नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के सराय काले खां के समीप दर्जनों झुग्गी झोपड़ियों को तोड़ने के लिए डीडीए का बुलडोजर और उसके साथ डीडीए के अधिकारी मौके पर पहुंचे। इसकी जैसे ही जानकारी महाराणा प्रताप सेना के संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष राज वर्धन सिंह परमार को मिली। उन्होंने तुरंत अपने निवास से निकलकर लगभग आधे घंटे के अंदर ही सराय काले खां स्टेशन के समीप तोड़े जाने वाली झुग्गी झोपड़ियों में पहुंच गए और उन्होंने बुलडोज़र के सामने खड़े होकर बुलडोजर को रोक दिया और अधिकारियों से कहा कि जब तक झुग्गी-झोपड़ी वालों को पक्के मकान
झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों के घरों को तोड़ा नहीं जा सकता। परमार ने कहा कि बारिश का मौसम है ऐसे वक्त में गरीबों के पास सिर छुपाने के लिए जगह होनी चाहिए। इन गरीबों के पास छोटे-छोटे बच्चे और महिलाएं हैं मानवता के आधार पर भी इनकी समस्या को समझने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि यह गरीब लोग अपने बच्चों और पक्षियों को लेकर कहां जाएंगे। इसका भी जवाब सरकार को देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए महाराणा प्रताप सेना के दरवाजे हमेशा के लिए खुले हैं और दिल्ली-एनसीआर में झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोगों की लड़ाई महाराणा प्रताप सेना लगातार लड़ रही है। इस पूरे
प्रकरण को राजवर्धन सिंह परमार ने केंद्रीय शहरी राज्यमंत्री कौशल किशोर को बताया और झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों को उनके आवास पर ले जाकर जमीनी हकीकत से रूबरू करवाया। केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि इस पूरे मामले को हमारा मंत्रालय गंभीरता से ले रहा है लेकिन झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों को दिल्ली सरकार बेघर करना चाहती है। उन्होंने कहा कि गरीब और आम आदमी की चिंता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने करते हुए दिल्ली की अनधिकृत कालोनियों को नियमित करने का कार्य किया है। वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ग्रीन दिल्ली बनाने के नाम पर लोगों को बेघर करने में जुटे हुए हैं।