दिल्ली- भगवान राम से जुड़े स्थलों को जाने वाली ये ट्रेन 18 दिनों की यात्रा पर निकलेगी और फिर वापस दिल्ली आ जाएगी.इस ट्रेन में कुल 10 डिब्बे हैं और इसमें 600 यात्री यात्रा कर सकते हैं.
धार्मिक यात्राओं को बढ़ावा देने के लिए 21 जून से भारत गौरव ट्रेन चलाई जाएगी.प्रधानमंत्री ने इसी साल देश के ऐतिहासिक स्थलों को दिखाने वाली ट्रेनों की सीरीज के रूप में भारत गौरव ट्रेन का एलान किया था. रेल मंत्रालय ने आईआरसीटीसी को इसकी जिम्मेदारी दी थी.ये ट्रेन दिल्ली से नेपाल के जनकपुर तक जाएगी.आपको बताते चले नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के यार्ड में खड़ी इस ट्रेन को देखा.ये ट्रेन यात्रा के लिए पूरी तरह से तैयार है.इसकी फिनिशिंग का काम आखरी दौर में है.
इसे भीतर और बाहर से खूबसूरती से सजाया गया है. बाहर से ट्रेन पर देश की नृत्य शैलियों को प्रदर्शित किया गया है.ताजमहल,हवामहल,काशी के मंदिर और सूर्यमंदिर जैसे गौरव स्थलों को दर्शाया गया है.इस ट्रेन के भीतर भी देश के गौरव स्थलों की तस्वीरें लगाई गई है.इसके अलावा ट्रेन में एक पूजा घर भी बनाया गया है जिसे यात्री सामूहिक भोज,कीर्तन और बैठक के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं.
भगवान राम से जुड़े प्रमुख स्थलों को जाने वाली ये ट्रेन 18 दिनों की यात्रा पर निकलेगी और अट्ठारवें दिन दिल्ली के सफदरजंग स्टेशन पर ही वापस आ जाएगी.इस ट्रेन में कुल 10 डिब्बे हैं और इसमें 600 यात्री यात्रा कर सकते हैं. पूरी ट्रेन थर्ड एसी है.इसमें एक व्यक्ति का किराया लगभग 62 हजार है जिसमें ट्रेन यात्रा के साथ भोजन,होटल,और बसों का किराया भी शामिल है.
रेल मंत्रालय ने आईआरसीटीसी को इस ट्रेन की ज़िम्मेदारी दी थी. आईआरसीटीसी ने एक प्राईवेट पार्टनर के रूप में अपने सबसे बड़े केटरिंग पार्टनर आर के एसोशिएट्स एंड होटलियर्स प्राईवेट लिमिटेड को चुना है.भारत गौरव ट्रेनों की कड़ी में पहली ट्रेन भारत दर्शन के अंतर्गत चिन्हित रामायण सर्किट पर प्रभु श्रीराम के जीवन से जुड़े स्थलों का पर्यटन कराएगी. नेपाल स्थित जनकपुर मे राम जानकी मंदिर का भ्रमण भी ट्रेन टूर में शामिल होगा.
21 जून को दिल्ली के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से ये ट्रेन 18 दिनों के टूर पर रवाना होगी.इस ट्रेन में कुल 10 कोच यात्रियों के लिए होंगे जिसमें कुल 600 यात्री यात्रा कर सकेंगे. इस ट्रेन में पैन्ट्री कोच की सुविधा होगी जिससे पर्यटकों को उनकी बर्थ पर ही शाकाहारी भोजन परोसा जाएगा. इसके साथ ही सीसीटीवी कैमरा, सिक्युरिटी गार्ड इत्यादि की व्यवस्था भी उपलब्ध कराई जाएगी.मेसर्स आर. के. एसोसिएटस् इस भारत गौरव ट्रेन के लिए आईआरसीटीसी के साथ सर्विस पार्टनर रहेगा.ताजे पके भोजन और अन्य खाने पीने की सभी सुविधाओं का इंतजाम भी इस प्राईवेट पार्टनर का ही होगा.
यात्रा का पहला पड़ाव भगवान राम का जन्म स्थान अयोध्या होगा जहां श्री राम जन्मभूमि मंदिर,श्री हनुमान मंदिर और नंदीग्राम में भरत मंदिर का दर्शन कराया जाएगा.अयोध्या से रवाना होकर यह ट्रेन बक्सर जाएगी जहां श्री विश्वामित्र जी का आश्रम और रामरेखा घाट पर गंगा स्नान का कार्यक्रम होगा.यहां से ट्रेन सीतामढ़ी जाएगी जहां जानकी जन्म स्थान है. वहां से ट्रेन नेपाल के जनकपुर स्थित राम जानकी मंदिर का दर्शन करने जाएगी.
नेपाल से लौटते समय ट्रेन का अगला पड़ाव भगवान शिव की नगरी काशी होगा जहां से पर्यटक बसों द्वारा काशी के प्रसिद्ध मंदिरों सहित सीता समाहित स्थल,प्रयाग,श्रृंगवेरपुर और चित्रकूट की यात्रा कराई जाएगी. इस दौरान काशी, प्रयाग और चित्रकूट में रात्रि विश्राम होगा.
चित्रकूट से चलकर यह ट्रेन नासिक पहुंचेगी जहां पंचवटी और त्रयंबकेश्वर मंदिर का भ्रमण किया जा सकेगा. नासिक के पश्चात प्राचीन किष्किंधा नगरी हंपी में इस ट्रेन का पड़ाव होगा, जहां अंजनी पर्वत स्थित हनुमान जन्म स्थल और अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक विरासत के मंदिरों का दर्शन श्रद्धालुओं को कराया जाएगा.
हंपी के बाद इस ट्रेन का अगला पड़ाव रामेश्वरम होगा.यहां पर पर्यटकों को प्राचीन शिव मंदिर और धनुषकोटी का दर्शन कराया जाएगा.रामेश्वरम से चलकर यह ट्रेन कांचीपुरम पहुंचेगी जहां शिव कांची, विष्णु कांची और कामाक्षी माता मंदिर का भ्रमण कराया जाएगा. इस ट्रेन का अंतिम पड़ाव तेलंगाना राज्य में स्थित भद्राचलम होगा जिसे दक्षिण की अयोध्या के नाम से भी जाना जाता है. यह ट्रेन 18 वें दिन दिल्ली वापस पहुंचेगी. इस दौरान ट्रेन लगभग 8000 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर चुकी होगी.