इंद्रप्रस्थ साहित्य महोत्सव 2022 का समापन 18 दिसंबर 2022 को हुआ कार्यक्रम 3 दिवसीय रहा कार्यक्रम में पहले दिन मशहूर भोजपुरी गायिका मैथिली ठाकुर का आगमन हुआ जिन्होंने पूरे कार्यक्रम की रौनक बढ़ाई. और दुर्गा सप्तशती फाउंडेशन की फाउंडर संध्या सिंह द्वारा योगासन और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए टीम को बुलाया गया जिन्होंने कार्यक्रम में चार चाद लगा दिए कार्यक्रम के दूसरे दिन का शुभारंभ करते हुए हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने यह कह कर किया कि पुस्तक साक्षात देव हैं, पुस्तक ही राष्ट्र की संस्कृति का दर्पण है, पुस्तक चर्चा की बहुत आवश्यकता है। लेखक और पाठक का जुड़ाव पुस्तक के माध्यम से हो सकता है। लेखकों को सदा लिखते रहना चाहिए और पाठकों को पढ़ते। पुस्तक देवो भवः के मंत्र को साकार करने के लिए उन्होंने हिमाचल प्रदेश में इंडिया नॉलेज सेंटर के निर्माण की बात भी कही। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण होता है ।
साहित्य से ही किसी देश की संस्कृति को जाना जा सकता है, नारी विषय पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद को जब मनु भाई ने एक भजन के माध्यम से कहा कि जब सब में नारायण का वास है तो नर और नारी अलग-अलग क्यों ? उन्होंने अपने दांपत्य जीवन पर अपनी लिखी एक पुस्तक ‘ एक सफर हम सफर के साथ’ पर चर्चा की। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथियों में राज्यसभा सांसद और पद्म विभूषण से सम्मानित नेत्री श्रीमती सोनल मान सिंह ने कहा कि नारी पूर्ण रूप से सशक्त है उसे केवल पिता पुत्र भाई और पति के रूप में प्रोत्साहन की आवश्यकता है। महोत्सव में जी 20 देशों को भारत का सांस्कृतिक संदेश विषय पर दुर्गा सप्तशती फाउंडेशन और द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा कि भारत का जी-20 देशों की अध्यक्षता करने का मौका मिला है इससे भारत की पहचान में निखार आया है,
आने वाला समय भारत और भारतीय संस्कृति का है । भारतीय विज्ञान लेखक संघ ने भारतीय भाषाओं में साहित्य की परंपरा एक पुनरावलोकन विषय पर आयोजित सत्र में जयपुर के जादूगर श्री हरीश यादव और जादूगर अमर सिंह ने अपने कला कौशल से दर्शकों को चमत्कार कर दिया। दूसरे दिन के अंतिम सत्र में प्रसिद्ध भजन गायक कन्हैया मित्तल ने राष्ट्रभक्ति और संस्कृति पर उद्बोधन से अपना विशेष संदेश युवा पीढ़ी को दिया। पुस्तक चर्चा में रमेश चंद्र गौड़ निदेशक एनएसडी, प्रोफेसर कपिल कुमार सहित सैकड़ों लेखकों की पुस्तकों पर चर्चा हुआ। बता दे कि इंद्रप्रस्थ साहित्य महोत्सव के समापन दिवस पर देश विदेश के अतिथियों के साथ स्वामी चिदानंद सरस्वती जी ऋषिकेश से पधारे। डॉ लोकेश मुनि जी और अन्य कई गणमान्य विभूतियों के दिन भर भजन मंत्र उच्चारण और हवन हुआ और कार्यक्रम का समापन हुआ.