काशी की ज्ञानवापी, मथुरा की ईदगाह और आगरा के ताजमहल के बाद अब अजमेर शरीफ दरगाह के मंदिर होने का दावा किया गया है. इसकी जांच को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री को पत्र दिया है महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजवर्धन सिंह परमार ने आज फिर से एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया जिसमें उन्होंने राजस्थान सरकार को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि अजमेर में स्थित हजरत ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह हमारा प्राचीन हिंदू मंदिर है। वहां की दीवारों एवं खिड़कियों में स्वस्तिक के चिन्ह मिले हैं एवं अन्य हिंदू धर्म से संबंधित चिन्ह प्राप्त हुए हैं। अतः महाराणा प्रताप सेना आपसे अनुरोध करती हैं कि वहां भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा सर्वे कराया जाए जिससे आप को पुख्ता सबूत प्राप्त होंगे कि वह हिंदू मंदिर है।
अब आपको उनके द्वारा लिखे इस पत्र से महाराणा प्रताप सेना की मंशा जाहिर हो ही गई होगी लेकिन फिर भी हम आपको बता दे कि महाराणा प्रताप सेना ने सीधे शब्दों में राजस्थान की अजमेर शरीफ की दरगाह को हिन्दू मन्दिर बताया है और अब दरगाह का सर्वे करवाने की मांग गहलोत सरकार से की है हालांकि अभी तक ज्ञानवापी और कुतुबमीनार का मुद्दा खत्म नहीं हुआ था ऐसे में अजमेर शरीफ की दरगाह के सर्वे की मांग करना मुस्लिम पक्ष के लिए हजम होने वाली बात नही है इससे मुस्लिम पक्ष उग्र हो सकता है इसी को देखते हुए अब राजवर्धन परमार को सरकारी सुरक्षा प्रदान की जाएंगी जिसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री जी का धन्यवाद भी किया जैसा कि आप जानते है कि अजमेर शरीफ में मुस्लिम समुदाय के साथ कुछ हिन्दू समुदाय भी चादर चढ़ाने के लिए जाते है अब देखना यह है कि इस मांग का भारत के सौहार्द्र पर क्या प्रभाव पड़ता है