दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को हिंदी मुहावरे ‘बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना’ का इस्तेमाल करते हुए उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना पर निशाना साधा और उनके प्राधिकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह ” मेरे हेडमास्टर” नहीं हैं.
सरकारी कामकाज में उपराज्यपाल के कथित हस्तक्षेप के मुद्दे पर दिल्ली विधानसभा को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने दावा किया कि एक बैठक में उपराज्यपाल ने उनसे कहा था कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उनकी वजह से दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव में 104 सीटें जीती है.
केजरीवाल की यह टिप्पणी आम आदमी पार्टी (आप) सरकार के कामकाज में कथित हस्तक्षेप के विरोध में उनके नेतृत्व में दिल्ली विधानसभा से उपराज्यपाल कार्यालय तक मार्च निकालने के एक दिन बाद आई है. मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि उपराज्यपाल ”सामंती मानसिकता से ग्रस्त हैं और नहीं चाहते कि दिल्ली के गरीब बच्चे अच्छी शिक्षा हासिल करें.”
उन्होंने कहा कि ” मेरे शिक्षकों ने भी कभी इस तरह मेरा होम वर्क नहीं जांचा, जैसे उपराज्यपाल फाइलें खंगालते हैं. उपराज्यपाल मेरे हेडमास्टर नहीं हैं. लोगों ने मुझे मुख्यमंत्री बनाया है.” पिछले सप्ताह शुक्रवार को केजरीवाल ने सक्सेना से मुलाकात की थी. मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया था कि जब उन्होंने कहा कि उप राज्यपाल स्वतंत्र निर्णय लेने वाले प्राधिकारी नहीं है तो सक्सेना ने ”वर्ष 2018 के उच्चतम न्यायालय के आदेश को महज राय” करार दिया था.
इन आरोपों को दोहराते हुए केजरीवाल ने दावा किया कि उप राज्यपाल ने बैठक में कहा कि भाजपा को एमसीडी चुनाव में उनकी वजह से 104 सीटों पर जीत मिली है और अगले आम चुनाव में उसे दिल्ली की सभी सात सीटों पर जीत मिलेगी. उन्होंने दिल्ली सरकार द्वारा शिक्षकों को फिनलैंड भेजने के प्रस्ताव पर दो बार उपराज्यपाल की आपत्ति के बारे में कहा कि सक्सेना का कहना था कि शिक्षकों को भारत में भी प्रशिक्षित किया जा सकता है.
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि उप राज्यपाल ”सामंतवादी मानसिकता से ग्रस्त हैं और नहीं चाहते कि दिल्ली के गरीब बच्चों को अच्छी शिक्षा मिले.” उन्होंने कहा, ”मैं अच्छा छात्र था…मेरे स्कूल के शिक्षक मेरे गृह कार्य की भी ऐसी जांच नहीं करते थे जैसा उपराज्यपाल करते हैं… यह वर्तनी सही नहीं है या सुलेख सही नहीं है. वह मेरे हेडमास्टर नहीं हैं. उप राज्यपाल कौन हैं और कहां से आए हैं? वह हमारे सिर पर सवार हैं. बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाना की तरह.” मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके पास दिल्ली के दो करोड़ लोगों का जनादेश है लेकिन उपराज्यपाल कौन हैं.
केजरीवाल ने कहा, ”मैंने बैठक में कहा: मुझे दिल्ली के लोगों द्वारा चुना गया है. मैंने उनसे पूछा कि आपको किसने चुना है. उन्होंने कहा कि मुझे राष्ट्रपति ने नियुक्त किया है.” उन्होंने उपराज्यपाल की तुलना ब्रिटिश शासन के दौरान नियुक्त किए जाने वाले वॉयसराय से की. केजरीवाल ने कहा, ”वॉयसराय कहा करते थे कि तुम बेवकूफ भारतीय, शासन करना नहीं जानते हो. आज उपराज्यपाल कह रहे हैं तुम दिल्ली वाले नहीं जानते कैसे शासन किया जाता है.”
मुख्यमंत्री ने उपराज्यपाल पर हमला जारी रखते हुए सवाल किया कि क्या वह फैसला करेंगे कि हमें अपने बच्चों को पढ़ने के लिए कहां भेजना चाहिए? उन्होंने दावा किया, ”हमारा देश ऐसी सामंती मानसिकता वाले लोगों की वजह से पीछे है.” मुख्यमंत्री ने दार्शनिक होते हुए कहा कि कुछ भी स्थायी नहीं है और संभवत: दिल्ली की सत्ता भी नहीं. उन्होंने कहा, ”जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं है. हो सकता है कि कल हम अपने केंद्र की सत्ता में हों… हमारी सरकार जनता का उत्पीड़न नहीं करेगी. हम जनमत का सम्मान करेंगे.”
उन्होंने कहा कि उप राज्यपाल के पास स्वयं फैसला लेने का अधिकार नहीं है. केजरीवाल ने कहा, ”उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट कहा है कि वह पुलिस,भूमि और कानून व्यवस्था को छोड़ अन्य मामलों पर अकेले फैसला नहीं ले सकते हैं.” मुख्यमंत्री ने ”भाजपा सांसदों, विधायकों और मंत्रियों के बच्चों की सूची” भी दिखाई जिनके बच्चे विदेश में पढ़ रहे हैं और कहा कि सभी को बेहतरीन शिक्षा सुलभ होनी चाहिए.