नई दिल्ली;-न्यूनतम पेंशन बढ़ाने की मांग को लेकर जंतर मंतर पर जारी पेंशनरों के क्रमिक अनशन के सातवें दिन महाराष्ट्र के पेंशनर अनशन पर बैठे ।अनशन स्थल पर सभा का भी आयोजन किया गया। जिसको ईपीएस-95 राष्ट्रीय संघर्ष समिति के अध्यक्ष कमांडर अशोक राऊत और राष्ट्रीय महासचिव वीरेंद्र सिंह राजावत ने संबोधित करते हुए कहा कि सरकार वयोवृद्ध पेंशनरों की समस्याओं के प्रति आंखें मूंदे बैठी है। इस कड़ाके की ठंड में बुजुर्ग लोगों अनशन और धरने पर बैठे हैं पर सरकार उदासीन है और ईपीएफओ की तानाशाही के कारण प्रतिदिन औसतन 200 पेंशनर स्वर्गवासी हो रहे हैं,आज के क्रमिक अनशन में महाराष्ट्र के विभिन्न सार्वजनिक निगमों, सहकारी, प्राइवेट संस्थानों के महिला पुरुष पेंशनरों ने बड़ी संख्या में भाग लिया और न्यूनतम पेंशन 7500/-महीना,मंहगाई भत्ता और मुफ्त चिकित्सा सुविधा की मांग की।पेंशनरों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगे इसी सत्र में नहीं मानी गई तो देशव्यापी आंदोलन होगा।अनशन में महाराष्ट्र उत्तर प्रदेश,मध्य प्रदेश और दिल्ली के पेंशनरों ने भी भागीदारी की। अनशन स्थल पर महाराष्ट्र के कई सांसद श्रीरंग अप्पा बारने,ओम राजे निम्बारकर और हेमंत गुडसे ने आश्वासन दिया कि वह जल्दी ही प्रधानमंत्री से मिलकर यह मुद्दा उठाएंगे।
सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय सचिव रमेश बहुगुणा,राजीव भटनागर राष्ट्रीय समन्वयक,राष्ट्रीय सलाहकार पी एन पाटील,पश्चिम भारत के समन्वयक सुभाष पोखरकर,कमलाकर पनागारकर,एस एन अंबेकर,डी.के.अन्ना,महिला प्रकोष्ठ की कविता भालेराव,आशा शेलके मीना सिंह राजावत जयश्री पाटिल,सरिता नारखेडे दिल्ली के समन्वयक,बी एस राणा,आर धारकर ने भी संबोधित किया।