गया जिला, संवाददाता= नीरज कुमार यादव
राज्य के विश्वविद्यालयों की स्नातकोत्तर कक्षाओं और डिग्री कॉलेजों से लगातार तीन दिनों तक बिना पूर्व सूचना के (अनधिकृत रूप से) अनुपस्थित रहने वाले छात्र-छात्राओं का नाम काट दिया जाएगा। इसका सख्ती से पालन करने का निर्देश शिक्षा विभाग ने सभी विश्वविद्यालयों को दिया है। मालूम हो कि सितंबर माह से राज्य के स्कूलों से अनुपस्थित रहने वाले बच्चों का नाम काटा जा रहा है। इसी तर्ज पर विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को भी कार्रवाई करने को कहा गया है।
विश्वविद्यालयों को कहा गया है कि बिना वाजिब कारण के कोई विद्यार्थी लगातार तीन दिनों तक कक्षा से अनुपस्थित है, तो उसे नोटिस भेजकर जवाब मांगें। अगर, छात्र या छात्रा द्वारा दिया गया जवाब संतोषजनक नहीं है, तो उसका नाम काट दें। साथ ही उसका पंजीकरण भी रद्द करने की कार्रवाई करें। शिक्षा विभाग के ACS केके पाठक के निर्देश पर उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. रेखा कुमारी की ओर से राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों को पत्र भेजा गया है।
कुलसचिवों को लिखे पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि किसी विद्यार्थी की कक्षा में उपस्थिति 75 प्रतिशत से कम रहती है तो उसे परीक्षा का प्रवेशपत्र नहीं दिया जाए। विश्वविद्यालयों के परीक्षा नियंत्रक कुलसचिवों के सहयोग से यह सुनिश्चित करेंगे कि संबंधित विद्यार्थी की उपस्थिति 75 प्रतिशत अथवा उससे अधिक रही है, इसके बाद भी उसका प्रवेशपत्र निर्गत किया जाएगा। अगर, 75 प्रतिशत से कम उपस्थिति है तो प्रवेशपत्र जारी नहीं जारी होगा। उक्त दोनों आदेशों का दृढ़ता से पालन करने को विश्वविद्यालयों से कहा गया है।
इससे पहले राज्य के सरकारी स्कूलों से लगातार अनुपस्थित रहने वाले 19 लाख बच्चों के नाम पिछले डेढ़ माह में काटे गये हैं। इनमें सबसे अधिक चौथी और पांचवीं के दो-दो लाख से अधिक बच्चे शामिल हैं। पहली के 1.20 लाख, दूसरी के 1.55 लाख और तीसरी के 1.95 लाख बच्चे शामिल हैं। सबसे कम दसवीं के 21 हजार और 12 वीं के 15 हजार विद्यार्थी के नाम काटे गये हैं। शिक्षा विभाग का प्रधानाध्यापकों को निर्देश है कि तीन दिनों तक लगातार अनुपस्थित रहने वाले बच्चों के अभिभावकों को नोटिस दें।
वहीं राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के शिक्षण प्रशिक्षण के तहत 63.3 फीसदी शिक्षक ही शामिल हुए। प्रशिक्षण में पूरे राज्य से 10858 शिक्षकों को शामिल होना था, 6878 (63.3 फीसदी) ही शामिल हुए। यानि 3980 शिक्षकों ने प्रशिक्षण में शामिल होने में असमर्थता जतायी। इनमें अधिकांश शिक्षकों ने प्रशिक्षण में शामिल नहीं होने की वजह नवरात्रा की पूजा और उपवास में रहना बताया है। वहीं कई शिक्षक बीमार होने के कारण प्रशिक्षण में शामिल नहीं हो पाएं।
बता दें कि एससीईआरटी के माध्यम से राज्य भर के प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक तक के शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसकी शुरुआत जून में हुई। इसके तहत सोमवार से शनिवार तक शिक्षकों को प्रशिक्षण दिए जाते है। इस बार भी 16 से 21 अक्टूबर तक प्रशिक्षण के लिए तिथि निर्धारित की गई। जबकि पहले 15 से 20 अक्टूबर तक तिथि निर्धारित थी। चूंकि 15 अक्टूबर से दुर्गापूजा शुरू हो चुका है।