नई दिल्ली, 12 मई, 2022- केजरीवाल सरकार ने दिल्ली की नई सौर नीति तैयार करने के लिए आज ‘दिल्ली सौर नीति पर राष्ट्रीय परामर्श’ का आयोजन किया। आरएमआई इंडिया के सहयोग से आयोजित परामर्श का उद्देश्य दिल्ली के सौर लक्ष्यों के लिए साझा दृष्टिकोण तैयार करना है, ताकि दिल्ली को रूफटॉप सौर अपनाने के मामले में राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर स्थापित किया जा सके।
राष्ट्रीय परामर्श का आयोजन इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में किया गया था। जिसमें केजरीवाल सरकार की तरफ से ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन, डीडीसी उपाध्यक्ष जस्मिन शाह, अतिरिक्त मुख्य सचिव गोपाल मोहन, सत्य गोपाल शामिल हुए वहीं इस परामर्श में सौर डेवलपर्स जैसे सनएडिसन और फोर्थ पार्टनर एनर्जी, सरकारी एजेंसियों, डिस्कॉम, सरकारी एजेंसियों, डिस्कॉम, थिंक टैंक, उपभोक्ता संघों, फाइनेंसरों आदि सहित कई स्टेकहोल्डर्स ने भाग लिया। उद्घाटन सत्र के दौरान आरएमआई इंडिया, आईसीएलईआई, सीईईडब्ल्यू, अर्न्स्ट एंड यंग आदि संगठनों द्वारा सोलर रूफटॉप अपनाने में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय केस स्टडी प्रस्तुत की गईं।इस दौरान दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि दिल्ली सरकार द्वारा नियमित रूप से आयोजित नीति परामर्श ने हमें दिल्ली की एक नई, प्रभावी, अनुकरणीय और मजबूत सौर नीति तैयार करने के लिए स्टेकहोल्डर्स से मूल्यवान प्रतिक्रिया प्राप्त करने में सक्षम बनाया है। रूफटॉप सोलर इंस्टॉलेशन के माध्यम से दिल्ली सरकार पीक लोड को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने के लिए नवीन तंत्रों का पता लगाएगी, जो शहर में इलेक्ट्रिक वाहनों के विकास के लिए भी पूरक है। रेस्को मॉडल के प्रचार के माध्यम से ग्राहक को सौर पैनलों के निरंतर रखरखाव प्रदान किया जाना चाहिए।
डीडीसी उपाध्यक्ष जस्मिन शाह ने कहा कि दिल्ली के भविष्य के लिए सीएम अरविंद केजरीवाल के दृष्टिकोण का सस्टेनेबिलिटी एक प्रमुख पहलू है। दिल्ली पिछले 5 वर्षों में अपने सभी थर्मल पावर स्टेशनों को बंद करने वाला एकमात्र राज्य बनकर एक पर्यावरण लीडर के रूप में उभरा है। इसके अलावा सभी उद्योग को स्वच्छ ईंधन (पीएनजी) में परिवर्तित कर रहा है। ईवी अपनाने के मामले में निर्विवाद राष्ट्रीय लीडर बन गया है। दिल्ली की सौर नीति ने 2016 ने शहर में रूफटॉप सौर अपनाने की नींव रखी। नई सौर नीति दिल्ली को भारत की सौर राजधानी बना देगी। इसके अलावा एक वैश्विक अध्ययन किया जा सकता है कि कैसे शहर रूफटॉप सोलर मूवमेंट का नेतृत्व कर सकते हैं। यह दिल्ली के रोज़गार बजट के तहत कल्पना की गई हजारों नई हरित नौकरियां भी पैदा करेगा।