जोशीमठ के बाद कर्णप्रयाग के मकानों में भी दरारें, प्रशासन ने लोगों को घर खाली करने का नोटिस दिया

 

जोशीमठ के बाद अब चमोली ज़िले के कर्णप्रयाग में भी लोग घरों में लगातार हो रही दरारों की वजह से दहशत में हैं.

कर्णप्रयाग में आठ घरों की हालत ख़तरनाक बनी हुई है. जिसे देखते हुए इन घरों में रहने वाले आठ परिवारों को इसे ख़ाली कराने का नोटिस दिया गया है.

बहुगुणा नगर के लोगों ने नोटिस पर क्या कहा

कर्ण प्रयाग के बहुगुणा नगर के रहने वाले हरेंद्र बिष्ट ने बताया कि उन्हें पटवारी की तरफ़ से घर ख़ाली करने के लिए नोटिस दिया गया है. बहुगुणा नगर में हरेंद्र बिष्ट का 6 कमरों का घर है.

घर में उनके साथ पत्नी प्रियंका और ढाई साल का बेटा शिवेन रहते हैं. हरेंद्र बिष्ट ने बताया कि उनके सभी कमरों में दरारे आई हैं. दरारें इतना चौड़ी हैं कि एक कमरे से दूसरे कमरे में देखा जा सकता है.

भरे मन से बात करते हुए हरेंद्र कहते हैं कि अपना सब कुछ छोड़कर, वो भी छोटे बच्चे के साथ, कहीं और जाना बेहद मुश्किल है.

वे कहते हैं, “बिना मूल्यांकन के हम घर कैसे छोड़ दें.”

हरेंद्र बिष्ट का कहना है कि जिस तरह से सरकार ने जोशीमठ में शिफ़्टिंग के लिए रक़म दी है, उसी तरह हमारी व्यवस्था करें, तो हमें भी आसानी होगी.

हरेंद्र कहते हैं कि साल 2012 में मंडी समिति के भवन निर्माण के दौरान जेसीबी मशीनों से यहाँ खुदाई की गई थी. उस वक़्त के बाद से ही मकानों में लगातार दरारें आनी शुरू हुईं.

कर्णप्रयाग के बहुगुणा नगर में ही पंकज डिमरी का चार कमरों का मकान है. उनके सभी चार कमरों में चौड़ी-चौड़ी दरारें आई हैं.

वे कहते हैं, “दरारें इतनी चौड़ी हैं कि देखकर डर लगता है.”

वे कहते हैं, “दरारें इतनी चौड़ी हैं कि देखकर डर लगता है.”

घर में उनके साथ पत्नी रूचि और दो बच्चे चिन्मय (10 साल) और विभूति (13 साल) साथ रहते हैं.

उन्हें भी घर खाली करने के लिए नोटिस दिया गया है. पंकज का कहना है कि उन्हें घर छोड़ने का बेहद दुख है.

कांपती आवाज़ से पंकज सवाल करते हैं, “बच्चों की पढ़ाई कैसे होगी.”

वे कहते हैं, “रैन बसेरे से रोज़ सुबह बच्चों का स्कूल जाना नामुमकिन है.”

पंकज ने बताया कि उन्हें रहने के लिए नगर पालिका के रैन बसेरे में कमरा दिया गया है. चूँकि कोई चारा नहीं है, लिहाजा वे अपना सामान लेकर वहां रहने का मन बना रहे हैं. उसके बाद वे रहने के लिए किराए का घर तलाशेंगे.

पंकज डिमरी का कहना है कि उनका घर सड़क के किनारे है.

वे कहते हैं कि पिछले साल बरसात के दौरान ऑल वेदर रोड की मशीनों से कटिंग की गई जिस वजह से घर में दरारें आई हैं.

क्या कहना है कर्णप्रयाग के तहसीलदार का?

कर्णप्रयाग के तहसीलदार सुरेंद्र सिंह देव से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया कि “11 जनवरी को तहसील प्रसाशन और अन्य तकनीकी विभागों के साथ 39 मकानों का एक जॉइंट इंस्पेक्शन किया गया था.”

वे बताते हैं कि इनमें से 8 मकान रहने लायक नहीं पाए गए थे.

सुरेंद्र सिंह देव ने बताया, “यूँ तो पूरे 39 मकानों की स्थिति ही ख़राब थी, मगर इनमें ये आठ घर बिलकुल रहने लायक नहीं थे. इन घरों में बहुत ज़्यादा दरारें थी.”

तहसीलदार सुरेंद्र सिंह देव ने बताया कि अभी बहुगुणा नगर इलाके के 8 मकानों को खाली करने का नोटिस दिया गया है.

वे कहते हैं, “उन मकानों में रह रहे लोगों को वैकल्पिक आवास के रूप में नगर पालिका परिषद कर्ण प्रयाग के रैन बसेरे में शिफ़्ट किया जाएगा.”

तहसीलदार सुरेंद्र सिंह देव ने बताया कि ज़िलाधिकारी ने निर्देश दिया है कि जोशीमठ की तर्ज़ पर राहत सहायता के लिए प्रस्ताव बनाकर ज़िला कार्यालय को भेजा जाए.

जोशीमठ की हालत देखकर पहले ही कर्णप्रयाग के निवासी अपने घरों की दरारें देख परेशान थे, अब घर खाली करने के नोटिस ने उनकी चिंता और बढ़ा दी है.

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