मुंबई -कंगना रनौत का नाम राजनीति में एक नया चेहरा लाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। उनका बॉलीवुड से इस्तीफा देने का निर्णय भी इसे और भी रोचक बना देता है। उन्होंने अपने साक्षात्कार में स्पष्ट किया है कि उन्हें राजनीति में जाने की इच्छा है और उन्हें हिंदी फिल्म उद्योग को संवेदनशीलता के मामले में सकारात्मक कार्य नहीं करने का आरोप है।
इसके अलावा, उनका राजनीतिक रूप से हिमाचल प्रदेश से उम्मीदवारी लेना भी एक रोचक परिवर्तन है, क्योंकि यह उन्हें अपने मूल राज्य में एक सांसद के रूप में स्थानीय मुद्दों पर काम करने का मौका देगा। उनकी यह राजनीतिक प्रवृत्ति बॉलीवुड के परिप्रेक्ष्य में एक अद्वितीय पहलू हो सकती है और राजनीतिक दलों को भी विचार करने के लिए मजबूर कर सकती है ।
कंगना रनौत द्वारा उनके इस बयान से स्पष्ट होता है कि उन्हें बॉलीवुड से अपने राजनैतिक करियर को प्राथमिकता देने की इच्छा है। उन्होंने अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त किया है और उनका बॉलीवुड के प्रति आलोचनात्मक दृष्टिकोण भी प्रकट होता है। उनका विचार है कि बॉलीवुड एक ‘नकली’ और ‘झूठी’ दुनिया है, जो केवल दर्शकों को आकर्षित करने के लिए है, और उन्हें अपनी सच्चाई से अलग करती है।
उन्होंने अपने राजनैतिक योगदान के लिए उपक्रम किया है और यह दिखाता है कि वे अपने मानसिक संवेदनशीलता के साथ काम करने को तैयार हैं। इससे साफ है कि वे नौकरी नहीं करना चाहतीं और अपनी प्राथमिकताओं के लिए सक्रिय रूप से काम करना चाहतीं हैं। उनकी इस बात से स्पष्ट होता है कि वे राजनीतिक क्षेत्र में अपनी लगन और दृढ़ता के साथ भाग लेने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।