NGO एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स द्वारा एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें मतदान समाप्त होते ही चुनाव आयोग की वेबसाइट पर फॉर्म 17सी की स्कैन की गई प्रतियां अपलोड करने के लिए ईसीआई को निर्देश देने की मांग की गई थी। 17 मई को सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से जवाब देने को कहा। चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि मतदान केंद्र-वार मतदान प्रतिशत के आंकड़े बिना सोचे-समझे जारी करने और वेबसाइट पर पोस्ट करने से लोकसभा चुनावों में व्यस्त मशीनरी में भ्रम की स्थिति पैदा हो जाएगी।
जवाबी हलफनामे में आयोग ने कहा है कि उम्मीदवार या उसके एजेंट के अलावा किसी अन्य व्यक्ति को फॉर्म 17सी प्रदान करने का कोई कानूनी अधिदेश नहीं है। इसने कहा कि मतदान केंद्र पर डाले गए मतों की संख्या बताने वाले फॉर्म 17सी को सार्वजनिक रूप से पोस्ट करना वैधानिक ढांचे के अनुरूप नहीं है और इससे पूरी चुनावी प्रक्रिया में शरारत एवं गड़बड़ी हो सकती है, क्योंकि इससे छवियों के साथ छेड़छाड़ की संभावना बढ़ जाती है।