नई दिल्ली : 03 अगस्त, 2024 : अजी कृष्णन, सचिव, एचआरडीएस इंडिया ने सूचित किया है कि उनका संगठन केरल के वायनाड में भारी बारिश और भूस्खलन से पूरी तरह से नष्ट हो चुके चूरलमला गांव का पुनर्निर्माण करने के लिए तैयार है, जिसके लिए सरकार को कोई वित्तीय दायित्व नहीं रहेगा। संगठन ने इस संबंध में केरल के माननीय मुख्यमंत्री को सहमति पत्र और परियोजना दस्तावेज सौंप दिया है।
चूरलमला, मुंडाकई क्षेत्र में हजारों परिवार इस आपदा से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। एचआरडीएस इंडिया सभी बेघर हुए लोगों के लिए मुफ्त आवास का निर्माण करेगा। इस कार्य हेतु सरकार को पहले आवश्यक जमीन का अधिग्रहण कर उपलब्ध कराना होगा। आवास 2BHK के होंगे, जिसमें हॉल, किचन, बाथरूम, बरामदा और गेस्ट रूम होगा। आवास के अलावा, एचआरडीएस इंडिया पेयजल, बिजली, खेल का मैदान, सभागार, स्कूल आदि जैसी आधारभूत सुविधाएं भी उपलब्ध कराने के लिए तैयार है। सार्वजनिक संस्थानों के निर्माण के लिए सरकार को बीस एकड़ भूमि का अधिग्रहण करना होगा तथा प्रत्येक घर के लिए दस सेंट भूमि उपलब्ध करानी होगी। उक्त क्षेत्र में ‘हैरिसन मलयालम प्लांटेशन’ तथा ‘कन्नन देवन एस्टेट’ की हजारों एकड़ भूमि उपलब्ध है। सरकार इस परियोजना के लिए आवश्यक भूमि संपदा प्रबंधन से अधिग्रहित कर सकती है। लाभार्थियों की पहचान सरकार द्वारा की जाएगी।
जिन लोगों ने इस आपदा में अपनी पूरी मेहनत की कमाई खो दी है, उन्हें नए सिरे से अपना जीवन यापन शुरू करने की आवश्यकता है। इसके एक भाग के रूप में, वायनाड की पर्यटन संभावनाओं का लाभ उठाते हुए, प्रत्येक घर में ‘होम टूरिज्म’ के लिए एक अलग कमरा बनाया जाएगा। इस कमरे में बाहर से एक दरवाजा होगा तथा दो बेड, भोजन बनाने की सुविधा, फ्रिज और अटैच बाथरूम बरामदा आदि होगा। इससे दैनिक किराए के रूप में कम से कम 3000 रुपये अर्जित किए जाएंगे। वायनाड के मुन्नार के रूप में जाने जाने वाले इस क्षेत्र में घरेलू और विदेशी पर्यटकों को लाने की व्यवस्था एचआरडीएस, द्वारा की जाएगी। एचआरडीएस एक विस्तृत परियोजना दस्तावेज तैयार करके जनप्रतिनिधियों, वरिष्ठ अधिकारियों और विशेषज्ञों की एक समिति के साथ इस पर चर्चा करेगा और डीपीआर तैयार करके सरकार को सौंपेगा।
एचआरडीएस के अध्यक्ष, स्वामी आत्मा नंबी, के ब्राजील स्थित आश्रम के सहयोग से पुनर्निर्माण योजना को जल्द से जल्द लागू करने का लक्ष्य है। दिल्ली में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अधिकारियों ने बताया कि अगर सरकार इस उद्देश्य के लिए जमीन उपलब्ध कराती है तो वे 180 दिनों में पूरी तरह से सुसज्जित आवास बनाने और लाभार्थियों को इसकी चाबियाँ सौंपने के लिए तैयार हैं।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में एच आर डी एस एमेरिटस अध्यक्ष डॉ. एस. कृष्ण कुमार, संस्थापक सचिव अजी कृष्णन, मुख्य परियोजना समन्वयक जोय मैथ्यू, सलाहकार समिति के अध्यक्ष संजीव भटनागर, ओएसडी सजी करुणाकरन, जितेंद्र भंडारी और जुनाली बिस्वास ने भाग लिया।