प्रैस वार्ता को संबोधित करते हुए परमजीत सिंह सरना ने कहा कि दिल्ली गुरुद्वारा निदेशक द्वारा करवाए गए दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (डीएसजीएमसी) के कार्यकारिणी चुनाव में नियमों की भारी अंदेखी की गई है। उन्होंने कहा कि यह बगैर अधिकारियों और पुलिस की मिली-भगत के संभव ही नहीं है। सरना ने कहा कि यह सब एक ऐसे नेता को बचाने के लिए किया गया जो पहले चुनाव हारा, बाद में उसके द्वारा किए गए नामांकन प्रक्रिया में भी अक्षम रहा। यही नहीं वह व्यक्ति गुरु की गोलक से गबन के साथ-साथ कई आपराधिक मामलों में अदालत के चक्कर काट रहा है।
सरना ने बताया कि माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय ने हमारे द्वारा दायर याचिका को वैध माना है। न्यायालय की पीठ ने पाया कि याचिका वैध आधार पर दायर की गई है। प्रथम दृष्टया में इस याचिका को स्वीकार कर इस पर सुनवाई की जा सकती है। उसी के आधार पर शिरोमणी अकाली दल दिल्ली द्वारा दायर याचिका पर संज्ञान लेते हुए सभी जिम्मेदार पक्षकार को नोटिस जारी किया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय की माननीय पीठ ने यह भी पाया है कि हरविंदर सिंह सरना स्वयं चुनाव में उम्मीदवार नहीं थे, ऐसे में तकनीकी रूप से उन्हें याचिका व्यक्तिगत तौर पर नहीं डालनी चाहिए। सभी पक्षों को देखते हुए माननीय पीठ ने हरविंदर सिंह सरना को अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दी है।करतार सिंह चावला,परमजीत सिंह खुराना,रमनदीप सिंह सोनू,गुरप्रीत सिंह खन्ना,भूपेंद्र सिंह पीआरओ,मनजीत सिंह सरना,रणवीर सिंह कुंदी,जसमीत सिंह प्रीतमपुरा.