राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारतीय शिक्षा में क्रांतिकारी बदलाव लेकर आएगी: उपराष्ट्रपति
व्यावहारिक शिक्षा और कौशल विकास पर ज़ोर
भारतीय जीवन मूल्यों को बढ़ावा देने की आवश्यकता
नई दिल्ली, 26 जुलाई 2022 ;-हंसराज कॉलेज के स्थापना के अमृत वर्ष उद्घाटन समरोह में उपराष्ट्रपति श्री एम वेंकैया नायडू मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए।
उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडु ने कहा, “भारत जैसे राष्ट्र को जिस तरह की शिक्षा नीति की आवश्यकता है, वर्तमान शिक्षा नीति उस पर पूरी तरह से खरी उतरेगी। उन्होंने यह भी कहा कि आज सभी संस्थाओं एवं जीवन में भारतीयता और भारतीय जीवन मूल्यों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। शिक्षा संस्थाओं को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए। शिक्षा का अर्थ केवल कक्षाओं में ज्ञान प्राप्त करना नहीं बल्कि इसे व्यावहारिक शिक्षा और कौशल विकास से जोड़कर देखना चाहिए। उन्होंने इस बात पर प्रसंन्नता व्यक्त की कि महात्मा हंसराज और स्वामी दयानंद सरस्वती की चेतना से अनुप्राणित हंसराज कॉलेज अपने विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति और परम्पराओं के उन्नयन के साथ-साथ आधुनिक जीवन की चुनौतियों के अनुरूप शिक्षा प्रदान कर रही हैं. उन्होंने यह भी कहा कि इस कॉलेज से पढने वाले विद्यार्थी सभी क्षेत्रों में शीर्षस्थ पदों पर रहते हुए राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. इस अवसर पर हंसराज कॉलेज की गरिमामयी परंपरा का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा की हंसराज कॉलेज का इतिहास अत्यंत ही गौरवशाली है. उन्होंने कॉलेज की स्थापना के अमृत वर्ष की सभी को शुभकामनाएं दीं और कहा कि इस अवसर का उपयोग कुछ नए और बड़े संकल्प के लिए किया जाना चाहिए.”
इस अवसर पर समारोह के मुख्य अतिथि एवं माननीय उपराष्ट्रपति जी के कर कमलों से महात्मा हंसराज पर केन्द्रित प्रो. रमा द्वारा लिखित पुस्तक ‘आर्यसमाज और महात्मा हंसराज’ का लोकार्पण भी हुआ.
इससे पहले इस सारस्वत समारोह की शुरुआत सभी अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। समारोह से पहले हंसराज कॉलेज परिसर में नव स्थापित महात्मा हंसराज की प्रतिमा का उपराष्ट्रपतिजी ने अनावरण किया गया।
हंसराज कॉलेज की स्थापना के अमृत महोत्सव के इस उद्घाटन समारोह में उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडु, दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति एम. वेंकैया नायडु, हंसराज कॉलेज प्रबंध समिति के उपाध्यक्ष डॉ. ए. के. शर्मा एवं कोषाध्यक्ष डॉ. शिवरमन गौड़ तथा अन्य गणमान्य अतिथियों का स्वागत करते हुए कॉलेज की प्राचार्या प्रो. रमा ने हंसराज कॉलेज की गरिमामयी परम्परा का स्मरण किया। उन्होंने इस कॉलेज के निर्माण और विकास में योगदान देने वाले सभी शिक्षकों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों एवं अन्य सभी लोगों के श्रेय को रेखांकित किया।
प्रो. रमा ने कहा कि, “हाल के वर्षों में कॉलेज में आधारभूत संरचनाओं के विकास एवं अकादमिक गुणवत्ता में सुधार की दृष्टि से अनेक महत्वपूर्ण कार्य किए गए हैं। उन्होंने कॉलेज के संबंध में भविष्य के संकल्प को भी सामने रखा। ”
इस अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने हंसराज कॉलेज और इसके पूर्व छात्रों का उल्लेख करते हुए महात्मा हंसराज की चेतना से संचालित इस कॉलेज के महत्व को सामने रखा। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के शताब्दी वर्ष और हंसराज कॉलेज के अमृत वर्ष को बेहद महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि “आने वाले वर्षों में हंसराज कॉलेज और दिल्ली विश्वविद्यालय को नई ऊँचाई तक ले जाने का संकल्प लेना होगा और इस दिशा में आवश्यक कार्य करने होंगे। उन्होंने नई शिक्षा नीति, नए फ्रेमवर्क आदि का जिक्र करते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय में हो रहे सकारात्मक बदलावों को भी सामने रखा और कहा कि सत्यार्थ प्रकाश और स्वामी दयानंद सरस्वती जी के विचारों पर केन्द्रित मूल्य आधारित पाठ्यक्रम को भी प्रस्तावित किया जाना चाहिए.।” इसके साथ ही उन्होंने हंसराज कॉलेज से जुड़े सभी सदस्यों को उसकी स्थापना के अमृत वर्ष की शुभकामनाएं भी दीं।
समारोह की अध्यक्षता कर रहे कॉलेज प्रबंध समिति एवं डीएवी प्रबंधकर्त्री समिति के उपाध्यक्ष डॉ. अशोक कुमार शर्मा ने कहा कि, “महात्मा हंसराज की डीएवी आन्दोलन में अग्रणी भूमिका रही है। महात्मा हंसराज की प्रेरणा से हंसराज कॉलेज ने निरंतर शिक्षा के क्षेत्र में अपना बड़ा मुकाम हासिल कर रहा है। श्रेष्ठ मनुष्य के निर्माण और देश के विकास में युवाओं की भूमिका को सुनिश्चित करना ही महात्मा हंसराज के स्वप्न को साकार करने का आधार हो सकता है।”
कार्यक्रम के अंत में माननीय उपराष्ट्रपति जी, सभी आगंतुक अथितियों, समारोह में भाग ले रहे महानुभावों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कॉलेज प्रबंध समिति के कोषाध्यक्ष डॉ. शिवरामन गौर ने कहा कि समारोह के मुख्य अतिथि माननीय उपराष्ट्रपति जी की गरिमामयी उपस्थिति एवं संबोधन से स्थापना के अमृत महोत्सव की जो शानदार एवं गौरवपूर्ण शुरुआत हुई है वह अभूतपूर्व है. उन्होंने उपराष्ट्रपति जी, दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति एवं कार्यक्रम अध्यक्ष तथा प्रबंध समिति के उपाध्यक्ष डॉ. ए. के. शर्मा को भी इस सारस्वत समारोह की शोभा बढाने के लिए विशेष धन्यवाद दिया. उन्होंने कॉलेज की प्राचार्या प्रो. रमा को इस सफल कार्यक्रम के आयोजन एवं स्थापना के अमृत वर्ष की बधाई दी. उन्होंने सभी प्राध्यापकों, कर्मचारियों एवं सभागार में उपस्थित श्रोताओं एवं आयोजन समिति के सदस्यों का भी धन्यवाद किया. समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ.