दिल्ली, 9 अगस्त, 2022: एसआईपी एकेडमी ने आज गरीब बच्चों की शैक्षणिक जरूरतों को पूरा करने और उन्हें सशक्त बनाने के लिये आज सामाजिक प्रभाव वाली पहलों की घोषणा की। उन्होंने बच्चों की मदद करने के महत्व पर जोर दिया, खासकर उनकी जो कि गरीब पृष्ठभूमि से ताल्लुक रखते हैं। अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी द्वारा कराए गए अध्ययन के अनुसार, इस महामारी ने चुनौती को और भी ज्यादा कठिन बना दिया है। मैनेजिंग डायरेक्टर, दिनेश विक्टर ने भारत में एसआईपी एकेडमी के परिचालन की 19वीं वर्षगांठ के मौके पर यह घोषणा की। एसआईपी फाउंडेशन के माध्यम से, यह संस्थान भारत में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों में कौशल विकास के लिये कई पहलों को सहयोग दे रहा है।
एसआईपी फाउंडेशन के माध्यम से यह संस्थान भारत में आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों में कौशल विकास के लिये कई सारी पहलों को सहयोग दे रहा है।
भारत भर में एसआईपी एकेडमी कार्यक्रमों के तहत कुल 148 एसआईपी स्टूडेंट्स, जिन्होंने महामारी के दौरान कमाई करनेवाले माता-पिता को खो दिया, उन्हें 12 महीने के पाठ्यक्रम को पूरा करने के लिये उनकी मासिक फीस में शुल्क माफी की पेशकश की जा रही है। इसके अलावा, वंचित वर्गों के 225 बच्चों को 75% तक शुल्क में छूट प्रदान की जाएगी। यह सहायता भारत भर के 45 एसआईपी एबेकस केंद्रों में 15 से अधिक राज्यों में उपलब्ध है।
कॉरपोरेट साझेदारी के माध्यम से, एसआईपी फाउंडेशन, चेन्नई, सिरकाज़ी (चिदंबरम) और सिवाकासी के 7 स्कूलों में भाषा और साझरता कौशल प्रदान कर रहा है। यह फाउंडेशन शिक्षकों को प्री-प्राइमरी और प्राइमरी क्लासेस के शिक्षकों को अंग्रेजी पढ़ाने और फोनिक्स स्किल में सशक्त बनाने के लिये ट्रेनिंग प्रोग्राम का आयोजन करता है। एसआईपी फाउंडेशन बच्चों को किताबें और टीचर्स को टीचिंग टूल्स, सॉफ्टवेयर प्रोग्राम और लेसन प्लान उपलब्ध करा रहा है। इसके माध्यम से बच्चे, धाराप्रवाह अंग्रेजी बोल और लिख पाएंगे। इस प्रोग्राम के अंतर्गत 7 स्कूलों में पढ़ रहे 1000 से अधिक स्टूडेंट्स शामिल हैं।
दिनेश विक्टर, मैनेजिंग डायरेक्टर-एसआईपी एकेडमी इंडिया का कहना है कि एक संस्थान के रूप में यह बच्चों में अपने कार्यक्रमों एसआईपी एबेकस (भारत के प्रमुख एबेकस ट्रेनिंग प्रोग्राम), ग्लोबलकार्ट (भारत के प्रमुख क्रिएटिव आर्ट ट्रेनिंग सेंटर्स) और माइकिड्स (एक अनूठा स्कूल आधारित अंग्रेजी भाषा प्रोग्राम) के माध्यम से जीवन कौशल विकसित करने का काम कर रहा है। एसआईपी एकेडमी बच्चों और स्कूलों को सीखने के उस अंतर को भरने में मदद करने और संख्यात्मकता, साक्षरता और बच्चों की रचनात्मक क्षमताओं का एक मजबूत आधार तैयार करने में एक अनोखी स्थिति में था।”
इस मौके पर अपनी बात रखते हुए, दिनेश विक्टर, मैनेजिंग डायरेक्टर, एसआईपी एकेडमी ने बच्चों को सॉफ्ट स्किल सिखाने के महत्व पर जोर दिया। सबसे महत्वपूर्ण बात है कि उन्होंने सामाजिक पहलों के बारे में जागरूकता और संवेदना बढ़ाने की जरूरत का उल्लेख किया।
उन्होंने आगे बच्चों की मानसिक क्षमता पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालने के दृष्टिकोण पर जोर दिया- ताकि युवा और बच्चे, विभिन्न कार्यक्रमों और पहलों के माध्यम से कौशल अर्जित करें, जिनका वे हिस्सा हैं । साथ ही एसआईपी एकेडमी प्रोग्राम में जीवन कौशल सीखें।
उन्होंने बताया कि किस प्रकार एसआईपी एकेडमी, मियावाकी जंगलों को तैयार करने में शामिल था, जिसमें से 3 प्रोजेक्ट पहले ही चेन्नई और जलगांव में शुरू हो चुके हैं। उन्होंने एसआईपी एकेडमी के स्टूडेंट्स को वर्षा जल योद्धाओं के रूप में शामिल करने और अपने घरों और अपने समुदायों में वर्षा जल संचयन जागरूकता और कार्यान्वयन में शामिल होने का उल्लेख किया। इस पहल के तहत चेन्नई के 170 लाख वर्ग फुट से अधिक क्षेत्र को कवर किया गया है।