रो में काम करने वाले पुष्पेन्द्र यादव के भाई ने मुठभेड़ को फर्जी बताकर पुलिस पर हत्या का आरोप लगाया था।
पुष्पेन्द्र का एनकाउंटर
झांसी पुलिस ने दावा किया था कि उसने पांच और छह अक्टूबर की रात कथित रूप से बालू खनन में शामिल पुष्पेन्द्र यादव को जिला मुख्यालय से 80 किलोमीटर दूर गुरसराय इलाके में मुठभेड़ में मार गिराया था। पुलिस ने दावा किया था कि मुठभेड़ से कुछ घंटे पहले पुष्पेन्द्र ने कानपुर झांसी राजमार्ग पर मोठ के थानाध्यक्ष धर्मेंन्द्र सिंह चौहान पर गोली चलायी थी। झांसी के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक ओपी सिंह के मुताबिक पुष्पेंद्र यादव अवैध रूप से खनन कार्य में शामिल था और 29 सितंबर को थानाध्यक्ष द्वारा उसके कुछ ट्रक जब्त करने के बाद उनसे उसकी कहासुनी भी हुई थी। पुलिस के अनुसार, पुष्पेन्द्र समेत तीन बाइक सवार ने शनिवार (5 अक्टूबर 2019) रात को थानाध्यक्ष धर्मेंद्र और उसके सहयोगी को कानपुर झांसी राजमार्ग पर रोका। पुष्पेंद्र ने धर्मेंद्र पर गोली चलाई और उसकी कार लेकर चला गया। इसके बाद में सुबह करीब तीन बजे गोरठा के पास पुलिस ने तीन लोगों को धर्मेंद्र की कार के साथ पकड़ा और इसी बीच हुई मुठभेड़ में पुष्पेंद्र मारा गया। छह अक्टूबर 2019 को पुष्पेंद्र यादव, विपिन और रविंद्र के खिलाफ मोठ और गुरसराय पुलिस थाने में दो अलग अलग प्राथमिकी दर्ज की गई।