20 फरवरी 2024 को होगी अब सुनवाई
नई दिल्ली। संगम विहार वज़ीराबाद और झड़ोदा गांव के करीब दो हजार घरों को गिराने के नोटिस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई 20 फरवरी 2024 तय की है। जस्टिस अनूप जयराम भंभानी ने तब तक भूमि एवं भवन विभाग, एनडीपीएल और डीजेबी को कोई भी कार्रवाई करने से रोक दिया है।
ये है मामला
तिमारपुर विधायक दिलीप पांडेय ने बताया कि संगम विहार वज़ीराबाद और झड़ोदा में भूमि बंटवारे के वक्त पाकिस्तान से आए शारणार्थियों को रहने के लिए यह जगह दी गई थी लेकिन वह किसी वजह से यहां नहीं रहे। किसानों ने इस ज़मीन को बेच दिया था ।अब इस मामले में कोर्ट ने जगह खाली कराने का आदेश पारित कर दिया है। इस पर केन्द्र सरकार के भूमि और भवन विभाग द्वारा यहां रह रहे लोगों को घर खाली करने का नोटिस दिया गया है। लोगों को नोटिस में कहा गया है कि 19 नवंबर तक सभी घर खाली कर दें। ऐसा न होने की सूरत में 20 नवंबर से तोड़-फोड़ शुरू कर दी जाएगी। इसके बाद बिजली और कनेक्शन काटने के भी मैसेज लोगों को मिले।
लोगों ने आउटर रिंग रोड कर दिया था जाम
गौरतलब है कि नोटिस मिलने के बाद सैंकड़ों लोगों ने आउटर रिंग रोड जाम कर दिया था। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल लगाया गया था। लोगों का आरोप था कि राजनीतिक षड्यंत्र के तहत पहले यहां लोगों को बसाया गया, बिजली कनेक्शन दिए गए, वोटर आईडी कार्ड बनाए गए। अब सरकार 40 वर्षों से अधिक समय से रह रहे लोगों का आशियाना तुड़वा रही है। लोगों ने पुश्ता रोड जाम कर दिया था और इसके बाद आउटर रिंग रोड जाम कर दिया गया। दोपहर से शाम तक आउटर रिंग रोड पर यातायात जाम रहा। देर शाम तक ही लोग हटे। इसके चलते यातायात डायवर्ट करना पड़ा था। हालांकि तिमारपुर आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष राकेश आर्य (आर.के.आर्य) जी ने इसके बाद लोगों से राजनीतिक बहकावे में न आने, प्रदर्शन न करने की अपील की। उन्होंने लोगों से कहा कि इसका समाधान कोर्ट से ही निकलेगा। जिसके बाद विधायक दिलीप पांडे और उनके प्रयासों से लोगों की समस्या को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। अब हाईकोर्ट ने भी अगली सुनवाई तक लोगों के घरों को तोड़ने और अन्य कार्रवाई से विभागों को रोक दिया है।