कॉलेजों के लिए भूमि मुक्त, केवल कवर्ड एरिया की आवश्यकता है। पुक्का इस कदम का स्वागत करता है
नई दिल्ली, 23 मार्च
तकनीकी शिक्षा को अब तक की सबसे बड़ी राहत देते हुए, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई), नई दिल्ली ने तकनीकी संस्थानों को शुरू करने/चलाने के लिए भूमि की आवश्यकता को समाप्त कर दिया है।
अब कवर्ड एरिया के साथ-साथ फ्लोर एरिया रेशियो (एफएआर) और फ्लोर स्पेस इंडेक्स (एफएसआई) के आधार पर तकनीकी संस्थान शुरू या चलाए जा सकेंगे।
एआईसीटीई ने 2023-24 से नए कॉलेज शुरू करने पर लगी रोक भी हटा ली है। उल्लेखनीय है कि पिछले कई वर्षों से देश में नए तकनीकी संस्थान शुरू करने पर रोक लगी हुई थी।
डॉ अंशु कटारिया फेडरेशन ऑफ सेल्फ फाइनेंसिंग टेक्निकल इंस्टीट्यूशंस (एफएसएफटीआई) और पंजाब अनएडेड कॉलेजेज एसोसिएशन (पुक्का) के अध्यक्ष और आर्यन्स ग्रुप ऑफ कॉलेजेज, राजपुरा, चंडीगढ़ के अध्यक्ष ने पहल का स्वागत करते हुए कहा कि एआईसीटीई ने देश भर में तकनीकी संस्थान के लिए नया मार्ग दिया है कटारिया ने उन सीटों के खिलाफ संकाय बनाए रखने पर छूट देने के लिए एआईसीटीई की भी सराहना की, जो भरी नहीं हैं।
कटारिया ने आगे कहा कि अब कॉलेज अधिशेष भूमि का उपयोग अन्य परियोजनाओं के लिए कर सकेंगे, जिससे देश के तकनीकी संस्थानों को बड़ी वित्तीय राहत मिलेगी।
श्री आर.एस. मुनिरथिनम, संरक्षक, एफएसएफटीआई (तमिलनाडु) ने भी अनुमोदन प्रक्रिया पुस्तिका 2023-24 का स्वागत किया है और उल्लेख किया है कि एआईसीटीई ने पत्र और भावना में नई शैक्षिक नीति 2020 को लागू किया है। ये तकनीकी संस्थानों के काम करने के तरीके को बदल देंगे जो पूरे देश में तकनीकी शिक्षा को पुनर्जीवित करेगा। इससे तकनीकी संस्थानों के बीच शिक्षा की संस्कृति भी बढ़ेगी और उन्हें समाज की बेहतरी के लिए समन्वित तरीके से एक दूसरे के साथ मिलकर काम करने में मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि तकनीकी कार्यक्रम के लिए एआईसीटीई की मंजूरी लेने के इच्छुक मौजूदा संस्थानों को भी प्रस्तावित सभी तकनीकी कार्यक्रमों के लिए अनुमोदन प्राप्त करना होगा। यदि यह पाया जाता है कि किसी संस्थान ने आंशिक स्वीकृति ली है तो उनका दिया गया अनुमोदन बाद में वापस ले लिया जाएगा। शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा करना 23 मार्च से 6 अप्रैल, 2023 तक शुरू होगा।
श्री केवीके राव, महासचिव, एफएसएफटीआई (आंध्र-तेलंगाना) ने एआईसीटीई की पहल का स्वागत करते हुए कहा कि एआईसीटीई में भी वृद्धि हुई है। इसके अलावा, एआईसीटीई ने इंजीनियरिंग और प्रबंधन कार्यक्रमों में मौजूदा 300 से 360 तक और कंप्यूटर अनुप्रयोग कार्यक्रम में 180 से 300 तक अधिकतम अनुमोदित प्रवेश भी बढ़ा दिया है।
अब अलग-अलग पीजी डिप्लोमा और एमबीए प्रोग्राम के संयोजन की भी अनुमति तब तक दी जाएगी, जब तक छात्र-शिक्षक अनुपात बना रहेगा। साथ ही इंजीनियरिंग संस्थानों में पहले से ही कम से कम तीन मुख्य शाखाएं होनी चाहिए और पिछले वर्ष के संस्थान के विपरीत 2023-24 सत्र से कई कार्यक्रमों के लिए आवेदन कर सकते हैं।