आठ साल में पर्यावरण सुधारने पर भी सरकार का विशेष फोकस रहा: नवीन गोयल

गुरुग्राम। हरियाणा में मनोहर सरकार के 8 साल पूरे हो गए हैं। इन वर्षों में हर वर्ग को किसी न किसी रूप में लाभान्वित किया गया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में हर क्षेत्र को विकास परियोजनाओं के माध्यम से आगे बढ़ाने का काम किया गया है। पर्यावरण सुधार के क्षेत्र में भी कई योजनाओं को व्यापक स्तर पर शुरू करके सुधार किया गया है।
सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं को सांझा करते हुए पर्यावरण संरक्षण विभाग भाजपा हरियाणा प्रमुख नवीन गोयल ने बताया कि पर्यावरण संरक्षण के लिए मुख्य तौर पर प्राणवायु देवता पेंशन योजना शुरू की गई। इसके तहत 75 साल से अधिक आयु के वृक्षों के लिए 2500 रुपये वार्षिक का बजट तय किया गया। ऑक्सीवन योजना के तह पंचकूला व करनाल में ऑक्सीवन की स्थापना की गई।

इसी तरह से मेरा पानी मेरी विरासत योजना के तहत 7000 रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि, विद्यार्थियों को पर्यावरण के बारे में जागरुक करने के लिए 5250 ईको क्लब की स्थापना की गई। कचरे से कंचन अभियान के तहत गुरुग्राम में डीजल ऑटो को स्क्रेप कर ई-ऑटो चलाए। इसी तरह से जल शक्ति अभियान चलाकर 68 लाख क्लोनल सफेदा के पौधे लगाए। जल संरक्षण के लिए जल बचाओ-कल बचाओ योजना शुरू की गई, जिसके तहत 200 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के पानी का पावर प्लांट व उद्योगों में उपयोग किया जाता है। सूक्षम सिंचाई से हर खेत में पानी योजना के तहत महेंद्रगढ़, चरखी दादरी, भिवानी और फतेहाबाद जिलों के 9एसटीपी से उपचारित जल को सिंचाई के लिए उपयोग किया जाता है। हरियाणा वाटर रिसोर्सेज अथॉरिटी मिकाडा और हरियाणा पोंड एंड वेस्ट वाटर मैनेजमेंट अथॉरिटी का भी गठन किया गया। झीलों के संरक्षण के लिए द स्टेट वैटलैंड अथॉरिटी ऑफ हरियाणा का गठन किया गया। दो वैटलैंड सुल्तानपुर उद्यान गुरुग्राम व भिंडावास वन्य जीव अभ्यारण्य झज्जर को रामसर साइट्स के रूप में अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली।

वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए कार्य
पराली व अन्य फसल अवशेषों के प्रबंधन के लिए उपकरणों पर 50 प्रतिशत तथा कस्टम हायरिंग सेंटर्स को 80 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। रेड जोन क्षेत्र में स्थित गांवों में पराली ना जलाने पर पंचायत को 10 लाख रुपये का नकद पुरस्कार भी दिया जा रहा है। वायु गुणवत्ता की निगरानी के लिए 29 कॉन्टिन्यूस एम्बियंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग स्टेशन स्थापित किए गए। मुरथल सोनीपत में 177 करोड़ रुपये की लागत से कूड़े-कचरे से बिजली उत्पादन संयंत्र स्थापित किया गया। एनसीआर जिलों में रेड श्रेणी की सभी औद्योगिक इकाइयों में ऑनलाइन एमिशन मॉनिटरिंग डिवाइसेज स्थापित करने अनिवार्य किए गए हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *