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चौधरी ब्रह्म प्रकाश आयुर्वेद चरक संस्थान के छात्रों ने किया हड़ताल, कम स्टाइपेंड मिलने से हैं नाराज़ « The News Express

चौधरी ब्रह्म प्रकाश आयुर्वेद चरक संस्थान के छात्रों ने किया हड़ताल, कम स्टाइपेंड मिलने से हैं नाराज़

नाराज़ छात्रों का कहना हैं कि बाकी कॉलेज अपने इंटर्न को ₹23,500/- से ₹26,300/- तक दे रहे है तो हमारा स्टाइपेंड सिर्फ ₹15,120/- ही क्यों हैं?

नई दिल्ली, नज़फगढ़, 16 जुलाई 2022: चौधरी ब्रह्म प्रकाश आयुर्वेद चरक संस्थान के छात्रों ने फरवरी 2020 के बाद एकबार फिर हड़ताल कर दिया हैं। फरवरी 2020 में कोविड के कारण यह हड़ताल खत्म कर दी गई थी। दरअसल, इस संस्थान के छात्रों का कहना हैं कि उनका इंटर्नशिप स्टाइपेंड पिछले चार सालों में दिल्ली के सभी मेडिकल कॉलेजों से कम रहा हैं।

छात्रों का कहना हैं कि इंटर्न पिछले दो साल से निःस्वार्थ होकर काम करते रहे पर संस्थान प्रशासन और दिल्ली सरकार ने उनके लिए कुछ नहीं किया। जून 2022 में इंटर्न्स ने प्रशासन से पूछा कि बाकी कॉलेज अपने इंटर्न को ₹23,500/- से ₹26,300/- तक दे रहे है तो हमारा स्टाइपेंड ₹15,120/- प्रतिमास ही क्यों है? तो इस सवाल का कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला।

छात्रों ने आरोप लगाया कि दिल्ली के सभी मेडिकल कॉलेजों का स्टाइपेंड बढ़ा है किंतु हमारे कॉलेज का नहीं बढ़ा। इसके लिए हमारे सीनियर्स ने भी कई बार प्रयास किया, किंतु कभी भी कोई संतुष्टिजनक परिणाम नहीं मिला। छात्रों ने कई आवेदन पत्र और R.T.I भी लगाई पर उनका कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला।

छात्रों ने दिल्ली सरकार के विभिन्न अफसरों को e-mail भी किया। जिनका कोई जवाब नहीं मिला। अंत में छात्रों ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया। अब संस्थान प्रशासन से छात्रों को जवाब मिला है कि हमने फाइल आगे मंत्रालय में भेज दी है, अब हमारे हाथ में कुछ नहीं है, अब आपको आगे की जानकारी दिल्ली सचिवालय से लेनी होगी।

छात्र प्रशासन से वार्ता के बाद सचिवालय भी गए मगर उन्हें मात्र मौखिक रूप से आश्वासन ही दिया गया। इसीलिए छात्र मीडिया के माध्यम से अपनी बात सबको पहुंचाने का प्रयास कर रहे है। ताकि जिम्मेदार मंत्री और अफसर इनके विषय को संज्ञान में ले। इस हड़ताल के दौरान छात्रों को मूलभूत सुविधाएं भी संस्थान के द्वारा प्रदान नहीं कराई जा रही है। सभी इंटर्न 4 दिनों से बिना बिजली के अपनी हड़ताल पर बैठे हुए हैं। संस्थान प्रशासन और सरकार दोनों ही मूकदर्शक बने हाथ पर हाथ धरे बैठी है।

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