पंजाब सरकार द्वारा सुमेध सैनी के बचाव में आने को जागो पार्टी ने अभूतपूर्व बताया

नई दिल्ली (9 अप्रैल 2022) पंजाब पुलिस के पूर्व महानिदेशक सुमेध सैनी के हाईकोर्ट से मिली ब्लैंकेट बेल मामले में सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी के बावजूद पंजाब सरकार के द्वारा शुक्रवार को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में सुमेध सैनी की गिरफ्तारी की जरूरत ना बताने के दिए गए ब्यान पर सियासत गर्मा गई है। दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके ने आज इस मामले में मीडिया को संबोधित करते हुए आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल का इस्तीफा मांग लिया। जीके ने दावा किया कि आम आदमी पार्टी का सिख विरोधी चेहरा फिर बेनकाब हो गया है। दिल्ली सरकार द्वारा 1984 सिख कत्लेआम की एस.आई.टी. बनाने के दावे के बाद उसकी फाइल गुम होने से लेकर जगदीश टाइटलर को गलबहियां डालने तक केजरीवाल का व्यवहार संदिग्ध रहा है। इसके साथ ही टाइटलर के खिलाफ अहम गवाह अभिषेक वर्मा का दिल्ली सरकार द्वारा पोलीग्राफ टैस्ट करवाने से बचने के लिए पहले पोलीग्राफ मशीन के खराब होने का बहाना लगाने से लेकर अब उस टैस्ट की रिपोर्ट सार्वजनिक ना करना इसी कड़ी का हिस्सा लगता है। इसी तरह दिल्ली सरकार सियासी सिख कैदी भाई दविंदर पाल सिंह भुल्लर की रिहाई के प्रस्ताव को केन्द्र सरकार की मंजूरी के बावजूद 4 बार रद्द कर देती है। दूसरे सियासी सिख कैदी भाई जगतार सिंह हवारा की पंजाब जेल में स्थानांतरित करने की मांग को भी दिल्ली सरकार लगातार नजरअंदाज कर रहीं है।

जागो पार्टी के अंतराष्ट्रीय अध्यक्ष जीके ने हैरानी जताई कि आम आदमी पार्टी की सिख बंदियों को जेलों से बाहर ना निकलने देने की नीयत के साथ सुमेध सैनी को जेल ना भेजने की नीति समझ से बाहर है। जबकि ज्यादातर सिख कैदीयों को अपराधी बनने के हालात पैदा करने के पीछे फर्जी पुलिस मुठभेड़ों तथा पुलिस उत्पीड़न के कथित नायक कहें जातें सुमेध सैनी जैसे अधिकारी रहे हैं। सुमेध सैनी को बादल तथा कैप्टन की सरकार के बाद अब सरेआम भगवंत मान सरकार बचा रहीं हैं। जबकि चन्नी सरकार ने सैनी को पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट द्वारा दी गई ब्लैंकेट बेल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। जिस पर 4 मार्च 2022 को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस ने सैनी को मिली ब्लैंकेट बेल को ‘अभूतपूर्व’ बताते हुए हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को इस मामले में नई बैंच का गठन करके 15 दिन में सुनवाई पुरी करने की बात कहीं थी। जिस पर हाईकोर्ट में पिछले हफ्ते में हुई सुनवाई के दौरान पंजाब सरकार के एडवोकेट जनरल अनमोल रत्न सिद्धू ने समय मांगा था और अब सैनी की गिरफ्तारी की जरूरत ना होने की दलील देकर सैनी को पतली गली से भागने का मौका दें दिया है। जबकि सैनी के खिलाफ संगीन आरोपों में कई एफआईआर दर्ज है। जीके ने कहा कि सैनी को पहले हाईकोर्ट ने ब्लैंकेट बेल दी हुई थी, पर अब पंजाब सरकार ने ब्लैंकेट या नो ओबजेकशन बेल दें दी है। यह पहले सुप्रीम कोर्ट की नजर में अभूतपूर्व थी, पर अब यह सिखों की नजर में भी अभूतपूर्व हैं। चूंकि दिल्ली व पंजाब सरकार के मुखिया केजरीवाल है, इसलिए सिख भावनाओं को नजरंदाज करने के लिए केजरीवाल को‌ अपने पद से तुरंत इस्तीफा देना चाहिए। जीके ने आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय खजांची दीपक बाजपेई के द्वारा सैनी को “पंजाब का हीरो” बताने के किए गए ट्वीट पर भी अफसोस जताया। इस मौके पर दिल्ली कमेटी सदस्य परमजीत सिंह राणा, सतनाम सिंह खीवा तथा जागो के वरिष्ठ नेता डाक्टर परमिंदर पाल सिंह मौजूद थे।

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