लखनऊ – इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दो प्रमाण पत्र मामले में हुई सजा के खिलाफ पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खान उनके बेटे अब्दुल्ला आजम खान और पत्नी ताजिम फातिमा को बड़ी राहत दी है न्याय की मूर्ति संजय कुमार सिंह ने आजम खान ताजिम अब्दुल्लाह आजम खान के जमानत मंजूर कर और आजम खान की सजा का आदेश स्थगित कर दिया है अपराधिक पुनरीक्षण याचिका पर फैसला सुनाया गया है गौतम हो दोनों पक्षो की बहस सुनने के बाद 14 में को फैशन सुरक्षित कर लिया गया था।
राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता श्री अजय कुमार मिश्रा ने भी इस मामले में बहस की थी इसके अलावा उसे पर महाधिवक्ता PC श्रीवास्तव वर्ष के अधिवक्ता AK सेंड, JK उपाध्यक्ष ने पक्ष रखा जबकि आजम परिवार की ओर से वरिष्ठता इमरान उल्ला खान बहस की। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता का प्रिंसिपल भी आजम परिवार की तरफ से बहस करने गए थे आजम खान की पत्नी व बेटे को रामपुर की MP-MLA विशेष अदालत में जन्म प्रमाण पत्र के मामले में 7 साल की सजा सुनाई गई अपराधिक पुनरीक्षण याचिका के रूप में चुनौती दी गई इसमें जमानत के लिए भी अर्जी दी गई थी।
यह मामला वर्ष 2017 का है ज़ब UP के विधानसभा चुनाव में अब्दुल्ला आजम स्वर विधानसभा सीट से सपा विधायक निर्वाचित हुए थे प्रतिद्वंदी प्रत्याशी नवाब काजिम अली का उर्फ़ नवाब नवेद मियां तथा बाद में भाजपा नेता आकाश सत्यनारने पर जी जन्म प्रमाण पत्र पर चुनाव लड़ने की शिकायत की और कहा अब्दुल्लाह आजम चुनाव लड़ने की योग्यता नहीं रखते थे आयु बढ़ाकर चुनाव लड़ा गया चुनाव याचिका पर हाई कोर्ट ने अब्दुल्ला का चुनाव रद्द कर दिया गया था सुप्रीम कोर्ट से भी उन्हें राहत नहीं मिली थी क्षेत्र प्रमाण पत्र में अब्दुल्ला आजम की जन्म तिथि 1 जनवरी 1993 दर्ज है और नगर निगम लखनऊ से जान प्रमाण पत्र में 30 दिसंबर 1990 तीनों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था