●चंदन हैं इस देश की माटी,तपोभूमि हर गांव है। हर बाला देवी की प्रतिमा,बच्चा-बच्चा राम हैं।।
● भारत विश्व की आत्मा हैं:-विभाश्री माताजी
●भारत की पहचान ‘जियो और जीने दो’ से हैं:- पूज्य गणिनी आर्यिका
● आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत धर्मसभा में हुआ राष्ट्रगान
● पंचायत अध्यक्ष अजित जैन सहित समाजसेवियों ने किया ध्वजारोहण
झाँसी:गांधी रोड स्थित श्री १००८ दिगम्बर जैन बड़ा मंदिर में आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम को सम्बोधित करते हए पूज्य गणिनी गुरुमां आर्यिकारत्न विभाश्री माताजी ने कहा कि भारत संसार के सभी देशों की आत्मा हैं और भारत की आत्मा को पहिचानना हैं तो यहां के अध्यात्म,संस्कृति व भारत के जीवन मूल्यों को जानना होगा। भारत की पहचान मात्र खजुराहो के मंदिर नहीं, आगरा का ताजमहल नही,भारत की पहचान अशोक चक्र,कुतुबमीनार व लालकिला नही बल्कि भारत की पहचान अगर किसी चीज से होती है तो भगवान महावीर के दिये हुए सिद्धांत ‘जियो और जीने दो’ से होती है,वसुदेवकूटम्बकम एवं सादा जीवन उच्च विचार के आदर्शों व स्वंय को जानने की कला के सिद्धांत से हुआ करती हैं। संसार मे जितने भी देश हैं उनमें अगर 24 तीर्थंकर सहित जितने भी शलाका पुरुष व दिव्य महापुरुष अगर कहीं हुए है वो एक मात्र भारत में हुए हैं।रिद्धि -सिद्धि सम्पन्न ऋषि मुनि अगर कहीं हुए है तो वह भारत मे हुए है।धर्म व धर्मात्माओं का उद्भव स्थान भारत देश हैं।अन्य देशों में जो भी धर्म है वह भारत कर द्वारा चुराया हुआ या निर्यात किया गया धर्म हैं।भारत मे ऋषभदेव,महावीर,राम हनुमान जैसे महान पुरुष हुए।राम जैसे महापुरुष अपने पिता के वचन को पूरा करने के लिए 14वर्ष के वनवास को स्वीकार कर लेते हैं।सीता जैसी सती हुई जो अपने पति के साथ वनवास को हर्ष पूर्वक स्वीकार करती हैं,लक्ष्मण जैसा भाई सेवा के लिए राज्य का त्याग कर देता हैं एवं भरत जैसा त्यागी भाई हुआ जो भाई के वन में जाने पर सिंहासन पर न बैठकर के भाई की चरण पादुका सिंहासन पर विराजमान करके राज्य का शासन करता रहा।भारत मे सूरदास,व्यास,वाल्मीकि,तुलसी जैसे कवि हुए भारत मे अरविंद व गांधी जैसे महापुरुष हुए।जितने भी महापुरुष इस भारत मे जन्में है उन्होंने राष्ट्र की सेवा में अपना जीवन समर्पित किया हैं।पूरी दुनिया का भ्रमण करने के बाद अगर वहां की संस्कृति के बारे में किसी से पूछा जाए तो एक ही आबाज आएगी ‘सारे जहां से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा’
उन्होंने आगे कहा कि भारत को चाहे भक्तों के दृष्टि से देखों चाहे परिवार की दृष्टि से देखो चाहे संतों,दानवीरों की दृष्टि से देखों भारत हमेशा सबसे आगे हैं।भारत एक गरीब देश है ऐसा कथन देश के प्रति एक नकारात्मक सोच हैं।भारत के निवासी उदार व सबसे ज्यादा दानी हैं।भारत के अंतस में प्रेम,वात्सल्य, सहयोग व दान की भावना हैं।
पूज्य गुरुमां ने अपने अमृतमयी वाणी में आगे कहा कि भारत के संसद व विधानसभाओं में बैठे कुछ लोग अगर सुधर जाएं तो भारत को विश्वगुरु बनने में कोई देर नहीं लगेगी।हमारे देश को आजाद कराने के लिए सैकड़ों-हजारों क्रांतिकारियों व स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया और देश को आजादी दिलाई लेकिन आज हमारा देश प्रशासनिक रूप से तो आजाद है लेकिन हम दैनिक उपयोग के लिए विदेशी वस्तुओं का उपभोग कर रहें हैं।
इस कार्यक्रम में दिगम्बर जैन पंचायत समिति के अध्यक्ष अजित कुमार जैन ने ध्वजारोहण किया इस अवसर पर कनिष्ठ उपाध्यक्ष वरुण जैन,वरिष्ठ समाजसेवी रमेश जैन ‘अछरौनी’,जिनेन्द्र सर्राफ,डॉ केसी जैन,कोषाध्यक्ष जितेन्द्र चौधरी,बड़ामंदिर मंत्री सुनील जैनको,करगुंवा मंत्री सिंघई संजय जैन,प्यावलजी मंत्री खुशाल जैन,दिनेश जैन ‘डीके’,मनोज सिंघई, अनूप जैन ‘सनी’,दिव्यांश जैन,अमन जैन,शुभम जैन,यश सिंघई,रवि जैन,शुभम ‘जैरी’, ‘पारस टेन्ट’,सिद्धांत जैन ‘इटावा’,श्रीमती सुधा सर्राफ, मनीषा सिंघई,श्वेता जैनम,रश्मि जैन ‘चैनू’,अनुष्का जैन आदि मौजूद रहें।
कार्यक्रम में दीप प्रज्वलित मनोज नायक व कु.सलोनी जैन ने मंगलाचरण व शालू जैन ने भक्ति भजन प्रस्तुत किये।
संचालन सौरभ जैन ‘सर्वज्ञ’ एवं आभार गौरव जैन नीम ‘बीड़ी वाले’ ने किया।