नई दिल्ली, 1 जुलाई, 2022 – दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली की अरविन्द केजरीवाल सरकार द्वारा सम्पति की खरीद फरोख्त पर मार्च 2022 में 30 प्रतिशत की सर्कल रेट बढ़ाने की योजना को पूरा करने के लिए दिल्लीवासियों को मिल रही 20 प्रतिशत की छूट को खत्म कर दिया है।
भविष्य में दिल्ली के रिहायशी इलाकों में सम्पति की खरीद-फरोख्त को पंजीकृत करवाना अब महंगा होगा। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जब दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग के पास सरप्लस बजट है तो फिर क्यों सर्कल पर मिलने वाली 20 प्रतिशत छूट को खत्म करके गरीबों पर कुठाराघात किया जा रहा है। राजधानी में अब गरीब लोगों को घर खरीदनें में मुश्किल बढ़ेंगी।चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि राजधानी में व्यवसायिक, आवासीय और औद्योगिक तीनों श्रेणियों की सम्पति पर 20 प्रतिशत की छूट खत्म करने का प्रभाव सीधा दिल्ली के गरीब आदमी सहित हर वर्ग पर पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने 2014 में सत्ता आते ही दिल्ली में सम्पति पर सर्कल रेट में बढ़ोतरी की थी। उन्होंने कहा कि एक ओर मुख्यमंत्री केजरीवाल दिल्लीवासियों के अधिकारों की रक्षा करने की बात करते है परंतु दूसरी ओर सर्कल रेट पर 20 प्रतिशत छूट खत्म करने का तानाशाह निर्णय करके उन पर सीधा प्रहार कर रहे है।
कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि दिल्ली की जनता को आर्थिक तौर पर राहत देने हेतू केजरीवाल तुरंत प्रभाव से खत्म की सर्कल रेट पर 20 प्रतिशत की छूट को लागू करें।चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि केजरीवाल सरकार द्वारा सम्पति पर 20 प्रतिशत की छूट खत्म करने के बाद ए श्रेणी जो पहले 6.19 लाख रुपये प्रति वर्गमीटर पर अदा कर रही थी उसे अब 2014 के अनुसार 7.74 लाख प्रति वर्गमीटर देने होंगे। उन्हांने कहा कि 2014 की अधिसूचना के आधार पर अब बी श्रेणी वालों को 2.46 लाख, सी श्रेणी वालों को 1.60 लाख, डी श्रेणी का सर्कल रेट 1.28 लाख रुपये, ई श्रेणी का 70,080 रुपये, एफ श्रेणी के लिए 56,640 रुपये जी श्रेणी का 46,200 रुपये और एच श्रेणी के लिए 23,280 रुपये प्रति वर्गमीटर के अनुसार सम्पति पर सर्कल रेट अदा करना होगा जबकि इससे पहले 20 प्रतिशत की छूट थी, जिसको केजरीवाल सरकार ने 1 जुलाई, 2022 से खत्म कर दिया है,
इसके बाद दिल्ली की जनता पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली कांग्रेस केजरीवाल सरकार द्वारा सम्पति पर मिलने सर्कल रेट की 20 प्रतिशत छूट को खत्म करने पर विरोधी जताती है। दिल्ली सरकार के निर्णय के बाद लोग रजिस्ट्री के स्थान पर एग्रीमेंट टू सेल अथवा पॉवर ऑफ अटॉर्नी की ओर देखेंगे। उन्होंने कहा कि सर्कल रेट में बदलाव के बाद सभी 8 केटेगरी ए-एच की पॉपर्टी पर नगर निगम द्वारा दी जाने वाली छूट भी प्रभावित होगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता अनियंत्रित महंगाई की मार पहले ही झेल रही है जिसके कारण मध्यम वर्ग, निम्न वर्ग और गरीबी से निचले स्तर पर जीवनयापन करने वालों का अजीविका चलाना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने कहा कि सर्कल रेट पर छूट खत्म करने का फैसला गलत है जिसके कारण दिल्लीवासी आर्थिक तौर पर काफी हताहत होंगे।